हज आवेदकों की किस्मत का फैसला आज, ऑनलाइन होगी लॉटरी
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी बटन दबाकर करेंगे लॉटरी की शुरुआत। प्रदेश से चयनित आवेदकों को हज यात्रा की पहली किस्त के तौर पर देने होंगे 81 हजार।
लखनऊ, जेएनएन। प्रदेश के हज आवेदकों की किस्मत का फैसला सोमवार को ऑनलाइन लॉटरी निकाल कर किया जाएगा। लॉटरी में चयन के बाद हज यात्रा की पहली किस्त के तौर पर आवेदकों को 81 हजार रुपये हज कमेटी ऑफ इंडिया के बैंक खाते में जमा कराने होंगे। सरोजनीनगर स्थित हज हाउस में दोपहर 12 बजे से जिलेवार लॉटरी निकालने का सिलसिला शुरू होगा।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी व राज्यमंत्री मोहसिन रजा कंप्यूटर का बटन दबाकर लॉटरी की शुरुआत करेंगे। इस बार प्रदेश से कुल 34397 लोगों ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया है। इसमें 70 वर्ष से अधिक आयु के 2456 लोग शामिल हैं। जबकि, महरम श्रेणी के 22 ग्रुप में 99 महिलाओं ने फार्म भरे हैं। आरक्षित श्रेणी (70 वर्षीय व महरम श्रेणी) के कुल 2555 आवेदकों का चयन बिना लॉटरी के पहले ही किया जा चुका है। प्रदेश की शेष 27682 सीटों के लिए 31842 आवेदकों का चुनाव लॉटरी निकाल कर किया जाएगा।
राज्य हज कमेटी के सहायक सचिव जावेद खान ने बताया कि लॉटरी को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। लॉटरी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसनी नदवी, वरिष्ठ शिया धर्मगुरु मौलाना डॉ. कल्बे सादिक व सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली को भी आमंत्रित किया गया है। प्रदेश के चयनित आवेदकों को हज यात्रा की पहली किस्त 81 हजार रुपये जमा करने होंगे।
एक नजर आंकड़ों पर
कुल आवेदन- 34397
निर्धारित कोटा- 30237
आरक्षित श्रेणी- 2555
लॉटरी की सीटें- 27682
प्रतीक्षा सूची- 4160
प्रदेश से 99 महिलाएं बिना महरम के हज पर होंगी रवाना
हज यात्रा के विमान जुलाई से मदीना की उड़ान भरेंगे। इस बार महरम श्रेणी में हज यात्रा करने के लिए प्रदेश से 99 महिलाओं ने अलग-अलग ग्रुप में आवेदन किया है। राजधानी लखनऊ के आठ ग्रुप के अलावा प्रदेश के अन्य शहरों से महिलाओं के कुल 22 ग्रुप रवाना होंगे। इन महिलाओं को बिना महरम पुरुष के सऊदी अरब में रहकर हज के सभी अरकान पूरे करने होंगे।
अलग न हों, हमेशा ग्रुप के साथ रहें
महरम श्रेणी में तीन महिलाओं के साथ हज यात्र पर गई राजाजीपुरम निवासी अफशा राशिद ने अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि किसी भी परेशानी से निपटने के लिए सबसे जरूरी बात यह है कि आप हमेशा अपने ग्रुप के साथ रहे और आइडी बैंड को खुद से अलग न करें। अपनी एनर्जी को छोटे-छोटे कामों में खर्च न करें। जितना जरूरी हो उतनी ही मेहनत का काम करें और ज्यादा समय इबादत में गुजारें। मिना से मक्का के बीच के करीब 12 घंटे के सफर को आराम से पूरा करें, जल्दबाजी न करें। जमरात में चलने में दिक्कत हो रही है तो व्हील चेयर का सहारा लें और ज्यादा कंकरी जमा करें। ताकि फिर से कंकरी लेने न आना पड़े।