सफाईकर्मी अब नहीं कर पांएगे शहर की सफाई में खेल, घड़ी से ऑनलाइन ट्रैक होगी लोकेशन
सफाई कर्मचारियों के हाथ में खास किस्म की घड़ी होगी, जो उनकी लोकेशन कंट्रोल रूम को बताती रहेगी। बटन दबाते ही ऑन करते दर्ज होगी उपस्थिति।
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। शहर की सफाई में अब खेल नहीं हो सकेगा। सफाई कर्मचारियों की लोकेशन अब ऑनलाइन होगी। उनके हाथ में खास किस्म की घड़ी होगी, जो कर्मचारी की लोकेशन कंट्रोल रूम को बताती रहेगी। घड़ी में लगे बटन को ऑन करते ही उसकी उपस्थिति भी दर्ज हो जाएगी और यह भी बता चल पाएगा कि वह अपनी हद (ड्यूटी स्थल) पहुंच चुका है या नहीं। नागपुर नगर निगम की तर्ज पर यहा इस योजना को लागू किया जाएगा। नगर आयुक्त डॉ.इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि नागपुर में इस योजना से सफाई कर्मचारियों की उपस्थिति शत-प्रतिशत हो गई है और उससे सफाई भी बेहतर हुई है। उन्होंने बताया कि नागपुर का यह प्रोजेक्ट एक सरकारी एजेंसी ने तैयार किया था। अब लखनऊ नगर निगम भी इस प्रोजेक्ट को लागू कराएगा। इससे सफाई कर्मचारियों की लोकेशन पता हो जाने से सफाई व्यवस्था बेहतर हो सकेगी।
अभी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी :
नगर निगम में करीब सात हजार सफाई कर्मचारी हैं। इसमें नियमित 2100, संविदा (विभागीय) 919 और कार्यदायी संस्था से 4200 हैं, लेकिन अधिकाश कर्मचारी काम नहीं करते हैं। इसी तरह ठेके पर तैनात 4200 सफाई कर्मचारियों में बड़ा फर्जीवाड़ा है। ठेकेदार आधे-अधूरे सफाई कर्मचारियों की तैनाती कर हर साल पचास करोड़ का भुगतान करा लेते हैं। नगर निगम की जाच में भी यह फर्जीवाड़ा सामने आ चुका है, लेकिन इस पर अभी तक रोक नहीं लग पा रही है। मुख्य बाजार में ठेके पर सफाई:
शहर की मुख्य बाजारों में अब ठेके पर सफाई होगी। अभी तक नगर निगम खुद से वहा सफाई कराता है, लेकिन अधिक बजट खर्च हो जाने के बाद सफाई के बेहतर नतीजे नहीं आ पा रहे थे। नगर आयुक्त डॉ.इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया ने बताया कि कम बजट में ठेके पर सफाई देने से ठेकेदार की जिम्मेदारी हो जाएगी, अभी नगर निगम को कई स्तर पर सफाई की जवाबदेही तय करनी पड़ती है।
मंत्री दौरा नहीं, विकास कराएं :
भाजपा पार्षदों ने एक सुर में कहा कि नगर विकास मंत्री का हर माह पहले शनिवार को शहर के कुछ इलाकों का दौरा बेअसर है। पूर्व निर्धारित मंत्री के दौरे के समय भी गंदगी मिल रही है और सड़क पर गढ्डे दिख रहे हैं। विकास न होने से नाराज पार्षदों ने यहा तक कह दिया कि मंत्री अब लखनऊ के बजाय कहीं और दौरा करें। मंत्री को भी शहर के विकास पर ध्यान देना चाहिए और पार्षदों की बात को सुनना चाहिए। मेयर साहिबा! हम वार्ड में कैसे मुंह दिखाएं :
ग्यारह अगस्त को होने वाले नगर निगम सदन को लेकर बुधवार शाम मेयर संयुक्ता भाटिया ने भाजपा पार्षदों की बैठक बुलाई थी, लेकिन शहर की बदहाल स्थिति पर पार्षदों का उबाल दिखा। पार्षदों ने कहा कि वह वार्ड में मुंह दिखाने वाली स्थिति में नहीं है। वार्ड के लोग बुरा-भला कह रहे हैं, क्योंकि पार्षद कोई भी विकास कार्य नहीं करा पाए हैं। महानगर कल्याण मंडप में शाम साढ़े छह बजे से शुरू हुई बैठक में मेयर ने सदन में भाजपा की रणनीति पर चर्चा शुरू की तो एक-एक कर पार्षद खड़े हो गए और कहने लगे कि अब सदन के निर्णयों को अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। ऐसे सदन का मतलब क्या रह जाता है? पार्षद दिलीप श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि जोनल कार्यालय-सात सपा का कार्यालय बन गया है। भाजपा पार्षदों की कोई बात नहीं सुनी नहीं जा रही है। जानकीपुरम की पार्षद के पति ने जोनल अधिकारी -तीन पर अभद्रता करने का आरोप लगाया है और कहा कि अगर काम नहीं हो रहा तो पत्नी से कह दीजिए इस्तीफा दे दीजिए। लालकुआ वार्ड के पार्षद सुशील कुमार तिवारी, पार्षद राघवराम तिवारी और श्रवण नायक ने भी विकास न होने और जोनल अधिकारी पर अभद्र तरह से बात करने का आरोप लगाया।
क्या कहना है मेयर का?
महापौर संयुक्ता भाटिया के मुताबिक, नागपुर की तर्ज पर लखनऊ नगर निगम लागू करेगा योजनाविकास न होने को लेकर पार्षदों की नाराजगी थी। उन्हें बताया कि विकास की पत्रवलिया 27 लाख और 15 लाख की स्वीकृति का निर्देश दिया है। पार्षदों का कहना था कि मंत्री स्थापना निधि के बजाय शासन से विकास की निधि दिलाएं। मैं गुरुवार को नगर विकास मंत्री से मिलकर पार्षदों की नाराजगी रखूंगी।