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Yogi Government: बुलडोजर की रफ्तार से बढ़ी कानून के राज की धमक, देखें क्‍या रहीं उपलब्‍ध‍ियां

Yogi Government Six Months नशे के कारोबार पर नकेल के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स गठित। प्रभावी पैरवी हुई तो माफिया मुख्तार अंसारी को पहली बार सुनाई गई सजा। छह माह में चिन्हित 62 माफिया गिरोह की 1162 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त व ध्वस्त की गई।

By JagranEdited By: Anurag GuptaPublished: Sun, 25 Sep 2022 06:05 AM (IST)Updated: Sun, 25 Sep 2022 07:28 AM (IST)
Yogi Government: बुलडोजर की रफ्तार से बढ़ी कानून के राज की धमक, देखें क्‍या रहीं उपलब्‍ध‍ियां
Yogi Government Six Months: इस वर्ष नौ अपराधी मुठभेड़ में मारे गए तथा 724 से अधिक घायल हुए।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। पीलीभीत में दुष्कर्म में विफल होने पर किशोरी को जिंदा जलाने की घटना हो या फिर लखीमपुर खीरी में दो बहनों की दुष्कर्म के बाद हत्या। ऐसी जघन्य घटनाएं कानून-व्यवस्था पर बड़े प्रश्न चिन्ह खड़ी करती हैं। विपक्ष भी ऐसी किसी वारदात के बाद सरकार पर हमला बोलता है, लेकिन दोषियों पर समय रहते कार्रवाई धारणा बदलती भी है।

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लखीमपुर में दलित बहनों को क्रूरता से मौत के घाट उतारने वाले आरोपित अगले दिन ही सलाखों के पीछे पहुंचे तो सुशासन का संदेश भी गया। योगी सरकार 2.0 में माफिया के विरुद्ध कार्रवाई का दायरा बढ़ा है। अब मादक पदार्थों व अवैध शराब के तस्कर भी सीधे निशाने पर हैं और उनकी संपत्तियों पर भी बुलडोजर चल रहा है। बीते पांच वषों में जिस तरह अपराधियों पर कार्रवाई की गई थी, उसे और रफ्तार से आगे बढ़ाया जा रहा है। ऐसे ही पुलिस आधुनिकीकरण की दिशा में भी कदम बढ़ रहे हैं।

एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने युवा पीढ़ी में नशे का जहर घोलने वालों तस्करों को जड़ से उखाड़ फेंकने का सीधा संदेश दिया है। इसके लिए प्रदेश में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन किया गया है। नारकोटिक्स थानों की स्थापना भी जल्द होगी। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के छह माह में कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर कई बड़े संदेश दिये गए हैं। इनमें दुष्कर्म व पाक्सो (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस) एक्ट के तहत आरोपितों को अग्रिम जमानत न दिए जाने के कानून की पहल ने महिला अपराध पर नियंत्रण के संकल्प को और मजबूत किया है।

उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई 

राज्य सरकार ने उपद्रवियों से लोक व निजी संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति के लिए बने कानून में संशोधन कर उसे और मजबूत बनाया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद जल्द ही दोनों कानून लागू होने की उम्मीद है। माफिया पर कार्रवाई का जो अभियान योगी सरकार ने पांच साल पहले छेड़ा था, उसके भी सार्थक परिणाम सामने हैं। प्रदेश में चार दशक से आतंक का पर्याय रहे माफिया मुख्तार अंसारी को पहली बार कोर्ट से सजा हुई है। पूर्ववर्ती सरकारों में कानूनी दांवपेंच से बचते आ रहे मुख्तार को तीन दिनों में दो अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई गई तो समाज में सीधा संदेश भी है कि आतंक का अंत होता है। अपराधी कितना भी बड़ा क्यों न हो, कानून के आगे बौना ही होता है।

मुख्तार समेत 36 अपराधियों को दिलाई सजा

मुख्तार अंसारी के अलावा योगी सरकार में 35 अन्य माफिया व उनके गुर्गों को कठोर सजा सुनिश्चित कराई गई। अभियोजन की प्रभावी पैरवी के परिणाम में दो को फांसी की सजा भी सुनाई गई। अन्य आरोपितों को आजीवन कारावास तथा कारावास की सजा हुई। राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश दोषियों को सजा दिलाने के मामले में देश में अव्वल है।

सबसे कम समय में सजा दिलाने में भी उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। यूपी पुलिस ने माफिया गिरोह के 860 सक्रिय सदस्यों के विरुद्ध 396 मुकदमे दर्ज कर 400 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार किया है। 174 पर गुंडा एक्ट, 355 पर गैंगेस्टर एक्ट तथा 13 आरोपितों के विरुद्ध रासुका के तहत कार्रवाई की गई है। पुलिस ने इनके 310 शस्त्र लाइसेंस भी निरस्त कराए हैं।

मादक पदार्थ तस्करों पर शिकंजा

मुख्यमंत्री के निर्देश पर मादक पदार्थों व अवैध शराब तस्करों के विरुद्ध अभियान के तहत कार्रवाई की गई है। 24 अगस्त से आठ जुलाई तक विशेष अभियान के तहत लगभग 51 करोड़ रुपये की अवैध शराब व मादक पदार्थ बरामद किए गए। पुलिस ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत मादक पदार्थ तस्करों की 34.14 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति तथा शराब तस्करों की 19 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की है। मादक पदार्थ तस्करों की बरामदगी में बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, मथुरा व फतेहगढ़ पुलिस आगे रही। ऐसे ही अवैध शराब की बरामदगी में चंदौली, मथुरा, देवरिया, वाराणसी ग्रामीण व फतेहपुर पुलिस आगे रही। अभियान के तहत 53 हुक्काबार भी बंद कराए गए।

प्रदेश में 244 नए थानों की स्थापना

अपराधियों पर कार्रवाई के साथ ही शासन ने पुलिस के बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करने का काम किया है। यूपी पुलिस के बजट में दो गुणा की वृद्धि की गई। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 16,115 करोड़ रुपये बजट था, जिसे वित्तीय वर्ष 2021-22 में बढ़ाकर 30,203 करोड़ रुपये किया गया। इससे प्रदेश में नए 244 थानों और 133 पुलिस चौकियों की स्थापना की गई है। इसके अलावा नए बने सात जिलों हापुड़, चंदौली, औरैया, संभल, शामली, अमरोहा और अमेठी में पुलिस लाइन की स्थापना कराई जा रही है।

डेढ़ लाख से अधिक पदों पर भर्ती

राज्य सरकार ने पुलिस बल की कमी को भी दूर किया है। बीते साढ़े पांच साल में यूपी पुलिस में विभिन्न पदों पर 1,53,869 भर्तियां हुई हैं। इसमें वर्ष 2017 से इस वर्ष मार्च माह तक उपनिरीक्षक, आरक्षी, लिपिक, कंप्यूटर आपरेटर व बंदी रक्षक के 1,44,194 पदों पर भर्ती हुई। इनमें 1,23,815 पुरुष तथा 20,379 महिला अभ्यर्थी शामिल थे। इस वर्ष मार्च से सितंबर माह के मध्य विभिन्न पदों पर 9,675 भर्ती की गई हैं, जिनमें 7,836 पुरुष तथा 1,839 महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं। सरकार के दूसरे कार्यकाल में 100 दिन में 10 हजार पदों पर भर्ती का लक्ष्य पूरा किया गया। इसके अलावा अब तक 65 हजार से अधिक पुलिस कर्मियों की पदोन्नति की गई है।


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