LockDown 5.0: यूपी सरकार ने जारी की गाइडलाइन: आठ से खुलेंगे धार्मिक स्थल, मॉल व रेस्तरां
LockDown 5.0-Unlock 2.0लॉकडाउन 5.0 के दूसरे चरण में प्रदेश में सभी धार्मिक स्थल के साथ मॉल व रेस्तरां खुलेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने इनके लिए गाइडलाइंस जारी की है।
लखनऊ, जेएनएन। LockDown 5.0-Unlock 2.0 : कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते प्रभाव पर अंकुश लगाने की खातिर देश में लॉकडाउन में अब काफी ढील दी जा रही है। सभी जगह पर केंटेन्मेंट जोन को छोड़कर लोगों को काफी राहत मिल रही है। लॉकडाउन 5.0 के दूसरे चरण में प्रदेश में सभी धार्मिक स्थल के साथ मॉल व रेस्तरां खुलेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने इनके लिए गाइडलाइंस जारी की है।
कोरोना संक्रमण की वजह से करीब ढाई माह से बंद धर्मस्थल-पूजा स्थल सोमवार से खुलने जा रहे हैं। अब अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ न उमड़ पड़े और संक्रमण फैलने का खतरा खड़ा न हो जाए, इसके लिए केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के आधार पर उत्तर प्रदेश की गाइडलाइन शनिवार को मुख्य सचिव आरके तिवारी ने जारी कर दी। शारीरिक दूरी और सैनिटाइजेशन की तमाम सावधानियों के साथ ही किसी भी धर्मस्थल पर प्रसाद वितरण, तिलक आदि पर रोक रहेगी। भक्ति-संगीत का सामूहिक गान नहीं होगा, सिर्फ रिकार्डिंग ही बजाई जा सकेगी। हां, कंटेनमेंट जोन में कोई धर्मस्थल अभी नहीं खोला जाएगा।
धार्मिक स्थल प्रबंधन हर जगह पर स्थानीय प्रशासन से सम्पर्क कर सभी निर्देशों का पालन करेंगे। वहां पर हर गेट पर अल्कोहल युक्त सेनिटाइजर और थर्मल स्कैनर रखना अनिवार्य होगा। इस दौरान जिनमें लक्षण नहीं पाया जाएगा, उसी को प्रवेश मिलेगा। यहां पर साथ ही सभी को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। धार्मिक स्थलों पर कोविड-19 से बचने के उपायों की घोषणा की जानी चाहिए। धार्मिक स्थल में पांच से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते। एसी चलाए जा सकते हैं लेकिन टेम्परेचर 24 से 30 डिग्री के बीच होनी चाहिए। प्रसाद वितरण नहीं होगा। समूह गायन की जगह रिकॉर्ड बजाय जाएगा।
धार्मिक स्थलों पर काफी सख्त पहरा रहेगा। किसी को भी मूर्तियों को छूने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी धार्मिक स्थल पर प्रसाद वितरण नहीं किया जाएगा। सिर्फ पांच लोगों को ही एक साथ धार्मिक स्थल के अंदर प्रवेश मिलेगा। इसके साथ ही वहां पर प्रसाद नहीं बांटा जाएगा। लोगों को वहां पर लाइन लगने के बाद भी फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। दो लोगों में कम से कम छह फुट की दूरी रखनी होगी। सभी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा। जूता-चप्पल धार्मिक स्थल प्रांगण के बाहर ही उतारना होगा या बाहर खड़ी अपनी गाडिय़ों में रखना होगा। सभी जगह पर प्रबंधन को अलग प्रवेश तथा निकास द्वार की व्यवस्था करनी होगी।
24 से 30 डिग्री रहे तापमान : गाइडलाइन में इस बार तापमान और नमी को लेकर भी आगाह किया गया है। कहा गया है कि वेंटिलेशन, एयर कंडीशनरों आदि के प्रयोग के समय तापमान 24-30 डिग्री के बीच होना चाहिए। आद्र्रता की सीमा 40 से 70 फीसद के बीच होनी चाहिए। क्रॉस-वेंटिलेशन का प्रबंधन इस प्रकार से होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा ताजी हवा अंदर आ सके।
- यह होगी नई व्यवस्था
- प्रत्येक धर्म स्थल में एक बार में एक स्थान पर पांच से अधिक श्रद्धालु न हों।
- प्रवेश द्वार पर हाथों को कीटाणु रहित करने के लिए एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग किया जाए और इन्फ्रारेड थर्मामीटर की भी व्यवस्था यथासंभव की जाए।
- जिन व्यक्तियों में कोई लक्षण नहीं मिलेगा, केवल उन्हें ही परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी।
- सभी प्रवेश करने वाले व्यक्तियों को फेस कवर, मास्क का प्रयोग करना अनिवार्य होगा।
- कोरोना संक्रमण के प्रति जन जागरुकता के लिए परिसर में पोस्टर, स्टैंडीज का प्रयोग प्रमुखता से करना होगा।
- जहां तक संभव हो, आने वाले व्यक्तियों को विभिन्न समूहों में बांटकर प्रवेश दिया जाए, जिससे कि अनावश्यक भीड़भाड़ न हो। प्रयास है कि एक स्थान पर एक समय में पांच से अधिक व्यक्ति एकत्र न हों।
- जूते-चप्पलों को अपने वाहन आदि में उतारकर रखना होगा। यदि जरूरी हो तो इन्हें प्रत्येक व्यक्ति द्वारा स्वयं ही अलग-अलग खांचों या ब्लॉक में रखेगा।
- परिसरों के बाहर पार्किंग स्थलों पर भीड़ प्रबंधन करते समय शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन करना होगा।
- परिसरों में व्यक्तियों को लाइन में खड़े होने के लिए स्पष्ट दिखने वाले निशान या चिन्ह बनाए जाएं।
- प्रवेश और निकास की यथासंभव अलग-अलग व्यवस्था करनी होगी।
- लाइन में सभी व्यक्ति एक-दूसरे से कम से कम छह फीट की शारीरिक दूरी पर रहेंगे।
- बैठने के स्थानों को भी शारीरिक दूरी के अनुसार व्यवस्थित किया जाए।
- प्रतिरूप, मूर्तियों, पवित्र ग्रंथों आदि को छूने की अनुमति नहीं होगी।
- सभाएं, मंडली निषिद्ध रहेंगी। रिकॉर्ड किए हुए भक्ति-संगीत या गाने बजाए जा सकते हैं लेकिन, समूह में गायन की अनुमति नहीं होगी।
- प्रार्थना सभाओं के लिए एक ही मैट या दरी से बचा जाए। श्रद्धालुओं को अपने लिए अलग मैट और दरी आदि लानी चाहिए, जिसे वह अपने साथ वापस ले जा सकते हों।
- धार्मिक स्थल के अंदर किसी भी प्रकार के प्रसाद वितरण या पवित्र जल के छिड़काव आदि की अनुमति नहीं होगी। एक-दूसरे को बधाई देते समय शारीरिक संपर्क से बचना होगा। श्रद्धालु और पुजारी समेत कोई भी किसी रूप में स्पर्श न करें।
- लंगर, सामुदायिक रसोई, अन्नदान आदि के लिए भोजन तैयार या वितरित करते समय शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करना होगा।
- परिसर के अंदर शौचालयों, हाथ-पैर धोने के स्थानों पर स्वच्छता के विशेष उपाय करने होंगे।
- प्रबंधन द्वारा धार्मिक स्थलों की लगातार सफाई और कीटाणु रहित करने के उपाय करने होंगे।
- परिसर के फर्श को विशेष रूप से कई बार साफ करना होगा।
- आगंतुक अपने फेस कवर, मास्क, ग्लव्स आदि को सार्वजनिक स्थानों पर नहीं छोड़ेंगे। यदि कोई ऐसी सामग्री रहती है तो उसका उचित निपटान यानी डिस्पोजल करना होगा।
परिसर के अंदर संदिग्ध या पुष्ट केस मिलने पर
- बीमार व्यक्ति को ऐसे स्थान पर रखा जाए, जिससे कि वह अन्य व्यक्तियों से बिल्कुल अलग हो जाए।
- डॉक्टर द्वारा उसकी जांच-परीक्षण होने तक उसे मास्क या फेस कवर दिया जाए।
- तुरंत निकटतम अस्पताल, क्लीनिक या स्वास्थ्य हेल्पलाइन नंबर 18001805145 को सूचित किया जाए।
- नामित स्वास्थ्य प्राधिकारी द्वारा मरीज और उसके संपर्कों आदि के संबंध में संक्रमण के जोखिम का मूल्यांकन किया जाएगा। उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
- यदि व्यक्ति पॉजिटिव पाया जाए तो परिसर को पूरी तरह कीटाणु-रहित किया जाएगा।