पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी SMOG का कहर : बागपत व मेरठ के सभी स्कूल में दो दिन का अवकाश
मौसम ने विचित्र रुख अख्तियार कर रखा है। जहग-जगह पर धूप के साथ-साथ धुंध है। इसकी चपेट में समूचा उत्तर प्रदेश है लेकिन बड़ा असर एनसीआर के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है।
लखनऊ, जेएनएन। मौसम में नमी के साथ ही पराली जलाने तथा दीपावली की आतिशबाजी के बाद के माहौल ने मौसम का रुख बदल दिया है। उत्तर प्रदेश में मौसम ने विचित्र रुख अख्तियार कर रखा है। जहग-जगह पर धूप के साथ-साथ धुंध है।
इसकी चपेट में समूचा उत्तर प्रदेश है, लेकिन बड़ा असर एनसीआर के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। स्मॉग के कारण बागपत, मेरठ व शामली में पांच नवंबर तक स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। प्रदेश में इन दिनों आसमान में काले बादल लेकर असमंजस पैदा कर रहे हैं कि वह बादल ही हैं या फिर धुंध के कारण धुंआ का कहर है। जलवायु विशेषज्ञ और पर्यावरणविदों ने साफ किया कि आतिशबाजी के प्रदूषण से समूचा यूपी स्मॉग की चपेट में है। इस दौरान मेरठ, आगरा, कानपुर, लखनऊ, प्रयागराज व वाराणसी का एयर क्वालिटी इंडेक्स(एक्यूआइ) बेकाबू होकर अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। राजधानी लखनऊ भी धुंध के गिरफ्त में है। शनिवार को लखनऊ का एक्यूआइ 422 था जो रविवार को घटकर 400 रह गया। हालांकि, यह भी खतरनाक श्रेणी में आता है। राजधानी में दिनभर सूर्य बादलों में दुबका रहा।मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तीन-चार दिन यही हाल रहने के आसार हैं। अब तेज हवा चलने के बाद ही हालात कुछ नियंत्रण में होने के आसार हैं।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक सोमवार से हवा की गति कुछ बढ़ेगी। इससे धुंध छटने की संभावना बनेगी। गोरखपुर में जलवायु विशेषज्ञ कैलाश पांडेय मुताबिक आसमान में दिखने वाले बादल दरअसल स्मॉग है। स्मॉग की वजह से ही पूर्वांचल का तापमान एक फिर से चढ़ गया है। 25 डिग्री सेल्सियस तक नीचे आ चुका अधिकतम तापमान एक बार फिर 30 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया है। विशेषज्ञ ने बताया कि औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों की संख्या के बढऩे से पूर्वांचल का पर्यावरण संतुलन पहले से ही बिगड़ रहा है, दिवाली में हुई आतिशबाजी ने इसे और बिगाड़ दिया है। बीते एक पखवारे से चल रही पुरवा हवाओं के साथ आ रही नमी के बीच उलझकर धूल और कार्बन के कण वायुमंडल के निचले स्तर पर स्थिर हो गए हैं। यही स्मॉग है, जो काले बादल की तरह दिख रहा है।
पर्यावरणविद् प्रो.गोविंद पांडेय के अनुसार धूप की किरणें स्मॉग को पार कर जमीन तक पहुंच तो जा रही हैं लेकिन उसके बाद कमजोर हो जाने के कारण वापस वायुमंडल में लौट नहीं पा रहीं, जिसके कारण तापमान में बढ़ोत्तरी हो गई है। अब इंतजार है शुष्क पछुआ हवाओं का, जिसकी वजह से वातावरण की नमी कम होगी तो वायुमंडल में स्थिर हो चुके कार्बन व धूल के कण जमीन पर आ जाएंगे। ऐसा होने पर ही स्मॉग से निजात मिलेगी।
वाराणसी में एक्यूआइ 774
वाराणसी में रविवार शाम बेकाबू एयर क्वालिटी इंडेक्स अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अर्दली बाजार स्थित केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के स्टेशन में दर्ज किए गए रिकार्ड के मुताबिक शाम को एक्यूआइ 774 दर्ज किया गया। हालांकि इसके बाद घटते क्रम में रात 8.30 बजे 432, 11.00 बजे 197 और 11.30 बजे 194 एक्यूआइ दर्ज किया गया। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय ने पहली बार प्रदूषण फैलाने वालों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए चार संस्थाओं को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। साथ ही इन पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।