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लखनऊ व‍िकास प्राध‍िकरण के पास वकीलों की फौज फ‍िर भी हार रहेे केस, जान‍िए क्‍या म‍िलती हैं सुव‍िधाएं

प्राधिकरण के केसों को जीतने का ग्राफ पचास फीसद के आसपास ही है। यह स्थिति तब है जब लविप्रा के पैनल में 122 वकीलों की टीम है। नियमों के तहत लविप्रा के पैनल में शामिल वकील प्राधिकरण के खिलाफ केस नहीं लड़ सकता।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 11:04 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 04:27 PM (IST)
लखनऊ व‍िकास प्राध‍िकरण के पास वकीलों की फौज फ‍िर भी हार रहेे केस, जान‍िए क्‍या म‍िलती हैं सुव‍िधाएं
सुप्रीम कोर्ट के पैनल में चौदह व हाई कोर्ट के पैनल में 45 वकील।

लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विकास प्राधिकरण लविप्रा में सूचना के अधिकार से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक बेहतरीन वकीलों की टीम है, इसके बाद भी प्राधिकरण के केसों को जीतने का ग्राफ पचास फीसद के आसपास ही है। यह स्थिति तब है जब लविप्रा के पैनल में 122 वकीलों की टीम है। नियमों के तहत लविप्रा के पैनल में शामिल वकील प्राधिकरण के खिलाफ केस नहीं लड़ सकता। यही नहीं प्रति उपस्थिति व प्रति वाद पर लविप्रा हजार रुपये खर्च कर रहा है। इसके बाद भी स्थितियां अनुकूल नहीं हैं। प्राधिकरण द्वारा एक बार फिर से फीस को लेकर नई सूची बनाई गई है।

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नई सूची के अनुसार इसमें सर्वोच्च न्यायालय के नामित वरिष्ठ अधिवक्ता अथवा राज्य केंद्र सरकार के विधि अधिकारी यथा एएजी एएसजी को प्रति उपस्थिति पचास हजार रुपये देगा। वहीं सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवाद (अन्य खर्चे भी शामिल ) 80 हजार प्रतिवाद देगा। राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम में केस लड़ने व उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता को प्रतिवाद 20 हजार देगा। उच्च न्यायालय एवं सर्विस ट्रिब्यूनल के अधिवक्ता दस हजार प्रतिवाद, सिविल कोर्ट में सिविल वाद के लिए छह हजार प्रति वाद व क्रिमनल वार्ड के लिए चार हजार प्रतिवाद, पीपीएक्ट, आर्बीटेशन, एसडीएम कोर्ट एवं कमिश्नर कोर्ट, उपभोक्ता फोरम और रेरा में केस लड़ने के लिए चार हजार प्रतिवाद प्राधिकरण ने देने शुरू कर दिए हैं। राज्य उपभोक्ता फोरम में छह हजार प्रतिवाद और रिटेनशिप फीस हाई कोर्ट के लिए लविप्रा प्रति माह दस हजार देने शुरू किए हैं।

इसका भी देता है वकीलों का पैसा

टाइपिंग, फोटो कॉपी का वास्तविक व्यय अधिवक्ता द्वारा प्रमाणित रसीद प्रस्तुत करने पर दिया जाता है। वही कोर्ट फीस, स्टंप एवं शपथ पत्र का वास्तविक व्यव, इसके अलावा अन्य खर्चे के लिए दो हजार प्रति वाद देता है।

लविप्रा के पैनल में कहां कितने वकील

  • सुप्रीम कोर्ट व एनसीडीआरसी कोर्ट व एनजीटी कोर्ट में चौदह वकील हैं।
  • हाई कोर्ट में 45 वकील।
  • जिला कोर्ट में सोलह वकील
  • सीजेएम कोर्ट में दो वकील
  • राज्य उपभोक्ता फोरम में नौ वकील
  • जिला फोरम में पंद्रह वकील
  • कमिश्नर कोर्ट में चार वकील
  • ट्रिब्यूनल व स्टेट एडमिनिस्ट्रेटिव बोर्ड में दो वकील
  • नगर महापालिका ट्रिब्यूनल व एडीएम एलए के लिए चार वकील
  • रेरा पैनल में सात वकीलों की टीम है।
  • रेरा अपील में चार वकील।
  • राजस्व कोर्ट पैनल में पांच वकील।
  • कमिश्नर कोर्ट रेवेन्यू पैनल में दो वकील।
  • आरटीआइ पैनल में भी दो वकील हैं।  

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