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खरमास : भगवान सूर्यदेव के सात घोड़ों से जुड़ा है कथानक, इसल‍िए बंद हो जाते हैं शुभकार्य

खरमास में भगवान विष्णु की आराधना से म‍िलता है व‍िशेष पुण्‍य 12 से लगेगा खरमास थम जाएगा शादियों का दौर।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 08:19 AM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 12:57 PM (IST)
खरमास : भगवान सूर्यदेव के सात घोड़ों से जुड़ा है कथानक, इसल‍िए बंद हो जाते हैं शुभकार्य
खरमास : भगवान सूर्यदेव के सात घोड़ों से जुड़ा है कथानक, इसल‍िए बंद हो जाते हैं शुभकार्य

लखनऊ, जेएनएन। आठ नवंबर से शुरू हुए शुभ कार्य 12 से बंद हो जाएंगे। पुनर्वसु, पुष्य, श्लेषा नक्षत्र होने के चलते शादियों का दौर चल रहा है। 12 दिसंबर को खरमास शुरू होने से पहले पश्चिम में गुुरु के अस्त होने के कारण सहालगों का दौर रुक जाएगा। इस महीने 5, 6, 7, 11 व 12 को ही शादियां होंगी।

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आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी ने बताया कि खरमास में शादी विवाह जैसे शुभकार्य भले ही बंद हो जाते हैं, लेकिन इन दिनों में भगवान विष्णु की आराधना करने से विशेष पुण्य मिलता है। सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो यह अवधि खरमास के नाम से जानी जाती है। हर साल करीब एक महीना खरमास का होता है। इसे पौष मास भी कहा जाता है।

भगवान सूर्यदेव के सात घोड़े से जुड़ा है कथानक

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं। पं.जितेंद्र शास्त्री ने बताया कि उनकी परिक्रमा रुकेगी तो सृष्टि का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। लगातार चलते रहने से घोड़े भूख प्यास से थक जाते हैं। एक बार भगवान सूर्यदेव को दया आ गई। सूर्यदेव घोड़ों को एक तालाब के किनारे ले गए, लेकिन उन्हें जब एहसास हुआ रुके तो सृष्टि रुक जाएगी।

इस पर उन्होंने तालाब के किनारे मौजूद दो खरों (गधे) को पांच घोड़ों के साथ शामिल कर लिया और दो को विश्राम के लिए छोड़ दिया। गधों की वजह से एक महीने तक घोड़ों को विश्राम मिल गया। हर सौर वर्ष में आने वाले इस महीने को ही खरमास कहा जाता है। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि इस एक महीने की अवधि में श्रद्धालुओं पर भगवान की विशेष कृपा रहती है। एकादशी का व्रत रखकर भगवान को विष्णु को तुलसी के पत्तों के साथ खीर खिलाना भी श्रेयस्कर होता है। प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर केसरयुक्त दूध से भगवान विष्णु का अभिषेक और तुलसी की माला के साथ अभिषेक करने से भी लाभ मिलता है। खरमास की नवमी को कन्या पूजन मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है।

सूर्य भगवान के रथ को संभालने वाले इन सात घोड़ों के नाम हैं :  गायत्री, भ्राति, उस्निक, जगति, त्रिस्तप, अनुस्तप और पंक्ति। कहा जाता है कि यह सात घोड़े एक सप्ताह के सात दिनों को दर्शाते हैं।

16 जनवरी से फिर बजेगी शहनाई

अगले साल शादी की तैयारी कर रहे हैं तो आप तैयार हो जाइए। अगले वर्ष एक साल में मात्र 79 शादियों के मुहूर्त हैं। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि अगले साल पूरे साल कम लग्न होने के चलते एक दिन में कई शादियां होंगी।

शादियों के मुख्य मुहूर्त

  • जनवरी- 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 29, 30 व 31
  • फरवरी- 3,4,5,9, 10, 11,12, 13, 14, 15, 16, 17, 18 ,19, 20, 21, 25, 27 व 27
  • मार्च-1, 2, 3, 4, 7, 8, 9, 10, 11, 12 व 13
  • अप्रैल-14, 15, 25, 26 व 27
  • मई-1, 2, 3, 4, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 17,18, 19, 23, 24 व 25
  • जून-13, 14, 15, 25, 26, 27,28, 29 व 30
  • नवंबर-26, 29 व 30
  • दिसंबर-1, 2, 6, 7,8, 9, 10 व 11

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