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अंसल टाउनशिप घोटाला: निवेशकों को लूटने के लिए अंसल को मिली थी खुली छूट Lucknow News

लखनऊ के अंसल टाउनशिप घोटाले में एलडीए और आवास विभाग ने भी दी थी अंसल को खुली छूट।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 29 Sep 2019 12:02 PM (IST)Updated: Sun, 29 Sep 2019 12:02 PM (IST)
अंसल टाउनशिप घोटाला: निवेशकों को लूटने के लिए अंसल को मिली थी खुली छूट Lucknow News
अंसल टाउनशिप घोटाला: निवेशकों को लूटने के लिए अंसल को मिली थी खुली छूट Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। एपीआइ अंसल निवेशकों को लूटता रहा और पिछली सरकार में आवास विभाग और एलडीए के अफसर उनको अभयदान देते रहे। दर्जनों भू उपयोग बदले गए। गड़बड़ नक्शे पास किये गए। लेआउट बदलने में खेल हुए। तीन सेवानिवृत्त आइएएस भी अंसल का हिस्सा बने रहे। एक  एलडीए वीसी और एक सचिव भी रह चुके थे।

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दिसंबर में अंसल की एक ग्रुप हाउसिंग स्कीम और 49 मकानों का नक्शा रोक लिया गया था। ये नियम विरुद्ध पास किये गए थे। फैसला एलडीए बोर्ड मीटिंग में लिया गया था। नक्शों को पास करने वाले तत्कालीन सीटीपी जेएन रेड्डी के खिलाफ आरोपपत्र जारी कर शासन को भेजा गया था। एलडीए वीसी अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी, जिसमें नजूल अधिकारी, मुख्य अभियन्ता इंदुशेखर सिंह सीटीपी नितिन मित्तल, डिप्टी कलेक्टर और सीनियर प्लानर को कमेटी में सदस्य नामित किया गया था।

पूर्व आइएएस करते रहे बेड़ा पार

तीन पूर्व आइएएस अधिकारी बिल्डर का बेड़ा पार करते रहे। इनको सारे दांव पेच मालूम थे। एक ने खुद की रीयल एस्टेट कंपनी बनाकर अलग कारोबार शुरू कर दिया। बाकी दोनों भी धीरे धीरे कंपनी से किनारा कर चुके हैं।

क्‍या कहते हैं अधिकारी

लविप्रा के उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने बताया कि एपीआइ अंसल के किसी भी नक्शे को पास करने पर रोक लगा दी गई है। कंपनी के नक्शे गलत तरीके से पास करने वाले अधिकारियों पर भी एक्शन हुआ है।


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