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UNESCO ऑफ‍िस में प्रेजेंटेशन देगी लखनऊ संस्कृति विभाग की टीम

लखनऊ क्रिएटिव सिटी के लिए संस्कृति विभाग की टीम दिल्ली स्थित यूनेस्को ऑफिस में अपना प्रेजेंटेशन देगी। इसके लिए तैयारी शुरू हो गई है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 12:50 PM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 12:50 PM (IST)
UNESCO ऑफ‍िस में प्रेजेंटेशन देगी लखनऊ संस्कृति विभाग की टीम
UNESCO ऑफ‍िस में प्रेजेंटेशन देगी लखनऊ संस्कृति विभाग की टीम

लखनऊ, [जुनैद अहमद]। वैसे लखनऊ अपने संगीत के लिए दुनिया में मशहूर है। नवाबी रवायत में शामिल ठुमरी, दादरा, कजरी और गजल अब आधिकारिक रूप से शहर की पहचान बन जाएगी। गुरुवार को यूनेस्को भी इनसे रू-ब-रू होगा। लखनऊ क्रिएटिव सिटी (सिटी ऑफ आर्ट एंड कल्चरल) के लिए संस्कृति विभाग की टीम दिल्ली स्थित यूनेस्को ऑफिस में प्रजेंटेशन देगी। टीम में प्रमुख सचिव संस्कृति जितेंद्र कुमार के नेतृत्व वाली टीम में संगीत नाटक अकादमी की सचिव रुबीना बेग भी होंगी।

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प्रमुख सचिव संस्कृति जितेंद्र कुमार ने बताया कि यूनेस्को की क्रिएटिव सिटी में अभी तक जयपुर और चेन्नई शहर का नाम शामिल है, अब इस सूची में दो शहरों का नाम और जोड़ा जाएगा, जिसके लिए गुरुवार को हम अमृतसर, भोपाल, चंदेरी, हैदराबाद, ग्वालियर और इंदौर समेत 10 शहरों के साथ अपना प्रजेंटेशन देंगे। दावों को पेरिस में यूनेस्को की एक टीम परखेगी। हम अगर इसकी सूची में आते हैं, तो शहर को अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिलेगी। यहां के संगीत को विदेश में भी पहचान मिलेगी।

नवाब वाजिद ने दी संगीत को तरजीह : भातखंडे संगीत सम विवि की कुलपति श्रुति सडोलीकर काटकर ने बताया कि लखनऊ संगीत का गढ़ रहा है। नवाब वाजिद अली शाह ने संगीत को तरजीह दी। प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक भी इस शहर को कला की राजधानी कहते हैं।

भातखंडे संगीत संस्थान राजधानी की शान : भातखंडे करीब 93 सालों से राजधानी में संगीत के क्षेत्र में लखनऊ का नाम रोशन कर रहा है। भातखंडे ने संगीत को राजधानी के घर-घर तक पहुंचाने में भूमिका निभाई है।

जिंदा है गुरु-शिष्य परंपरा : लखनऊ में आज भी गुरु-शिष्य परंपरा का रिवाज कायम है। युवा संगीतकार वर्षो तक उस्तादों से संगीत की शिक्षा लेते हैं। इसी परंपरा से बेगम अख्तर, नौशाद, मालिनी अवस्थी, सुरेंद्र शंकर अवस्थी, केके कपूर, धर्मपाल और अनूप जलोटा जैसे कलाकार दुनिया को मिले।

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जाहिर की खुशी 

सिंगर व कंपोजर अनुपमा राम ने बताया कि अपना शहर यूनेस्को क्रिएटिव सिटी में जरूर शामिल होगा। इसे तो बहुत पहले ही इस सूची में शामिल हो जाना चाहिए। गजल-ठुमरी अख्तरी बेगम के नाम से जानी जाती है।

गजलकार उस्ताद युगांतर सिंदूर ने कहा कि हमारे शहर में संगीत की परंपरा बहुत पुरानी है। इसे कला की राजधानी कहा जाता है। यूनेस्को क्रिएटिव सूची में लखनऊ को जरूर शामिल करेगा। मेरी शुभकामनाएं।

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