पेड़ काटने की मिली सजा, एलडीए ने भरा पांच करोड़ रुपये जुर्माना
एनजीटी ने राज्य सरकार के हर्जाना माफ करने की अपील ठुकराई। 500 हेक्टेयर में जंगल विकसित करने के भी आदेश। 102 हेक्टेयर जंगल कटने से पर्यावरण को हुई अपूर्णनीय क्षति।
लखनऊ, जेएनएन। चक गजरिया के जंगल में सीजी सिटी परियोजना के विकास के दौरान काटे गए पेड़ों की एवज में एलडीए ने पांच करोड़ रुपये का हर्जाना भर दिया है। एलडीए पर ये हर्जाना लगाए जाने के बाद सरकार इसको माफ करने की मांग कर रही थी, मगर एनजीटी ने इस मांग को ठुकरा दिया था। जिसके बाद प्राधिकरण ने ये धन मुख्य सचिव के आदेश पर जमा करवा दिया।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने इस संबंध में दिए गए फैसले में प्राधिकरण को आदेश दिया था कि वह पांच करोड़ रुपये जुर्माना भरने के साथ 500 हेक्टेयर में पौधरोपण कर जंगल विकसित करे। बताते चलें कि सुल्तानपुर रोड पर सीजी सिटी बसाने के लिए 102 हेक्टेयर जंगल की बलि ली गई थी। यह काफी घना जंगल था। जंगल काटे जाने से पारिस्थितिकी को बड़ा नुकसान हुआ था जिसकी भरपाई नामुमकिन है।
जंगल काटे जाने से पर्यावरण को हुए नुकसान से व्यथित एडवोकेट प्रिंस लेनिन ने लखनऊ हाईकोर्ट में जनहित याचिका की थी। हाईकोर्ट के बाद इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे वर्ष 2017 में एनजीटी को रेफर कर दिया था। सीजी सिटी के लिए 102 हेक्टेयर जंगल काटा गया था जबकि वन विभाग से केवल 52 हेक्टेयर जंगल काटे जाने की अनुमति ली गई थी। 58 हेक्टेयर जंगल पर बगैर अनुमति आरा चलाया गया। प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रभु एन सिंह ने बताया कि एनजीटी ने हर्जाना माफ नहीं किया, जिसके बाद ये पांच करोड़ रुपये हमने जमा कर दिये हैं।