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अनलॉक में युवाओं का भविष्य 'लॉक' : परीक्षा न नौकरी का ठिकाना, नई भर्ती निकालने का काम भी सुस्त

कोरोना वायरस संक्रमण के संकट ने कुछ जख्म ऐसे दिए हैं जिसकी भरपाई निकट भविष्य में मुश्किल है। यह ऐसा वक्त है जिसमें न परीक्षा और न नौकरी का ठिकाना है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 03:19 AM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 05:54 PM (IST)
अनलॉक में युवाओं का भविष्य 'लॉक' : परीक्षा न नौकरी का ठिकाना, नई भर्ती निकालने का काम भी सुस्त
अनलॉक में युवाओं का भविष्य 'लॉक' : परीक्षा न नौकरी का ठिकाना, नई भर्ती निकालने का काम भी सुस्त

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के संकट ने कुछ जख्म ऐसे दिए हैं, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में मुश्किल है। यह ऐसा वक्त है जिसमें न परीक्षा और न नौकरी का ठिकाना है। बात उत्तर प्रदेश की करें तो यहां अनलॉक घोषित हुए लगभग दो महीने हो रहे हैं। बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। दफ्तरों का काम में धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ाने का प्रयास चल रहा है। इसके बीच युवा खुद के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। वास्तविकता यह है कि अभी उनका भविष्य अनलॉक नहीं हुआ। नई भर्तियां निकालने का काम सुस्त है। परीक्षाएं लगातार टल रही हैं। वहीं, अलग-अलग परीक्षाओं में चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए अधिकारियों का चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी उन्हें आश्वासन की घुट्टी पिलाकर लौटा रहे हैं। इसके चलते उनका भविष्य अधर में फंसता जा रहा है।

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कोरोना संक्रमण काल में उत्तर प्रदेश में सरकारी नौकरियों में भर्ती की सबसे बड़ी संस्था लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) तीन बार अपने परीक्षा कैलेंडर बदल चुका है। जुलाई 2019 से फरवरी 2020 तक सारा काम परीक्षा कैलेंडर के अनुरूप हुआ। तय तारीख पर परीक्षाएं कराने के साथ समयबद्ध तरीके से रिजल्ट जारी हुए, लेकिन इधर कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से सारी व्यवस्था ध्वस्त हो गई। अब अनलॉक के दौरान भी कई परीक्षाओं की तिथियों का बढ़ना जारी है। वहीं कोरोना संक्रमण की वजह से अब तक डीएलएड में प्रवेश शुरू नहीं किया जा सका है।

कोरोना वायरस ने देश के भविष्य यानी युवाओं के करियर और उनके सपनों को भी लॉक कर दिया है। हर नौजवान का सपना पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी करने का होता है, लेकिन कोरोना काल में सब ध्वस्त कर दिया है। इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के विद्यार्थियों के लिए अगस्त से सितंबर में प्लेसमेंट का पीक टाइम होता है। एमटेक व गेट क्वालीफाई स्टूडेंट को कंपनियों में ऑफर मिलते थे। प्रक्रिया पूरी होते-होते एक-दो महीने लगते हैं और विद्यार्थियों के पास होने के साथ ही जॉब शुरू हो जाती है, लेकिन इस बार प्लेसमेंट पूरी तरह लॉक हैं। 

नियुक्ति देने की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं : कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) के स्टेनोग्राफर ग्रेड सी और डी परीक्षा 2018 का रिजल्ट मार्च के प्रथम सप्ताह में जारी कर दिया था। परीक्षा में 3944 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। इसमें स्टेनोग्राफर ग्रेड सी में 1158 व ग्रेड डी में 2786 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है। चयनितों को अप्रैल में नियुक्ति मिलनी थी, लेकिन नियुक्ति देने की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई।

अभी तक नियुक्ति के लिए भटक रहे : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा-2018 के तहत 15 में से 13 विषयों का रिजल्ट आठ नवंबर 2019 तक जारी कर दिया। इसमें 4243 अभ्यर्थी सफल हुए हैं। चयनितों के शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन फरवरी में पूरा कर लिया है। परंतु, चयनित अभ्यर्थी अभी तक नियुक्ति के लिए भटक रहे हैं, जबकि हिंदी व सामाजिक विज्ञान विषय का रिजल्ट अभी लटका है। यूपीपीएससी की 11 अक्टूबर को प्रस्तावित पीसीएस/ एसीएफ/आरएफओ प्री 2020, 15 अक्टूबर से प्रस्तावित सहायक वन संरक्षक/क्षेत्रीय वन अधिकारी मुख्य परीक्षा 2019 की तारीखों में बदलाव की संभावना है।

नहीं जारी हो रहा विज्ञापन : उत्तर प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) डिग्री कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती के लिए उच्च शिक्षा निदेशालय ने 11 अगस्त को अधियाचन उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग को भेजा है। प्रथम चरण में 1303 पदों का अधियाचन भेजा गया है। विज्ञापन संख्या 50 के तहत भर्ती होनी है। लेकिन, आयोग ने अभी तक विज्ञापन निकालने की प्रक्रिया शुरू नहीं की। निदेशक उच्च शिक्षा निदेशालय डॉ. वंदना शर्मा  का कहना है कि असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती कराने की जिम्मेदारी उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग पर है। निदेशालय ने अधियाचन भेज दिया है।

अधर में टीजीटी-2016 की परीक्षा : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-2016 जीव विज्ञान में 304 पदों की भर्ती निकाली थी। इसमें 67 हजार के लगभग अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। चयन बोर्ड ने आवेदन लेने के बाद उक्त विषय ही खत्म कर दिया। न्याय के लिए अभ्यर्थी कोर्ट गए। हाई कोर्ट ने 13 फरवरी 2020 को परीक्षा कराने का आदेश दिया। लेकिन, चयन बोर्ड ने परीक्षा कराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। वहीं माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के उप सचिव नवल किशोर ने कहा कि परीक्षा कराने के लिए बोर्ड गंभीर है। बोर्ड की आगामी बैठक में उसके मद्देनजर उचित निर्णय लिया जाएगा।

स्नातक परिणाम के बाद डीएलएड में प्रवेश : प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का प्रशिक्षण डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) 2020 में प्रवेश फिलहाल रुक गया है। शासन ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को निर्देश दिया है कि प्रवेश प्रक्रिया अब स्नातक का परिणाम आने के बाद ही शुरू की जाए। ऐसे में यह प्रवेश अब स्नातक का रिजल्ट आने के बाद ही प्रवेश दिया जाएगा।


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