ATM तक ले जाने के बहाने सुनसान जगह ले जाकर NRI युवती से छेड़छाड़, लखनऊ नगर निगम का कर्मचारी सस्पेंड
लखनऊ में नगर निगम के इंदिरानगर जोन-सात कार्यालय में अपने पैतृक मकान का नामांतरण कराने आई अनिवासी भारतीय (एनआरआइ) युवती से राजस्व निरीक्षक (श्रेणी द्वितीय) ने छेड़छाड़ की। एनआरआई युवती की शिकायत पर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने आरोपित राजस्व निरीक्षक उदय त्रिपाठी को निलंबित कर दिया। इस प्रकरण की विस्तृत जांच मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को दी गई है।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। तहजीब के शहर पर नगर निगम के कर्मचारी ने अनिवासी भारतीय के साथ छेड़छाड़ कर दाग लगा दिया। इंदिरानगर जोन-7 कार्यालय में अपने पैतृक मकान का नामांतरण कराने आई अनिवासी भारतीय (एनआरआई) से राजस्व निरीक्षक (श्रेणी द्वितीय) ने छेड़छाड़ की। युवती की शिकायत पर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने आरोपित राजस्व निरीक्षक उदय त्रिपाठी को निलंबित कर दिया। इस प्रकरण की विस्तृत जांच मुख्य कर निर्धारण अधिकारी को दी गई है। निलंबित राजस्व निरीक्षक को उनके कार्यालय से संबद्ध किया गया है।
युवती की शिकायत की प्रारंभिक जांच जोनल अधिकारी सात आकाश कुमार ने की। जांच में पाया गया कि चार सितंबर को युवती नामांतरण कराने के लिए कार्यालय आई। नामांतरण शुल्क के पैसे निकालने के लिए वह एटीएम बूथ पूछ रही थी। मौका देख राजस्व निरीक्षक ने बाइक से उसका पीछा किया। उसने एटीएम तक ले जाने का झांसा देते हुए युवती को बाइक पर बैठा लिया और सुनसान जगह की तरफ ले गया।
छेड़छाड़ के साथ ही जबरदस्ती करने की कोशिश की
युवती का आरोप है कि वहां उसने छेड़छाड़ के साथ ही जबरदस्ती करने की कोशिश की। विरोध करने पर उसने युवती को धमकाया और कहा कि यह बात वह किसी को बताए नहीं। बाद में शाम सवा चार बजे युवती को नगर निगम कार्यालय छोड़ दिया। युवती ने इसकी जानकारी कार्यालय में तैनात महिला अधिकारियों व कर्मचारियों को दी और रो-रो कर अपना दर्द बताया, जो नगर निगम के सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हो गया।
राजस्व निरीक्षक के निलंबन के आदेश में कही गई ये बात
जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि युवती ने नगर निगम की महिला अधिकारियों से छेड़छाड़ किए जाने की शिकायत की थी। नगर आयुक्त की तरफ से राजस्व निरीक्षक के निलंबन आदेश में कहा गया है कि राजस्व निरीक्षक उदय त्रिपाठी पर काम कराने आई महिलाओं के कार्यों को न करने और अपने केबिन में लंबे समय तक बैठाने का भी आरोप है।
यह लिखा गया कि राजस्व निरीक्षक का यह कृत्य नगर महापालिका सेवा नियमावली (नगर निगम) 1962 के आचरण नियमावली भाग-छह के विरुद्ध है। महिला से अनैतिक व्यवहार करने से नगर निगम की छवि भी धूमिल हुई है, जिससे जनमानस में नगर निगम के प्रति विपरीत प्रभाव पड़ा है।
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