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UP Nikay Chunav 2023 Result: लखनऊ नगर निगम की बगिया में 1995 से है खिलता रहा कमल, हमेशा बहुमत में रही भाजपा

UP Nikay Chunav 2023 Resultयूपी के 17 में से 17 नगर न‍िगम सीटों पर भाजपा ने कमल ख‍िलाया है। इसमें से लखनऊ नगर न‍िगम की सीट पर 1995 से लगातार कमल ख‍िलता रहा। लखनऊ नगर न‍िगम सदन में भाजपा हमेशा बहुमत में रही।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Sun, 14 May 2023 01:45 PM (IST)Updated: Sun, 14 May 2023 01:45 PM (IST)
UP Nikay Chunav 2023 Result: लखनऊ नगर निगम की बगिया में 1995 से है खिलता रहा कमल, हमेशा बहुमत में रही भाजपा
UP Nikay Chunav 2023 Result: सीएम योगी और ब्रजेश पाठक के साथ सुषमा खरकवाल

लखनऊ, जागरण संवाददाता। UP Nikay Chunav 2023 Result भाजपा ने नगर निगम में फिर से दबदबा कायम किया है। 1995 से महापौर की सीट पर भाजपा की दावेदारी बरकरार रही, तो नगर निगम सदन में भी उसका बहुमत रहेगा। 110 में से 80 पार्षद भाजपा के चुने जाने से अब विपक्षी पार्षदों का विरोध काम नहीं आएगा। इतना ही नहीं सदन के साथ ही नीतिगत लेने वाली नगर निगम की कार्यकारिणी समिति में भी भाजपा का बहुमत रहेगा, सपा अल्पमत में रहेगी, जबकि अन्य दल जगह नहीं पा सकेंगे।

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इस बार भाजपा ने सुषमा खर्कवाल को महापौर उम्मीदवार के लिए मैदान में उतारा था। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने तीन चुनावी सभाएं कर भाजपा के प्रति माहौल बना दिया था। आम कार्यकर्ता को मैदान में उतारे जाने से आम कार्यकर्ता भी उनकी जीत सुनिश्चित करने में जुट गया था। इस चुनाव में पहली बार आम आदमी और बसपा ने भी पहली बार महापौर सीट पर उम्मीदवार उतारा था और माना जा रहा कि दोनों दलों को मिलने वाले मत किसी न किसी दल को नुकसान पहुंचाएंगे।

कम प्रतिशत मतदान होने से भाजपा और सपा के बीच चुनाव सिमटा नजर आ रहा था लेकिन मतगणना के दिन कमल खिलता ही गया और जीत का आंकड़ा दो लाख से अधिक पहुंच गया। इसी तरह 2017 के चुनाव में 59 वार्ड में कमल खिला था, जो इस पर 80 वार्ड पर पहुंच गया। समाजवादी पार्टी को सात सीटों का नुकसान हो गया। उसे 21 सीटे ही मिली, जबकि पिछले चुनाव में उसके पास 28 पार्षद थे। चुनाव से पहले कांग्रेस पार्षदों के दल बदलने का भी असर दिखा, उसके पास आठ में से चार पार्षद ही बच पाए हैं।

बहुजन समाज पार्टी दो से एक पर आ गई तो 13 के बजाय इस बार चार निर्दलीय ही खाता खोल पाए। भाजपा की इस जीत को 2024 के लोकसभा चुनाव से भी देखा जा रहा है। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा का ध्वज लगातार फहरता चला आ रहा है। कार्यकारिणी में नहीं पहुंच पाएंगे दल नगर निगम के नीतिगत निर्णय लेने के लिए महापौर की अध्यक्षता में कार्यकारिणी समिति होती है, जिसमे पार्षदों की संख्या वाले दल के हिसाब से सदस्य हो पाते हैं।

ऐसे में भाजपा के पास बहुमत रहेगा तो समाजवादी पार्टी दो सदस्य से अल्पमत में रहेगी। भाजपा के महापैार 30 नवंबर 1995 को सतीश चंद्र राय नवंबर 2000 में हुए चुनाव में तीस नवंबर को डा. सतीश चंद्र राय फिर से नगर प्रमुख चुने गए अ14 नवंबर 2006 को डा. दिनेश शर्मा महापौर चुने गए और वह दूसरी बार भी महापौर बने लेकिन योगी सरकार बनने के बाद उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया 2017 में हुए चुनाव में भाजपा उम्मीदवार रहीं संयुक्ता भाटिया महापौर बनीं थीं।


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