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अब नपेंगे 200 फाइलों को दबाने वाले एलडीए कर्मी

रेंट विभाग की करोड़ों रुपये की संपत्तियों पर अपात्र काबिज।

By JagranEdited By: Published: Sun, 08 Jul 2018 02:04 PM (IST)Updated: Sun, 08 Jul 2018 02:48 PM (IST)
अब नपेंगे 200 फाइलों को दबाने वाले एलडीए कर्मी
अब नपेंगे 200 फाइलों को दबाने वाले एलडीए कर्मी

लखनऊ(जागरण संवाददाता)। रेंट विभाग की 200 फाइलों को दबाए बैठे एलडीए के कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। रेंट विभाग से 200 फाइलें गायब हैं और इनसे जुड़ी करोड़ों रुपये की संपत्तियों पर अपात्र काबिज हैं। इसलिए अब इन संपत्तियों का राज जानने और फाइलों को हासिल करने के लिए रजिस्टर में दर्ज नामों के आधार पर किरायेदारों को नोटिस भेजे जाएंगे। इन नोटिसों का तय समय पर जवाब न देने पर एलडीए कब्जेदारों को अवैध कब्जेदार मानते हुए बेदखल कराएगा। जबकि इनकी फाइलों को गायब करने के जिम्मेदार कर्मचारियों पर विभागीय कार्रवाई भी होगी।

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रेंट विभाग अब तक करीब एक हजार संपत्तियों का बकाया किराया वसूल चुका है या फिर बेदखल करने और भवन सील करने जैसी कार्रवाई की गई है। राजधानी में एलडीए की किरायेदारी की अनेक कॉलोनिया हैं। इनमें मुख्य रूप से जनपथ की दुकानें, पेपर मिल कॉलोनी के मकान, वालाकदर रोड, मवइया, लारेंस टेरेंस, निराला नगर, अलीगंज, विवेकानंदपुरी, टीजी सिविल लाइंस, न्यू हैदराबाद शामिल हैं। एक हजार प्रकरणों के हल करने के बावजूद अभी तक 200 फाइलें नदारद हैं। इस वजह से इन संपत्तियों का किराया निस्तारण प्राधिकरण नहीं कर सका है। कल्याणपुर में सील किया गया अवैध निर्माण: प्रवर्तन जोन-5 थाना गुडम्बा में गणोश के प्लाट संख्या 616/735 कल्याणपुर में बिना मानचित्र स्वीकृत कराये अवैध निर्माण के खिलाफ एलडीए ने कार्रवाई की है। इस अवैध निर्माण को एलडीए ने शनिवार को अधिशासी अभियंता प्रवर्तन के नेतृत्व में सील कर दिया। परिसर गुडंबा पुलिस की अभिरक्षा में दे दिया गया है।

कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों का कब्जा:

सूत्रों ने बताया कि जो फाइलें गायब हैं, उनमें से अधिकाश पर एलडीए के ही कुछ पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों का ही कब्जा है। या फिर उनके रिश्तेदार-परिचित जमे हुए हैं। निराला नगर, जनपथ, अलीगंज, पेपर मिल कॉलोनी में ये प्रापर्टी हैं, जिनकी फाइलें गायब हैं। कुल संख्या लगभग 200 हैं। मगर रजिस्टर में इनके नंबर और दर्ज किरायेदारों के नाम हैं। इसी आधार पर नोटिस भेजे जाएंगे। क्या कहते हैं लविप्रा ओएसडी ?

लविप्रा ओएसडी राजीव कुमार का कहना है कि 200 फाइलें नदारद हैं। रजिस्टर के आधार पर नोटिस भेजे जा रहे हैं। अगर समय रहते नोटिस का जवाब नहीं मिला तो सील करने की कार्रवाई और बेदखली होगी।


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