Drama of Trauma: लखनऊ में सीटी स्कैन और एमआरआइ कराने के नाम पर लूट, अवैध अस्पतालों की निगरानी का नहीं कोई तंत्र
अवैध रूप से चल रहे ट्रामा सेंटर मरीजों की सेहत से खिलवाड़ करने के साथ ही जेब भी खाली करने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। सुविधाओं का दावा कर मरीजों को भर्ती कराने का झांसा देकर उगाही शुरू है। जांच में सीटी-एमआरआइ के नाम पर मोटा शुल्क वसूल रहे।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। अवैध रूप से चल रहे ट्रामा सेंटर मरीजों की सेहत से खिलवाड़ करने के साथ ही जेब भी खाली करने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अस्पतालों में तमाम सुविधाओं का दावा कर मरीजों को भर्ती कराने का झांसा देकर उगाही शुरू हैं। जांच में सीटी-एमआरआइ के नाम पर मोटा शुल्क वसूल रहे हैं। बिना लाइसेंस चल रहे अस्पतालों की निगरानी के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास कोई तंत्र नहीं है। दैनिक जागरण की पड़ताल में रायबरेली रोड पर चल रहे अवैध अस्पतालों ने स्कोप हास्पिटल तो कुछ ने दूसरे केंद्रों पर मरीज को भेजकर सीटी-स्कैन व एक्सरे कराने की बात कही थी। मगर इसके लिए उन्होंने एंबुलेंस से भेजने का चार्ज, बिना कोरोना जांच सीटी स्कैन व एक्सरे कराने का चार्ज भी वसूल रहे हैं।
जागरण टीम से परफेक्ट अस्पताल, सिग्मा अस्पताल, न्यू कृष्णा अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों ने भी मरीज को दूसरी जगह भेजकर सीटी स्कैन, एमआरआइ करवाने का जिम्मा लेने की बात कही। इसके लिए अतिरिक्त चार्ज वसूला जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी जांच में पाया है कि सिर्फ एक दो अस्पतालों में ही सीटी स्कैन व एक्सरे की सुविधा थी। एमआरआइ तो किसी भी अस्पताल में नहीं था। मरीजों ने भी जांच टीम को बताया है कि उन्हें दूसरी जगह भेजकर सीटी स्कैन, एमआरआइ समेत अन्य जांच कराने के लिए अधिक रुपये की वसूली की जा रही थी।
सीटी स्कैन, एक्सरे की सुविधा एक दो जगह ही थी। एमआरआइ किसी भी अस्पताल में नहीं थी। मरीज को भर्ती करने के बाद यह अस्पताल उन्हें दूसरी जगहों पर भेजते थे। कोरोना की वजह से इस बीच अभियान नहीं चल पाया था। दो माह से मुझे चार्ज मिला है। तबसे हमने आठ अस्पतालों पर एफआइआर कराई है। -डा. एमके सिंह, एसीएमओ व नोडल अधिकारी अस्पताल एंड ट्रामा पंजीकरण।