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एयरपोर्ट से इंदिरानगर के बीच फरवरी में दौड़ेगी मेट्रो, जल्‍द होगा प्री ट्रायल

जल्द मिलेगा तोहफा: चौधरी चरण सिंह से मुंशी पुलिया के बीच जनवरी में हो जाएंगे सारे काम। 20 दिसंबर से पहले किसी भी दिन लखनऊ मेट्रो का प्री ट्रायल।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 01:31 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 01:49 PM (IST)
एयरपोर्ट से इंदिरानगर के बीच फरवरी में दौड़ेगी मेट्रो, जल्‍द होगा प्री ट्रायल
एयरपोर्ट से इंदिरानगर के बीच फरवरी में दौड़ेगी मेट्रो, जल्‍द होगा प्री ट्रायल

लखनऊ [अंशू दीक्षित]। बहुत जल्द आप चौधरी चरण सिंह मेट्रो स्टेशन से मुंशी पुलिया स्टेशन तक सफर कर सकेंगे। लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन (एलएमआरसी) फरवरी 2019 में पब्लिक के लिए मेट्रो चलाने जा रहा है। इसके लिए 15 नवंबर तक सिविल वर्क पूरा करने, नवंबर में सीआरएस को क्लीयरेंस के लिए पत्र और 20 दिसंबर से पहले मेट्रो के प्री ट्रॉयल की तैयारी पूरी कर ली गई है। स्टेशनों पर फिनिशिंग का काम जनवरी में खत्म करने के निर्देश दिए गए हैं। फिर सीएम का समय मिलते ही फरवरी में पब्लिक के लिए मेट्रो चला दी जाएगी। 23 किमी. रूट पर मेट्रो का तोहफा राजधानी के लोगों को मिलने जा रहा है।

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एलएमआरसी ने चौधरी चरण सिंह से मुंशी पुलिया के बीच बन रहे सभी स्टेशनों फर ट्रैक, इलेक्ट्रिक व फिनिशिंग का काम साथ-साथ शुरू कर दिया है। स्टेशनों पर तीन पालियों में काम किया जा रहा है। आइटी से बादशाह नगर का ट्रैक अगर छोड़ दिया जाए तो अक्टूबर में पूरे रूट पर सिविल वर्क पूरा हो जाएगा। स्टेशनों पर प्लेटफार्म तक बन गए हैं। 15 अक्टूबर 2018 तक हुसैनगंज, सचिवालय और हजरतगंज भूमिगत स्टेशनों की फिनिशिंग पूरी करने का दावा मेट्रो के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया है। वहीं चौधरी चरण सिंह मेट्रो स्टेशन नवंबर 2018 में तैयार हो सकेगा। क्योंकि यह स्टेशन सबसे अंत में शुरू हुआ था। हालांकि सबसे मार्डन स्टेशन चौधरी चरण सिंह होगा।

ट्रैक के साथ-साथ विद्युतीकरण भी

लखनऊ मेट्रो ने ट्रैक के साथ-साथ विद्युतीकरण का काम भी तेज कर दिया है। 15 नवंबर तक सभी स्टेशनों पर विद्युतीकरण का काम शुरू हो जाएगा और स्टेशनों पर एसी, लिफ्ट, स्वाचालित सीढिय़ां लगाने का काम किया जाएगा।

सीआरएस क्लीयरेंस के पेपर तैयार होने शुरू

लखनऊ मेट्रो ने रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) से क्लीयरेंस लेने के लिए अभी से अपने पेपर तैयार करने शुरू कर दिए हैं। अक्टूबर में इसे फाइनल टच देकर नवंबर में सीआरएस को भेज दिए जाएंगे। सीआरएस के पास ढाई माह का समय रहेगा क्लीयरेंस देने के लिए। इस बार आरडीएसओ द्वारा होने वाला ऑक्सीलेशन ट्रॉयल नहीं होगा। क्योंकि कोचों में कोई बदलाव नहीं है। सिर्फ रूट नया है।


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