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बीमा कंपनी के अफसर बन करोड़ों की ठगी, यूपी-दिल्ली-मध्यप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों में फैला था जाल

क्राइम ब्राच ने छह लोग पकड़े आधार कार्ड, वोटर कार्ड, लैपटॉप समेत भारी मात्र में सामान बरामद।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Apr 2018 10:05 AM (IST)Updated: Mon, 16 Apr 2018 10:05 AM (IST)
बीमा कंपनी के अफसर बन करोड़ों की ठगी, यूपी-दिल्ली-मध्यप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों में फैला था जाल
बीमा कंपनी के अफसर बन करोड़ों की ठगी, यूपी-दिल्ली-मध्यप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों में फैला था जाल

लखनऊ[जागरण संवाददाता]। कृष्णानगर और क्राइम ब्राच की संयुक्त टीम ने ऐसे जालसाजों के गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बीमा पॉलिसी पर अतिरिक्त लाभ और बोनस देने के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं। जालसाजों ने कॉल सेंटर बनाकर गोमतीनगर में बकायदा ऑफिस भी खोल रखा था। जालसाजों ने उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली और मध्यप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों में भी जाल फैला रखा था। एएसपी क्राइम दिनेश कुमार सिंह के मुताबिक, पकड़े गए लोगों में दिल्ली निवासी अमन कुमार, गौरव कुमार सिंह, झासी निवासी गौरव मेहता, पारा निवासी आकाश कुमार, रायबरेली निवासी अंकित और गोसाईगंज निवासी रवि वर्मा हैं। उनके अन्य साथियों का पता लगाया जा रहा है। अभियुक्तों के कब्जे से पुलिस ने 1.12 लाख रुपये, छह लैपटॉप, 67 मोबाइल फोन, 23 एटीएम कार्ड, 15 पासबुक, 61 सिमकार्ड, पाच वोटर कार्ड, पाच आधार कार्ड, दो पैनकार्ड, एक बाइक, 47 मोबाइल फोन की बैटरी सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। हरियाणा के परवल निवासी रमेश सिंह ने कुछ दिन पहले मामले की शिकायत कृष्णानगर पुलिस से की थी। उनकी बीमा पॉलिसी पर बोनस दिलाने के नाम पर जालसाजों ने 88 हजार रुपये हड़प लिए थे। जालसाजों ने रकम कृष्णानगर स्थित आध्रा बैंक के एक खाते में जमा कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए कृष्णानगर पुलिस ने रमेश सिंह की तहरीर पर की रिपोर्ट दर्ज की। इसके बाद कृष्णानगर पुलिस ने क्राइम ब्राच की मदद से छानबीन को आगे बढ़ाया। जाच सामने आया कि बीमा पॉलिसी के नाम पर बोनस दिलाने की आड़ में गैंग सक्रिय है। इसके बाद सर्विलास की मदद से कृष्णानगर पुलिस और क्राइम ब्राच की संयुक्त टीम ने शनिवार रात (14 अप्रैल)पिकेडली होटल के पास से छह जालसाजों को गिरफ्तार किया। इस गैंग के दो सदस्य विनोद और कविता को कुछ समय पहले दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जबकि पकड़े गये आरोपी फरार थे। पकड़े गये आरोपियों के खिलाफ दिल्ली, गाजियाबाद और मध्य प्रदेश में धोखाधड़ी के कई मामले पहले से दर्ज हैं। ग्रामीणों का खाता खुलवाकर करते थे ठगी

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सीओ कृष्णानगर लाल प्रताप सिंह के मुताबिक पकड़े गये जालसाज रकम अपने खाते में नहीं मंगवाते थे। जालसाज ग्रामीणों को पाच हजार रुपये देकर उनके खाते खुलवाते थे। इसके बाद ग्रामीणों का एटीएम, पासबुक और चेकबुक खुद ही रख लेते थे। ठगी की रकम खाते में आने के बाद आरोपित उन खाते से रुपये निकालकर अपने खाते में ट्रासफर कर देते थे। बीमाधारक बरतें सावधानी

आजकल जालसाजों से बीमा धारकों को विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। बीमा कंपनी के नाम पर बोनस से संबंधित कॉल आने पर सतर्क रहें। कोई भी कंपनी फिलहाल पॉलिसी पर अलग से कोई बोनस नहीं देती है। किसी भी फोनकर्ता को बीमा कंपनी का अधिकारी न समझें। अगर कोई रुपये जमा कराने की बात कहता है तो समझें कि वह ठग है। दिल्ली और लखनऊ के अलावा कानपुर में भी बनाए थे ठिकाना

इंस्पेक्टर कृष्णानगर अंजनी कुमार पाडेय ने बताया कि जालसाजों ने दिल्ली में एक फर्जी कॉल सेंटर खोला था। वहा कुछ साथियों की गिरफ्तारी के बाद आरोपित लखनऊ आ गये। यहा पकड़े जाने के डर से लखनऊ से भागकर कानपुर में अपना नया ठिकाना बना लिया था। जालसाजों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उनके पास से जो 21 पेज का डाटा मिला है, उसमें अलग-अलग बीमा कंपनियों के ग्राहकों के नाम और नंबर हैं, यह डाटा जालसाज जस्ट डायल सर्च इंजन से हासिल करते थे। बीमा धारकों का ब्योरा आने के बाद वह लोग उन लोगों से संपर्क करते थे और लालच देकर शिकार बनाते थे।


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