Lucknow Coronavirus News: अब मोटे व्यक्तियों पर भी देखा जाएगा कोरोना वैक्सीन का असर
Lucknow Coronavirus News वैक्सीन ट्रायल का खाका तैयार दो ग्रुप में होंगे वॉलिंटयर्स। एक ग्रुप स्वस्थ दूसरे में बीपी डायबिटीज थायराइड मरीज के साथ-साथ मोटापा भी शामिल किया गया है। मोटे व्यक्तियों को भी समान मात्रा में वैक्सीन की डोज।
लखनऊ [संदीप पांडेय]। Lucknow Coronavirus News: एसजीपीजीआइ में कोरोना वैक्सीन ट्रायल जल्द होगा। माह के पहले सप्ताह में जहां कंपनी के अफसर आ सकते हैं। वहीं संस्थान में वालियंटर्स के ग्रुपों की कैटेगरी तय की जा रही है। ऐसे में ट्रायल में मोटे व्यक्तियों को भी शामिल करने का फैसला किया गया है। इन पर भी वैक्सीन के प्रभाव का आंकलन किया जाएगा।
एसजीपीजीआइ के निदेशक डॉ. आर के धीमान के मुताबिक, वैक्सीन ट्रायल का खाका तैयार किया जा रहा है। इसके लिए वालिंटयर्स के दो ग्रुप होंगे। एक ग्रुप स्वस्थ लोगों का होगा। वहीं दूसरे में बीपी, डायबिटीज, थायराइड मरीज के साथ-साथ मोटापा भी शामिल किया गया है। ऐसे में मोटे व्यक्तियों को भी समान मात्रा में वैक्सीन की डोज दी जाएगी। इनकी लगातार मॉनिटरिंग होगी। ऐसे में मोटे व्यक्तियों पर वैक्सीन के असर व दुष्प्रभाव के औसत का आकलन किया जाएगा।
30 फीसद शहरी मोटापा का शिकार
डॉ. आरके धीमान के मुताबिक, देश में मोटापा बड़ी समस्या है। शहरी आबादी में 30 फीसद लोग मोटापा के शिकार हैं। ऐसे व्यक्तियों के कोरोना वायरस के चपेट में आने पर हालत गंभीर होने का खतरा अधिक रहता है। लिहाजा, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) के आधार पर व्यक्ति के मोटापा का आकलन किया जाएगा। इसमें व्यक्ति के शरीर कर वजन, उसकी लंबाई के आधार पर निकाला जाता है। बीएमआइ के आधार पर ओवर वेट निकले व्यक्ति को ट्रायल में शामिल किया जाएगा।
देश में 25 हजार लोगों पर ट्रायल
डॉ. धीमान के मुताबिक, वैक्सीन ट्रायल के लिए उम्र के हिसाब से दो ग्रुप होंगे। इसमें एक ग्रुप में 18 वर्ष से 59 वर्ष आयु के लोग शामिल होंगे। दूसरे में 60 वर्ष या उससे ऊपर के लोग होंगे। ट्रायल में देशभर में 25 हजार लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। इसमें पीजीआइ व गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के तहत ढाई से तीन हजार यूपी के लोगों का चयन होगा। इसके बाद वैक्सीनेशन वाले व्यक्ति में एंटीबॉडी का आंकलन किया जाएगा। पूरी मॉनिटरिंग कर वैक्सीन के प्रभाव व दुष्प्रभाव के परिणामों को जुटाया जाएगा। भारत बायोटेक कंपनी के अफसर सप्ताह भर में कभी भी संस्थान आ सकते हैं।