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लखनऊ विकास प्राधिकरण बड़े भवनों में पार्किंग व रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच करेगा, तय किए गए मानक

लखनऊ विकास प्राधिकरण शहर में 300 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले वाणिज्यिक एवं ग्रुप हाउसिंग भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पार्किंग की जांच करेगा। समीक्षा बैठक के दौरान प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 26 Oct 2021 08:13 AM (IST)Updated: Tue, 26 Oct 2021 02:43 PM (IST)
लखनऊ विकास प्राधिकरण बड़े भवनों में पार्किंग व रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच करेगा, तय किए गए मानक
लखनऊ विकास प्राधिकरण रेन वाटर हार्वेस्टिंग की जांच करेगा।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण शहर में 300 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले वाणिज्यिक एवं ग्रुप हाउसिंग भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग और पार्किंग की जांच करेगा। सोमवार को प्रवर्तन कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने विहित प्राधिकारियों के न्यायालय में प्रचलित वादों के निस्तारण के लिए प्रवर्तन की पिछली समीक्षा बैठक में दिये गये लक्ष्य को एक नवम्बर, 2021 तक पूरा किये जाने का अल्टीमेटम भी दिया।

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बैठक के दौरान उपाध्यक्ष ने अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए कहा कि निर्धारित भू-उपयोग के विरूद्ध लैण्डयूज के प्रकरणों में धारा-26(2) की कार्यवाही प्रचलित की जाए। उन्होंने सभी विहित प्राधिकारियों और जोनल अभियंताओं को निर्देशित किया कि वे मुख्य नगर नियोजक कार्यालय से 300 वर्गमीटर से अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों के स्वीकृत मानचित्र की सूची विवरण सहित प्राप्त कर लें। तत्पश्चात् प्रत्येक जोन में वाणिज्यिक /ग्रुप हाउसिंग भवनों का निरीक्षण कर यह देखे कि इन जगहों पर पार्किंग और रेन वाटर हार्वेस्टिंग संचालित है या नहीं, इसके बाद नियमानुसार कार्यवाही करें। इसी तरह उन्होंने एक साल से पुराने वादों को दिसम्बर, 2021 तक निस्तारित करने के निर्देश दिये। इन कार्याें में तेजी लाने के लिए उपाध्यक्ष ने विहित प्राधिकारी एवं जोनल अभियंताओं के न्यायालय में एक-एक अतिरिक्त टाइपिस्ट की तैनाती करने के लिए अधिष्ठान विभाग को निर्देशित किया।उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने निर्देश दिये कि प्रत्येक प्रवर्तन जोन में एक सहायक अभियंता की तैनाती की जाए तथा अपरिहार्य स्थिति में एक सहायक अभियंता को दो से अधिक जोनों में तैनाती न की जाए।

इसके अलावा सभी जोनों में अवर अभियंताओं की मांग होने पर उपाध्यक्ष ने मुख्य अभियंता को तैनाती का प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। उपाध्यक्ष ने बताया कि प्रवर्तन कार्यों के लिए तैयार कराया गया आनलाइन एप शुरू हो गया है। शुरूआती चरण में इसे जोन-एक में लागू करके नतीजे देखे जाएंगे।


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