केरल के युवकों को विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बुलाया लखनऊ, बंधक बनाकर की लूटपाट
खुद को आइबी का अफसर बताकर होटल के बाथरुम में बंदकर लूट ले गए विदेशी मुद्रा व अन्य सामान। डीसीपी पश्चिम सोमेन बर्मा के मुताबिक केरल निवासी सुनील कुमार टचापुल्ली निवेद वीवी अमल आंट्टू मनोज एमएम को हाकिम नाम के युवक ने नौकरी दिलाने की बात कही थी।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। केरल के चार युवकों को यूरोप के रिपब्लिक ऑफ माल्टा में नौकरी दिलाने के बहाने लखनऊ बुलाकर उनसे लूटपाट करने वाले गिरोह का पुलिस ने राजफाश किया है। नाका में शांता इन होटल में ठहरे युवकों को आरोपितों ने बंधक बनाकर विदेशी मुद्रा व अन्य कीमती सामान लूट लिया था। खास बात यह है कि आरोपित खुद को आइबी का अफसर बताकर होटल में दाखिल हुए थे। डीसीपी पश्चिम सोमेन बर्मा के मुताबिक केरल निवासी सुनील कुमार टचापुल्ली, निवेद वीवी, अमल आंट्टू, मनोज एमएम को हाकिम नाम के युवक ने नौकरी दिलाने की बात कही थी। पीडि़तों को हाकिम ने दिल्ली बुलाया था। इसके बाद उन्हें लखनऊ जाने को कहा। चारों लाटूश रोड स्थित शांता इन होटल में ठहरे थे।
साजिश के तहत दो युवकों को पंजाब निवासी बलवंत सिंह वीजा दिलाने के नाम पर अपने साथ एयरपोर्ट लेकर गया था। इसके बाद वह पासपोर्ट लेकर अमौसी एयरपोर्ट से फरार हो गया। इधर, होटल में पीडि़तों के कमरे में गिरोह के अन्य आरोपित खुद को आइबी अफसर बताकर दाखिल हुए। फर्जी आइकार्ड दिखाकर कमरे में मौजूद दो पीडि़तों को बाथरूम में बंद कर दिया और 7650 डॉलर, 3150 यूरो व करीब पांच हजार रुपये, पर्स, पासपोर्ट, वीजा कार्ड व एटीएम कार्ड समेत अन्य सामान लूट ले गए। बंधक बने सुनील व उनके साथी ने खुद को किसी तरह मुक्त कराया और शोर मचाकर लोगों को घटना की जानकारी दी।
देश भर में फैला है जाल : एडीसीपी राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि सुनील की तहरीर पर नाका कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गई। इसके बाद सीसी फुटेज की मदद से छानबीन शुरू हुई। एक आरोपित ने पिंंक शर्ट पहन रखी थी। उसे नाका चौराहे से दबोच लिया गया। पड़ताल के दौरान पुलिस ने चंडीगढ़ निवासी आशीष सिंधिया, नई दिल्ली निवासी शकील अहमद व ललित कुमार तथा राजस्थान निवासी बलराम सैन को दबोच लिया। आरोपितों ने पूरे देश भर में अपना जाल फैलाया है।
अमेरिका में बैठा है सरगना : पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि गिरोह का सरगना रोहित है, जो अमेरिका में रह रहा है। रोहित के इशारे पर ही वह लोगों को नौकरी के नाम पर विदेश भेजने के लिए अपने झांसे में लेते थे। आरोपितों ने पीडि़तों को 500 यूरो में नौकरी दिलवाने की बात कही थी। इसके बाद पीडि़त 20 जून को दिल्ली से लखनऊ आए थे। पीडि़त होटल के कमरा नम्बर 208 व 201 में ठहरे थे। पीडि़तों ने बताया कि वह पहले विदेश में काम कर चुके हैं। कोरोना के कारण वह वापस आ गए थे। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई कार भी बरामद कर ली है।