Move to Jagran APP

बिहार सांसद की धमकी, बच्चे छोड़ दो वरना मैं सांसद ही नहीं माफिया डॉन भी हूं

मजिस्ट्रेट की शक्तियां रखने वाले सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने इसके बाद भी बच्चों को छोडऩे से इन्कार कर दिया। उनका कहना है कि वह इस मामले को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाएंगे।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 09:25 AM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 09:25 AM (IST)
बिहार सांसद की धमकी, बच्चे छोड़ दो वरना मैं सांसद ही नहीं माफिया डॉन भी हूं
बिहार सांसद की धमकी, बच्चे छोड़ दो वरना मैं सांसद ही नहीं माफिया डॉन भी हूं

इलाहाबाद (जेएनएन)। बीते दिनों सीमांचल एक्सप्रेस में जिन 13 नाबालिग बच्चों को संदेह के आधार पर उतारकर बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के हवाले किया गया था, उन्हें छुड़ाने के लिए बिहार के एक सांसद ने शुक्रवार को खुद को माफिया डॉन बताते हुए धमकी तक दे डाली। हालांकि मजिस्ट्रेट की शक्तियां रखने वाले सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने इसके बाद भी बच्चों को छोडऩे से इन्कार कर दिया। उनका कहना है कि वह इस मामले को उच्चाधिकारियों के संज्ञान में लाएंगे।

loksabha election banner

कहा जा रहा है कि इन बच्चों को छुड़ाने के लिए पहुंचे एक शख्स ने अपने मोबाइल पर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष की बात सांसद से कराई। सांसद ने बच्चों को तत्काल छोडऩे के लिए कहा तो अध्यक्ष ने नियमों का हवाला दिया। आरोपित है कि इस पर कथित सांसद ने कहा कि वे माफिया डॉन भी हैं।

सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष ने इस पर उन्हें जवाब दिया कि कागजी कार्रवाई पूरी किए बिना वह बच्चों को किसी के भी हवाले नहीं कर सकते। दिल्ली के जिआउद्दीन नया मुस्तफा के मदरसा संचालक मोहम्मद इरफान भी ने शुक्रवार को सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष से बच्चों को छोडऩे की पैरवी की। उनसे भी यही कहा गया कि बच्चों को उनके परिवार वालों को ही सौंपा जाएगा।

क्या है मामला

18 जुलाई को सीमांचल एक्सप्रेस जब इलाहाबाद जंक्शन पर खड़ी हुई तो कोच एस-फाइव में चाइल्ड लाइन कर्मियों को आठ से 14 साल तक के 13 बच्चे मिले। बिहार के अररिया जिले के थाना जोविहार अंतर्गत गांव अजबा निवासी इन बच्चों ने बताया कि वे दिल्ली स्थित मदरसे में पढऩे जा रहे हैं, लेकिन मदरसे का नाम पता नहीं बता पाए।

संदेह होने पर चाइल्ड लाइन के सदस्य रघुनाथ राय ने सभी बच्चों को ट्रेन से उतारकर सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष कमलेश सिंह के समक्ष पेश किया। फिर सभी को खुल्दाबाद स्थित बाल संरक्षण गृह में भेज दिया गया। शुक्रवार को मो इब्राहिम मोहम्मद और सिरमान, गुलफराज, दिलबर को लिखा पढ़ी के बाद उनके परिवारीजन को सौंप दिया गया। शेष नौ के परिवारीजन का इंतजार किया जा रहा है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.