Lucknow District Jail Recovery Case: जेल अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका की भी होगी जांच
शनिवार को जेल अस्पताल में बंदी अंशुमान पर रसूखदार बंदी सईद द्वारा किए गए हमले में अंशुमान की मां ने जेल अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। डीजी जेल आनंद कुमार से शिकायत करने के दौरान अंशुमान की मां ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की।
लखनऊ, जेएनएन। जिला कारागार में वसूली के विरोध में बंदी अंशुमान पांडेय पर शातिर बंदी द्वारा किए गए हमले के मामले में अब जेल अधिकारियों और कर्मचारियों की भी भूमिका की जांच होगी। आज डीआइजी जेल संजीव त्रिपाठी जिला कारागार में जाकर फिर जांच करेंगे। इस संबंध में वह जेल अधिकारियों, कर्मचारियों और बंदियों के बयान भी दर्ज करेंगे।
बंदी की मां ने जेल अधिकारियों की भूमिका पर उठाए सवाल
शनिवार को जेल अस्पताल में बंदी अंशुमान पर रसूखदार बंदी सईद द्वारा किए गए हमले में अंशुमान की मां ने जेल अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। मंगलवार को डीजी जेल आनंद कुमार से शिकायत करने के दौरान अंशुमान की मांग ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। उन्होंने बताया कि बेटे से आए दिन रुपयों की वसूली जेल में होती है। इसमें जेल अधिकारी और कर्मचारियों की भी संलिप्तता है।
दहेज हत्या के मामले में बंद है असिस्टेंट कमिश्नर का बेटा अंशुमान
अंशुमान के पिता असिस्टेंट कमिश्नर हैं। अंशुमान जेल में दहेज हत्या के मामले में बंद है। वहीं, सईद शातिर अपराधी है। अंशुमान की मां ने बाहर किसी सरकार अस्पताल में उसका मेडिकल परीक्षण कराने के साथ ही इलाज कराने की मांग की है। हालांकि अभी जेल अधिकारियों ने इसकी मंजूरी नहीं दी है। अंशुमान का इलाज वहीं, जेल अस्पताल में चल रहा है।
ग्लूकोज स्टैंड से किया था हमला
जानकारी के मुताबिक बीते शनिवार को बंदी सईद, अंशुमान से रुपयों की मांग कर रहा था। अंशुमान ने जब उसे रुपये देने से मना कर दिया तो सईद ने गाली गलौज कर ग्लोकोज स्टैंड के राड से उस पर हमला बोल दिया था। हमले में अंशुमान के शरीर पर चोटे आई थीं। इसके बाद जेल अधिकारियों के निर्देश पर सईद को तनहाई बैरक में डाल दिया गया था। मंगलवार को डीआइजी संजीव त्रिपाठी की जांच के दौरान अंशुमान के शरीर पर चोटे पाई गईं थीं।
'बंदियों में मारपीट हुई थी। पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है। इस मामले में जेल अधिकारियों और कर्मचारियों के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। जल्द ही जांच पूरी करके रिपोर्ट डीजी जेल को प्रेशित की जाएगी।' - संजीव त्रिपाठी, डीआइजी जेल