आज से परखी जाएंगी लखनऊ मेट्रो की तैयारियां
मेट्रो सूत्रों के मुताबिक पीएम व सीएम का समय मिलते ही 15 अगस्त तक मेट्रो का तोहफा राजधानी की 50 लाख जनता को मिल सकता है।
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। लखनऊ मेट्रो के लिए 27 और 28 जुलाई के दिन सबसे महत्वपूर्ण होंगे। यह दो दिन ढाई साल की मेहनत का फैसला करेंगे। क्योंकि अब तक सिर्फ मेट्रो की ओर से अच्छा काम करने के प्रयास किए गए हैं। अब यह काम क्या यात्रियों की सुरक्षा व संरक्षा के दृष्टिकोण से बेहतर है, इसका फैसला रेल मेट्रो संरक्षा आयुक्त व उनकी टीम करेगी।
लखनऊ मेट्रो के अधिकारियों का प्रतिनिधि मंडल चीफ डिजाइन इंजीनियर प्रदीप कुमार के नेतृत्व में बुधवार की सुबह रेल मेट्रो संरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) से मिलने पहुंचा था। मेट्रो टीम के सामने आयुक्त द्वारा कुछ प्रश्न उठाए गए थे। इन प्रश्नों का जवाब मेट्रो अफसरों ने बुधवार को बेहतर तरीके से दिए। यही नहीं मेट्रो के सभी आठों स्टेशन को मिली फायर एनओसी भी रेल संरक्षा आयुक्त ने देखी और संतुष्ट हुए।
इससे पहले मार्च के पहले सप्ताह में आरडीएसओ की ओसीलेशन सर्टिफिकेट और रेल मंत्रलय से मिला तकनीकी सर्टिफिकेट भी रेल मेट्रो संरक्षा आयुक्त ने देखे। फिलहाल एक घंटे से अधिक चली मीटिंग में उन्होंने 27 और 28 जुलाई को निरीक्षण करने पर सहमति दे दी है। दैनिक जागरण ने 25 जुलाई को ही '27 व 28 जुलाई को मेट्रो की किस्मत का होगा फैसला' शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी।
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15 अगस्त तक चल सकती है मेट्रो: रेल मेट्रो संरक्षा आयुक्त दो दिन निरीक्षण करेंगे। अगर सब कुछ ठीक रहा तो चार से पांच दिन में क्लीयरेंस भी लखनऊ मेट्रो को मिल जाएगा। इसके बाद प्रदेश सरकार के पाले में गेंद होगी। मेट्रो सूत्रों के मुताबिक पीएम व सीएम का समय मिलते ही 15 अगस्त तक मेट्रो का तोहफा राजधानी की 50 लाख जनता को मिल सकता है।
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