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नई योजनाओं संग आगे बढ़ेगा LDA, चुनाव बाद 197 गांवों में शुरू करेगा भू अर्जन

चुनाव बाद 197 ग्राम पंचायतों में भू अर्जन की शुरुआत करेगा प्राधिकरण। 25 एकड़ की जगह अब लैंडपूलिंग में 50 एकड़ भूमि लेगा प्राधिकरण। शासन स्तर पर एलडीए ने नई जमीन लेने के लिए भेजा था प्रस्ताव।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 09:32 AM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 08:39 AM (IST)
नई योजनाओं संग आगे बढ़ेगा LDA, चुनाव बाद 197 गांवों में शुरू करेगा भू अर्जन
नई योजनाओं संग आगे बढ़ेगा LDA, चुनाव बाद 197 गांवों में शुरू करेगा भू अर्जन

लखनऊ, [ऋषि मिश्र]। लोकसभा चुनाव के बाद एलडीए 197 गांवों में भू अर्जन की प्रक्रिया शुरू करेगा। इससे प्राधिकरण क्षेत्र का और विस्तार होगा। शासन स्तर पर एलडीए ने नई जमीन लेने के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उस पर बहुत जल्द सहमति मिलने की उम्मीद की जा रही है। अर्जन की पुरानी प्रक्रिया की जगह प्राधिकरण किसानों के साथ लैंडपूलिंग कर जमीन लेगा। इसमें किसानों से कम से कम 50 एकड़ जमीन ली जाएगी और बदले में उनको 20 फीसद तक विकसित भूमि वापस होगी।

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प्राधिकरण नई आवासीय सुविधाओं को विकसित करने के लिए अपने क्षेत्र को शहर की अंतिम सीमा तक फैलाने जा रहा है। इसमें मुख्य रूप से सीतापुर रोड, सुलतानपुर रोड, रायबरेली रोड और फैजाबाद रोड पर प्राधिकरण अपना प्रसार बढ़ाना चाह रहा है। इसके साथ ही आउटर रिंग रोड के 105 किमी के दायरे में भी नए लखनऊ को बसाना है। इसलिए प्राधिकरण को अब जमीन की जरूरत है, जिसको पूरा करने के लिए लैंड पूलिंग के जरिये अर्जन का सहारा लिया जाएगा।

पहले थी 25 एकड़ की सीमा, अब 50 एकड़ की

लैंडपूलिंग एक ऐसी अर्जन व्यवस्था है, जिसमें किसानों को प्राधिकरण अपना साङोदार बनाता है। शासन में प्राधिकरण ने पुराना प्रस्ताव भेजा था, जिसके तहत लैंडपूलिंग के लिए सीमा 25 एकड़ की थी, जिसको अब बढ़ाकर 50 एकड़ कर दिया।

यह होती है लैंडपूलिंग

लैंडपूलिंग देश के कई राज्यों में भूमि अर्जन के लिए प्रचलित है। इसमें किसानों को योजना का साझीदार बनाया जाता है। इसके तहत किसानों से जमीन लेकर बदले में उनको तय प्रतिशत भूमि विकसित कर वापस की जाती है। इसमें सीवेज, पानी, नाली, सड़क, मार्ग प्रकाश और बिजली जैसी सुविधाएं शामिल होती हैं। किसानों के लिए रिहाइशी और व्यावसायिक लैंडयूज भी तय कर दिए जाते हैं।

क्या कहते हैं अफसर ?

लविप्रा के सचिव एमपी सिंह का कहना है कि राजधानी में लगातार आवासीय जरूरतें बढ़ती जा रही हैं। इनको प्राधिकरण पूरा नहीं कर पा रहा है। पिछले करीब 10 साल से अर्जन की कोई प्रक्रिया नहीं शुरू की जा सकी है। इसलिए प्राधिकरण अब शहर के पुनरीक्षित क्षेत्र को शामिल करेगा, जिससे लोगों की आवासीय जरूरतें पूरी की जा सकेंगी।


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