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नृत्य कला से विभूषित विभू, संसद भवन में देंगी नृत्य प्रस्तुति

विभू पांच फरवरी को संसद भवन में नृत्य प्रदर्शन करेंगी। भरतनाट्यम, कथक और लोकनृत्यों में कुशलता के साथ ही गायिकी का भी हुनर रखती हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 04:45 PM (IST)Updated: Mon, 04 Feb 2019 08:59 AM (IST)
नृत्य कला से विभूषित विभू, संसद भवन में देंगी नृत्य प्रस्तुति
नृत्य कला से विभूषित विभू, संसद भवन में देंगी नृत्य प्रस्तुति

लखनऊ, [दुर्गा शर्मा]। बचपन से ही स्वयं निर्देशित नृत्य नाटिकाओं का मंचन कर रहीं विभू बाजपेई की प्रतिभा को 2010 में विशेष पहचान मिली। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने बहुमुखी प्रतिभा के लिए ‘राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित किया। लगन बढ़ती गई और युवा होते-होते विभू कुशल शास्त्रीय नृत्यांगना होने के साथ ही 100 से अधिक शिष्य-शिष्याओं की गुरु भी बन गईं।

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भरतनाट्यम, कथक और लोकनृत्यों में कुशलता के साथ ही गायिकी का भी हुनर रखती हैं। विभू पांच फरवरी को संसद भवन में नृत्य प्रदर्शन करेंगी। शीघ्र ही वह लखनऊ में भरतनाट्यम का दो दिवसीय नृत्य उत्सव भी आयोजित करने की योजना बना रही हैं। वह कहती हैं, उन्हें भले ही भरतनाट्यम की शिक्षा लेने के लिए दिल्ली जाना पड़ा हो पर लखनऊ में होने वाली विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां किसी की भी कला को पहचान दिलाने में सक्षम हैं। अगर शहर में कला कौशल के व्यवसायिक पक्ष के लिए भी और अवसर उपलब्ध होने लगे तो सुखद होगा। विभू आठ वर्षो से पद्म विभूषण डॉ. सोनल मानसिंह (राज्यसभा सदस्य) की शिष्या हैं। उनके साथ अक्सर विभिन्न शहरों में प्रस्तुति देती रहती हैं। साथ ही गुरु बसंत सैकिया से कथक (लखनऊ घराना) का प्रशिक्षण भी लिया है। विभिन्न मंचों पर कलारिपायट्टू विधा की भरतनाट्यम संग बेहद सुंदर कोरियोग्राफी भी उतारी हैं। शिवोहम, नवरस, सब है अपूर्ण संगीत बिना.., शक्ति, बुद्धचरित्र, कृष्ण, सप्तदेव, अलंकार आदि प्रस्तुतियां विशेष हैं। वर्तमान में परास्नातक की छात्र होने के साथ ही विभू भारतीय साहित्य, इतिहास व संस्कृति का भी अध्ययन कर रही हैं।

इन मंचों पर रही प्रस्तुति

बाल उत्सव, लखनऊ महोत्सव, राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव, कटक नृत्य उत्सव, प्रयाग खादी महोत्सव, पर्यटन उत्सव जयपुर, पुराना किला महोत्सव दिल्ली सहित विभू संगीत नाटक अकादमी भारत सरकार द्वारा पूवरेत्तर भारत की नृत्य यात्र भी कर चुकी हैं। अवधी लोक गीतों के संकलन ‘मेरी परनानी के गीत’ भी प्रकाशित हो चुकी है।

मिले सम्मान

पं. दीनदयाल उपाध्याय कलाश्री सम्मान (2018), पं. बृजमोहन अवस्थी लोक संस्कृति सम्मान (2016), सनातन शिरोमणि सम्मान (2016), तुलसी सम्मान (2011) और शाने अवध (2005) आदि।

स्वच्छता को समर्पित नृत्य

विभू पांच फरवरी को संसद भवन में नृत्य प्रदर्शन करेंगी। गुरु डॉ. सोनल मानसिंह के निर्देशन एवं परिकल्पना में स्वच्छता को समर्पित इन नृत्य नाटिकाओं में मोहिनी भस्मासुर नृत्य प्रस्तुति होगी।


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