टिंकू कपाला का नहीं पड़ रहा पुलिस से पाला, साथी ने बताई चौकाने वाली ये बातें Lucknow News
मुठभेड़ में पकड़े गए तीनों बदमाशों को भेजा गया जेल गिरोह के सरगना टिंकू की तलाश में लगी पुलिस।
लखनऊ, जेएनएन। पुलिस मुठभेड़ में पकड़े गए तीनों बदमाशों को राजधानी पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। उधर, गिरोह के सरगना टिंकू कपाला का पुलिस से पाला नहीं पड़ रहा है। एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक, आइजी रेंज एसके भगत को कपाला पर घोषित इनाम बढ़ाने के लिए रिपोर्ट भेजी गई थी, जिसकी स्वीकृति मिल गई है। कपाला पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कपाला की तलाश में क्राइम ब्रांच, सर्विलांस और राजधानी पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं। संभावित स्थानों पर छापेमारी की जा रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही टिंकू को दबोच लिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि टिंकू नेपाली से पूछताछ में पता चला है कि उसने कपाला और अन्य साथियों के साथ लूट और हत्या की कई घटनाओं को अंजाम दिया है। इनमें सीतापुर, हरदोई और बाराबंकी समेत अन्य जिलों में पांच ऐसी हत्याएं की थीं, जिनका पुलिस रिकॉर्ड में उनका कोई जिक्र ही नहीं है। टिंकू नेपाली से पूछताछ के जरिए पुलिस यह पता लगा रही है कि जो पांच हत्याएं हुई थीं, उनका वर्तमान स्टेटस क्या है। इसके आधार पर पकड़े गए तीनों आरोपितों की पुलिस कस्टडी रिमांड लेकर जानकारी जुटाएगी।
आरके ज्वैलर्स के मालिक ने की एसएसपी से मुलाकात
आरके ज्वैलर्स के मालिक राजीव ने सोमवार को पुलिस ऑफिस जाकर एसएसपी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पुलिस टीम को धन्यवाद दिया। राजीव ने सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई, जिसपर अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया। सर्राफ को पुलिस ने घटना के बाद से ही सुरक्षा उपलब्ध कराई थी। राजीव ने फरार चल रहे टिंकू कपाला को गिरफ्तार करने की मांग भी की है।
घर से खाना मंगाता था टिंकू नेपाली
तीन माह से पुलिस आरके ज्वैलर्स लूट व दोहरे हत्याकांड का राजफाश करने के लिए दिन रात एक की थी। लखनऊ से दिल्ली तक ताबड़तोड़ दबिश दी गई, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मुठभेड़ में पकड़ा गया टिंकू नेपाली लखनऊ में ही छिपा था। खास बात यह है कि आरोपित प्रतिदिन चौपटिया स्थित अपने घर से खाना मंगाकर खाता था।
सूत्रों के मुताबिक, टिंकू ने चौक में करबला के पास एक किराए का कमरा लिया था। वह अविवाहित है और उसके परिवार में भाई और मां हैं। पुलिस के डर से वह रोज घर तो नहीं जाता था, लेकिन खाना मां के हाथ का ही खाता था। छानबीन में चौंकाने वाली बात ये आई है कि सर्विलांस, क्राइम ब्रांच और पुलिस टीमें गिरोह की पहचान कर उनकी तलाश में दर-दर भटक रही थीं, लेकिन उन्हें टिंकू नेपाली के चौक में छिपे होने की जानकारी नहीं हो सकी। पुलिस का कहना है कि टिंकू जहां किराए पर रहता था वहां कमरे के बाहर से ताला लटका रहता था। संदेह के आधार पर मुखबिर को लगाया गया था, लेकिन जानकारी नहीं हो पाई। टिंकू के घरवाले बाहर से ताला खोलकर खाना कमरे में पहुंचाने के बाद दरवाजा फिर से लॉक कर देते थे, जिससे किसी को शक नहीं हुआ।
कमरा बदलकर रहता था कपाला भी
एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक, टिंकू कपाला उर्फ कमल किशोर उर्फ हेमंत कुमार उर्फ संजय उर्फ मामा दिलाराम बरादरी निवाजगंज चौक का रहने वाला है। वह वृंदावन योजना के सेक्टर 10 में मयंक शास्त्री के साथ उसके फ्लैट में रहता था। इधर कुछ समय से मोहनलालगंज में फ्लैट लेकर रहने लगा था।