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Lockdown : जनहित में ईंट और बालू समेत निर्माण सामग्री ले जाने से नहीं रोकेगा पुलिस व प्रशासन

उत्तर प्रदेश में ईंट और बालू आदि निर्माण सामग्री को लाने-ले जाने के आदेश के बावजूद पुलिस-प्रशासन व्यवधान डाल रहा है। इस पर शासन ने संज्ञान लिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 29 Apr 2020 10:24 AM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 10:29 AM (IST)
Lockdown : जनहित में ईंट और बालू समेत निर्माण सामग्री ले जाने से नहीं रोकेगा पुलिस व प्रशासन
Lockdown : जनहित में ईंट और बालू समेत निर्माण सामग्री ले जाने से नहीं रोकेगा पुलिस व प्रशासन

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश में ईंट और बालू आदि निर्माण सामग्री को लाने-ले जाने के आदेश के बावजूद पुलिस-प्रशासन व्यवधान डाल रहा है। इस पर शासन ने संज्ञान लिया है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने मंगलवार देर रात इस संबंध में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं।

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अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने अपने आदेश में पुलिस-प्रशासन द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न का जिक्र किया है। उन्होंने कहा है कि संज्ञान में आया है कि गामीण क्षेत्रों में ईंट-भट्ठों का संचालन शुरू हो गया है, लेकिन भट्ठों से ईंटों को ले जाने में पुलिस-प्रशासन द्वारा रोका जा रहा है। अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि निर्माण के आवश्यक सामगी जैसे ईंट, बालू, मौरंग, सरिया तथा सीमेंट आदि को न रोका जाए।

ईंट-भट्ठों के विनियमन शुल्क के ब्याज में 31 मई तक छूट

उत्तर प्रदेश सरकार ने ईंट-भट्ठों के विनियमन शुल्क (रेगुलेटिंग फीस) के ब्याज में 31 मई तक छूट प्रदान कर दी गई है। यानी 31 मई तक लाइसेंस शुल्क जमा करने वालों को एक भी रुपये ब्याज नहीं देना पड़ेगा। पहले यह छूट 31 मार्च तक जमा करने पर थी। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव डॉ. रोशन जैकब ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। ऐसे में काफी संख्या में ईंट-भट्ठों ने अपना विनियमन शुल्क जमा नहीं किया है। सरकार ने इस समस्या को देखते हुए 31 मई तक शुल्क जमा करने वालों का ब्याज माफ कर दिया है।

भवन कर के बकाये का मांगा ब्यौरा

नगरीय निकाय केंद्रीय व राजकीय भवनों पर बकाये कर की वसूली के लिए दबाव बनाएंगे। इसके लिए नगरीय निकायों को अपने यहां के बकायेदारों का ब्यौरा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। स्थानीय निकाय निदेशक डा. काजल ने इस संबंध में नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को पूरा ब्योरा तैयार कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है। इसी आधार पर शासन स्तर से संबंधित विभागों को पत्र लिखकर कर जमा करने को कहा जाएगा।


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