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आओ जानें, यूपी पीसीएस जे टॉपरों की कहानी; उन्हीं की जुबानी

पीसीएस-जे 2015 के टॉपरों से दैनिक जागरण ने परीक्षा में सफलता के टिप्स जानने के प्रयास किये। जिसमें कई बातें निकलकर सामने आईं।

By Ashish MishraEdited By: Published: Sat, 06 Aug 2016 01:57 PM (IST)Updated: Sat, 06 Aug 2016 04:21 PM (IST)
आओ जानें, यूपी पीसीएस जे टॉपरों की कहानी; उन्हीं की जुबानी

लखनऊ (वेब डेस्क)। कल देर रात घोषित हुये पीसीएस-जे 2015 के टॉपरों से दैनिक जागरण ने परीक्षा में सफलता के टिप्स जानने के प्रयास किये। जिसमें कई बातें निकलकर सामने आईं यह हम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं से साझा कर रहें हैं कि वह इनसे कैसे सीख ले सकते हैं।

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लखनऊ की अंशु शुक्ला पीसीएसजे टापर, गोरखपुर के अंशुमाली नंबर दो

सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता : अंशु

पीसीएस-जे 2015 में लखनऊ के इंदिरानगर निवासी अंशु शुक्ला ने टॉप किया है। उन्हें यह बड़ी सफलता पहले ही प्रयास में मिली है। टॉपर अंशु शुक्ल का कहना है कि निराशा को चुनौती समझना चाहिए। इससे घबराने वाले अक्सर असफल होते हैं। युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि एक बात सदैव याद रखना चाहिए कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता। एकाग्रता को सफलता का मूलमंत्र बनाएं, सफलता जरूर मिलेगी। वर्ष 2016 में इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय दिल्ली से बीए, एलएलबी की डिग्री प्राप्त करने वाली मेधावी छात्रा अंशु मूलरूप से लखीमपुर खीरी निवासी हैं और वर्तमान में लखनऊ में रह रही हैं। पिता अतुल कांत शुक्ल इलाहाबाद में फारेस्ट रेंजर के पद पर तैनात रहे हैं।

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गुरुजनों के आशीर्वाद से मिली सफलता : अंशुमाली

न्यायिक सेवा की इस महत्वपूर्ण परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त कर गोरखपुर के अंशुमाली पांडेय जिले का नाम रौशन करते हुए नजीर पेश की है। अपनी मेधा और परिश्रम के बल पर नजीर कायम करते हुए खजनी क्षेत्र के कैथवलिया हरक सिंह के रहने वाले अंशुमाली पांडेय ने चयन सूची में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वर्तमान में मुरादाबाद स्थित पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अंशुमाली ने गोरखपुर विश्वविद्यालय से बीए व एलएलबी की उपाधि प्राप्त की है जबकि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से एलएलएम की पढ़ाई की है। विधि में जेआरएफ रहे अंशुमाली के पिता प्रेम नारायण पांडेय कुशीनगर जिला न्यायालय में पेशकार रहे हैं जबकि माता ज्ञानमती पांडेय गृहणी हैं। गोरखपुर के दिव्य नगर कालोनी में रहने वाले अंशुमालि की सफलता से परिजनों और शुभचिंतकों ने हर्ष है। बलरामपुर में जज मयंक मणि त्रिपाठी व पूर्वोत्तर रेलवे से मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त राकेश त्रिपाठी को वे अपना प्रेरणास्रोत मानते हैं।

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रुचि श्रीवास्तव ने किया पीसीएसजे टॉप

सोनभद्र के आदिवासी बाहुल्य दुद्धी में नगर पंचायत क्षेत्र की निवासी व दुद्धी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव की पुत्री रुचि श्रीवास्तव इन दिनों सिविल जज सीनियर डिवीजन के पद पर रीवां में तैनात हैं। शुक्रवार की शाम उत्तर प्रदेश पीसीएस जे (नोटिफिकेशन 2015) का परिणाम आने के बाद रुचि के टापर होने की सूचना पर परिवार में ही नहीं, नगर में भी खुशी का माहौल हो गया।

रुचि की प्रारंभिक शिक्षा दुद्धी में ही हुई थी। बीए और एलएलबी उन्होंने काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय वाराणसी से किया। एलएलबी में उन्हें गोल्ड मेडल मिला था। गत वर्ष दिल्ली में एलएलएम करते समय रुचि ने एमपी सिविल सर्विस की परीक्षा दी थी। दो माह पूर्व उनका चयन सिविल जज सीनियर डिविजन के पद पर रीवां में हुआ। प्रदेश से लगाव होने के कारण यूपी में रहना चाहती थीं। ऐसे में यूपी पीसीएस-जे की परीक्षा में शामिल हुईं जहां उन्होंने टॉप कर नजीर कायम की। बातचीत के दौरान रुचि ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और दोनों भाइयों को दिया। कहा - सभी छात्रों को कंप्टीशन में एक फील्ड चुनकर उसके अनुसार तैयारी करनी चाहिए। इससे सफलता अवश्य मिलती है।


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