Lucknow Building Collapse: अलाया अपार्टमेंट में खरीदारों का टूटा सब्र, एक फ्लैट मालिक ने सुनाई दर्द की दास्तां
हजरतगंज स्थित अलाया अपार्टमेंट मंगलवार शाम को धराशायी हो गया। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। हादसे में जमींदोज हो चुके अपने सपने के आशियाने को देख डा. रिंकी किशोर की आंखें उनकी पीड़ा बयान कर रही थी।
जागरण संवाददाता, लखनऊ: हजरतगंज स्थित अलाया अपार्टमेंट मंगलवार शाम को धराशायी हो गया। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई। हादसे में जमींदोज हो चुके अपने सपने के आशियाने को देख डा. रिंकी किशोर की आंखें उनकी पीड़ा बयान कर रही थी। फ्लैट नंबर 303 में वर्ष 2011 से 2015 तक रहने वाली डा. रिंकी किशोर ने बहुत ही प्लानिंग से घर की सजावट की थी। वर्ष 2010 में अलाया अपार्टमेंट के फ्लैट की कीमत जब 27 लाख रुपये रखी गई तो उनको इसे खरीदने के लिए एलआइसी हाउसिंग से लोन लेना पड़ा।
लोन से लिया था फ्लैट
अलाया अपार्टमेंट के बिना नक्शा पास कराए अवैध रूप से बन गया यह सोच सरकारी सिस्टम के भ्रष्टाचार पर डा. रिंकी को क्रोध तो आता ही है, चिंता इस बात की भी सता रही है कि जिस फुल फर्नीश्ड घर को तैयार करने में उनकी जिंदगी भर की कमाई चली गयी। उसका क्या होगा, एलआइसी क्या अपनी किस्त लेना बंद कर देगा, जो रुपया लोन के रूप में दे दिया उसकी रिकवरी होगी। हालांकि उनका मानना है कि उनकी मेहनत की कमाई थी। न्याय जरूर मिलेगा लेकिन कैसे यह नहीं पता।
लविप्रा ध्वस्त कर देता तो आज नहीं देखने पड़ते यह दिन
मंगलवार को धराशायी हुई वजीर हसन रोड स्थित अलाया अपार्टमेंट की पांच मंजिला बिल्डिंग के मलबे को हटाने के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का रेस्क्यू गुरुवार को भी चलता रहा। बीपी गुप्ता ने वर्ष 2014 में अपार्टमेंट की दूसरी मंजिल पर फ्लैट खरीदा था। बीपी गुप्ता कहते हैं कि लविप्रा और बिल्डर की मिलीभगत रही। यदि वर्ष 2010 तक दो बार इस बिल्डिंग को गिराने के आदेश दिए गए तो लविप्रा को उसे तोड़ देना चाहिए था। यदि लविप्रा इस अवैध बिल्डिंग को तोड़ देता तो हम यह नाजायज बिल्डिंग नहीं खरीदते और आज हमको इसका खामियाजा नहीं भुगतना पड़ता। मैं वरिष्ठ नागरिक हूं अपनी सारी जमा पूंजी यहां इसलिए लगायी थी कि किराए पर फ्लैट देकर अपना गुजर बसर करते। अब यह घर तो चला गया और कमाई का जरिया भी खत्म हो गया।
अलाया अपार्टमेंट के दो पिलर थे कमजोर
बताया जा रहा है कि अपार्टमेंट के दो पिलर कमजोर थे। कुछ दिन से उसकी मरम्मत भी हो रही थी। ड्रिल मशीन चलाई जा रही थी, जिससे नींव पूरी तरह से हिल गई और ये हादसा हुआ। अनुमान लगाया जा रहा है कि मंगलवार दोपहर में भूकंप के कारण बिल्डिंग पर असर हुआ। पड़ोस में रहने वाले दीपक कोहली ने बताया कि कई दिन से वहां काम चल रहा था। ड्रिल मशीन की तेज आवाजें भी आ रही थीं। इसको लेकर विरोध भी जताया था, लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी।