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Lucknow Building Collapse: हादसे के चश्मदीद पड़ोसी ने कहा- अगर बिल्डर गंभीर होता तो यह घटना नहीं होती!

हादसे के वक्त अपार्टमेंट में कई लोग मौजूद थे। मलबे में करीब 30 से ज्यादा लोग दब गए। रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई। देर रात तक नौ लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका था।

By Gyan MishraEdited By: Shivam YadavPublished: Tue, 24 Jan 2023 11:45 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jan 2023 11:45 PM (IST)
Lucknow Building Collapse: हादसे के चश्मदीद पड़ोसी ने कहा- अगर बिल्डर गंभीर होता तो यह घटना नहीं होती!
देर रात तक नौ लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका था।

लखनऊ, जागरण संवाददाता: हजरतगंज में वजीरहसन रोड स्थित पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट मंगलवार शाम करीब साढ़े छह बजे अचानक ढह गया। हादसे के वक्त अपार्टमेंट में कई लोग मौजूद थे। मलबे में करीब 30 से ज्यादा लोग दब गए। रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम बुलाई गई। देर रात तक नौ लोगों को मलबे से बाहर निकाला जा चुका था। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। अपार्टमेंट में कुछ दिन से मरम्मत और पाइप लाइन का काम चल रहा था। अपार्टमेंट अचानक जमींदोज कैसे हो गया, ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। बिल्डिंग का निर्माण यजदान बिल्डर्स ने किया था।

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अपार्टमेंट के दो पिलर कमजोर थे। कुछ दिन से उसकी मरम्मत भी हो रही थी। ड्रिल मशीन चलाई जा रही थी, जिससे नींव पूरी तरह से हिल गई और ये हादसा हुआ। अनुमान लगाया जा रहा है कि मंगलवार दोपहर में भूकंप के कारण बिल्डिंग पर असर हुआ। 

पुलिस पहुंची तो मलबे में तब्दील मिली इमारत

अलाया अपार्टमेंट में कुल 14 परिवार रहता था। मंगलवार शाम करीब साढ़े छह बजे अचानक अपार्टमेंट भरभराकर गिर गया। भीतर मौजूद लोगों की चीख मलबे में दब गई। वहीं, आसपास मौजूद लोगों में भगदड़ मच गई। आसपास के लोगों ने डायल 112 और फिर हजरतगंज पुलिस को जानकारी दी। पुलिस वहां पहुंची तो पांच मंजिला इमारत मलबे में तब्दील थी। फौरन वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद फायर बिग्रेड, एसडीआरएफ और एनडीआरफ को बुलाया गया। करीब चार घंटे के बचाव कार्य के दौरान नौ लोगों को बाहर निकाला गया। देर रात तक राहत एवं बचाव कार्य जारी था। 

विरोध जताने पर भी नहीं मानी बात

पड़ोस में रहने वाले दीपक कोहली ने बताया कि कई दिन से वहां काम चल रहा था। ड्रिल मशीन की तेज आवाजें भी आ रही थीं, इसको लेकर विरोध भी जताया था, लेकिन उनकी बात किसी ने नहीं सुनी। बिल्डर ने गंभीरता दिखाई होती तो ये घटना नहीं होती।

घायलों ने सुनाई आपबीती

अपार्टमेंट के तीसरे तल पर बेटी के साथ मौजूद अंजना अवस्थी ने बताया कि अपार्टमेंट के बेसमेंट में कुछ दिन से कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। मजदूर पाइप लाइन बिछा रहे थे। इसके लिए ड्रिल मशीन भी चलाई जा रही थी। मंगलवार शाम को काम बंद था। वह बेटी आलोका के साथ कमरे में थीं। इसी दौरान बिल्डिंग ढह गई। अंजना अवस्थी के सिर में चोट है और वह बदहवास हैं। 

वहीं, आलोका केा हल्की चोटें आई हैं और वह सदमे में हैं। आलोका ने कुछ भी बाेलने से इनकार कर दिया। सिविल अस्पताल में मुस्तफा हैदर, असले बर्न, एमवाइ खान, नसरीन, हामिद, आमिर हैदर, रंजना अवस्थी व आलोका का इलाज चल रहा है। 

‘बहू लापता है’

चौथी मंजिल पर रहने वाली नसरीन ने बताया कि वह और उनके पति को मलबे से निकाल लिया गया। हालांकि उनकी बहू आफरीन लापता है। घटना की जानकारी मिलने पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक वहां पहुंचे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य जारी है। अस्पतालों को अलर्ट कर दिया गया है। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती मलबे में दबे लोगों को निकालना है।

डीजीपी ने कहा…

डीजीपी डीएस चौहान ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य जारी है। मलबे में करीब 30 लोगों के दबने की बात सामने आई है। सभी को सकुशल बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के जवान ऑपरेशन में लगे हैं। शासन के निर्देश पर घायलों का इलाज कराया जा रहा है।


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