Lucknow Coronavirus News: जल्द खत्म हो सकता है ऑक्सीजन की कीमतों में अंतर, मरीजों को मिलेगी राहत
Lucknow Coronavirus News ऑक्सीजन गैस की कीमतों में अंतर मिटाने की कवायद एलएमओ को एनपीपीए के तहत लाकर दरें तय करने की तैयारी। भारत सरकार का केमिकल एवं फर्टिलाइजर मंत्रालय लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की दरें निर्धारित करने की तैयारी में है।
लखनऊ [रूमा सिन्हा]। Lucknow Coronavirus News: कोविड-19 के चलते देश में ऑक्सीजन की मांग कई गुना बढ़ गई है। मांग बढ़ने के साथ यह भी शिकायतें आ रही हैं कि अस्पताल ऑक्सीजन के नाम पर मनमानी रकम वसूल रहे हैं। कोविड-19 महामारी से जूझ रहे देशवासियों को कम से कम ऑक्सीजन के नाम पर ना लूटा जा सके इसके लिए भारत सरकार का केमिकल एवं फर्टिलाइजर मंत्रालय लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की दरें निर्धारित करने की तैयारी में है। मंत्रालय इस संबंध में कई बैठकें कर चुका है। माना जा रहा है कि जल्द ही कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होने वाले एलएमओ की दरें निर्धारित कर दी जाएगी। इसी कड़ी में ऑक्सीजन सिलेंडर की भी कीमत पुनः तय की जाएंगी।
जानकार बताते हैं कि सरकार द्वारा ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की कीमतें तो तय की गई हैं जबकि एलएमओ जिससे मेडिकल ऑक्सीजन गैस तैयार की जाती है उसकी दरें तय नहीं हैं। दरअसल एलएमओ नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) के तहत नहीं आता है। एनपीपीए केमिकल एवं फर्टिलाइजर मंत्रालय के अधीन वह संस्था है इससे औषधियों का मूल्य निर्धारण किया जाता है। चूंकि एलएमओ जिससे कि ऑक्सीजन गैस तैयार की जाती है एनपीपीए के तहत नहीं है इसलिए सरकार द्वारा इसकी दरें निर्धारित नहीं की गई हैं। अब जबकि कोविड-19 में ऑक्सीजन गैस की डिमांड जबरदस्त बढ़ी है तो यह देखने में आ रहा है कि एलएमओ की मनमानी कीमत वसूली जा रही है। इससे ऑक्सीजन गैस तैयार कर रिफिलिंग करने वालों को सिलेंडर सरकार द्वारा निर्धारित कीमत में देने में दिक्कत पेश आ रही है। इसका नतीजा यह है कि कई जगह ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी होने लगी है। राजधानी में
ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने वाले उद्यमी अजय मिश्रा बताते हैं कि पहले जो एलएमओ 12-13 रुपए प्रति क्यूबिक मीटर आसानी से मिल जाता था उसके दाम बढ़कर 36 से 40 रुपए तक पहुंच गए हैं। ऐसे में निर्धारित मूल्यों पर सिलेंडर की आपूर्ति करना मुश्किल हो रहा है।उनका कहना है कि सरकारी अस्पतालों में तो निर्धारित मूल्य पर ही आपूर्ति करना पड़ रही है लेकिन निजी अस्पतालों के लिए सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं जिसका सीधा बोझ मरीजों की जेब पर पड़ रहा है।
यही वजह है कि सरकार द्वारा एलएमओ को एनपीपीए के तहत लाकर रेट निर्धारित करने की कवायद की जा रही है।केवल यही नहीं एलएमओ के रेट निर्धारित करने के साथ-साथ नए सिरे से ऑक्सीजन सिलेंडर के दाम भी तय किए जा सकते हैं। कारण यह है कि ऑक्सीजन सिलेंडर के दाम इस पर निर्भर करेंगे कि एलएमओ किस कीमत पर मिल रहा है। दरअसल एलएमओ को ऑक्सीजन गैस में कन्वर्ट कर रिफिलिंग करने वाली इकाइयों को प्रोसेस लॉस, ट्रांसपोर्टेशन आदि का खर्चा भी शामिल करना होता है। प्रदेश में झारखंड, पानीपत आदि स्थानों से एलएमओ मंगाना पड़ता है। जाहिर है कि ट्रांसपोर्टेशन की कीमत काफी बढ़ जाती है। हालांकि अच्छी बात यह है कि उत्तर प्रदेश के मोदीनगर में जल्द ही एक बहुत बड़ा प्लांट शुरू किया जाना है जो प्रदेश की कुल एलएमओ की मांग को पूरा कर सकेगा।
उत्तर प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर एके जैन बताते हैं कि यह प्लांट बहुत जल्द काम करना शुरू कर देगा। उनका कहना है कि एलएमओ को केंद्र सरकार जल्द ही एनपीपीए के तहत लाने की कवायद में जुटी है जिससे उसकी कीमत निर्धारित की जा सके। मंशा यह है कि ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की अस्पतालों में कोई कमी न हो वहीं,दरें भी एकसमान हों।