लखनऊ, जेएनएन। Film Kaagaz Update: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ निवासी भरत लाल उर्फ लाल बिहारी के जीवन पर आधारित बॉलीवुड अभिनेता पंकज त्रिपाठी की फिल्म 'कागज' में लखनऊ के 20 से अधिक कलाकार दिखाई देंगे। फिल्म का ट्रेलर रिलीज हो चुका है। सात जनवरी को फिल्म को रिलीज करने की तैयारी है। सतीश कौशिक के निर्देशन में बनी इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी, भरत लाल की भूमिका में नजर आ रहे हैं, जो फिल्म में कागजी तौर पर मरा घोषित किया जा चुका है। ऐसे में वो खुद को जिंदा साबित करने में लगा हुआ है। फिल्म से जुड़े शहर के कलाकारों ने साझा किए अपने अनुभव...
भरत से होती अर्पित की मारपीट
अभिनेता अर्पित मिश्रा ने बताया कि मैं फिल्म में लेखपाल की भूमिका निभा रहा हूं, जो लोगों को अपनी हेकड़ी दिखाया करता है। लेखपाल भरत (पंकज त्रिपाठी) को टरकाया करता है। ऐसे में भरत उससे तंग आकर एक बार मारपीट भी करता है। अर्पित कहते हैं, अभिनेता पंकज त्रिपाठी हमेशा अपने साथी कलाकार की सहायता करते हैं। हर किसी से वो इस तरह बातचीत करते हैं, जैसे उसे पहले से जानते हों। उनकी खास बात यह है कि वो जब भी किसी से बात करते हैं तो पूरी बात बड़ी गंभीरता से सुनते हैं।
मामा बने हैं नवल शुक्ला
अभिनेता नवल शुक्ला ने बताया कि मैं भरत लाल के मामा का किरदार निभा रहा हूं, जो उसकी बहुत सहायता करता है। मैं अपने घर में उसके परिवार को शरण देता हूं और धरना प्रदर्शन के दौरान भी उसकी काफी मदद करता हूं। पहली बार मुझे पंकज त्रिपाठी के साथ काम करने का मौका मिला। हमारी और उनकी काफी बातचीत हुई। वो एक बेहतरीन कलाकार होने के साथ जबरदस्त इंसान भी है। मेरे लिए भी खुशी की बात है कि मुझे एक उम्दा कलाकार के साथ काम करने का मौका मिला।
भरत के लिए चिट्ठियां लिखेंगे महेश
अभिनेता महेश चंद्र देवा फिल्म में टाइपिस्ट की भूमिका में नजर आएंगे। उन्होंने बताया कि भरत लाल मेरे पास चिट्ठियां लिखवाने आया करता है। वो अपनी आपबीती मुझे सुनाता है। अक्सर उसकी चिट्ठी नामंजूर हो जाती है, जिस वजह से उसको कई बार मेरे पास आना पड़ता है। पंकज की खासियत यह है कि उनके साथ काम करने वाला अभिनेता कभी घबरा नहीं सकता। वो हमेशा अपने सहकलाकार को सपोर्ट करते हैं। इसके अलावा अगर स्क्रिप्ट में उनको लगता है कि किसी सीन को आसान बनाना है तो वो अपने हिसाब से सही भी करा लेते हैं, जिससे उनके साथ काम करने वाले कलाकार को सहूलियत मिल सके।
पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बने हैं वरुण
अभिनेता वरुण टम्टा ने बताया कि फिल्म में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (लोक अभियोजक) बना हुआ हूं, जो भरत लाल से सवाल-जवाब करता है। मेरा यह सीन मजाकिया अंदाज में शुरू होता है और अंत में गंभीर दिशा में चला जाता है। भरत इस सीन में काफी भावुक हो जाता है। पंकज के साथ काम के अनुभव की बात करें तो वह एक ऐसे अभिनेता हैं, जिनके साथ काम करने में किसी कलाकार को असुविधा नहीं होती। वो अपने साथी कलाकार का पूरा खयाल रखते हैं। जमीन से जुड़े कलाकार होने के साथ वो एक बेहतरीन इंसान भी हैं। उनके जैसे कलाकार के साथ काम करके बहुत कुछ सीखने को मिलता है।