जल निगम भर्ती घोटाले में आजम खां पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का मुकदमा
जल निगम भर्ती घोटाले में सपा सरकार के पूर्व मंत्री आजम खान सहित अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। उन पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा है।
लखनऊ (जेएनएन)। विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने जलनिगम भर्ती घोटाले में सपा सरकार में मंत्री रहे आजम खां सहित अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम आदि धाराओं में एफआइआर दर्ज की है। आजम खां नगर विकास मंत्री होने के अलावा जल निगम के अध्यक्ष थे। मुकदमे में जल निगम के तत्कालीन एमडी पीके आसूदानी, नगर विकास विभाग के पूर्व सचिव एसपी सिंह (अब सेवानिवृत्त), तत्कालीन चीफ इंजीनियर अनिल कुमार खरे व आजम के तत्कालीन ओएसडी सैय्यद आफाक अहमद भी नामजद हैं।
सपा शासनकाल में जलनिगम में 1300 पदों पर हुई भर्तियों में अनियमितता के आरोप लगे थे। योगी सरकार के गठन के बाद शासन ने इसकी जांच एसआइटी को दी थी। एसआइटी ने 29 मार्च को अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, जिस पर राज्य सरकार ने एफआइआर दर्ज किए जाने की अनुमति दे दी। डीआइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पांच नामजद आरोपितों सहित अन्य के खिलाफ गबन, धोखाधड़ी, षड्यंत्र, साक्ष्य छिपाने व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है।
उल्लेखनीय है कि 22 सितंबर 2017 को एसआइटी ने जलनिगम मुख्यालय में छापा मारकर भर्ती से संबंधित मूल पत्रावलियां अपने कब्जे में ली थीं। जांच में सामने आया था कि जल निगम में नियमों को दरकिनार कर भर्तियां की गई थीं। इस मामले में ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली संस्था एपटेक के अधिकारियों की भूमिका भी सवालों में है।
आजम पर लगे आरोप
सैकड़ों अभ्यर्थियों ने भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता बरते जाने के साथ ही उनके जवाबों का गलत मूल्यांकन तथा उत्तर पुस्तिकाएं भर्ती प्रकिया पूरी होने के बाद दिखाए जाने के आरोप लगाए थे।
इन पदों पर हुई थीं भर्तियां
- 122 सहायक अभियंता
- 853 अवर अभियंता
- 325 नैत्यिक लिपिक
सहायक अभियंताओं की भर्ती हुई थी रद
जलनिगम में भर्ती 122 सहायक अभियंताओं की नियुक्तियां अगस्त 2017 में रद कर दी गई थीं। यह मामला अब कोर्ट में विचाराधीन है, जबकि 1178 पदों पर भर्ती अवर अभियंता व लिपिक वर्तमान में कार्यरत हैं और वेतन पा रहे हैं।
आजम ने कहा था हस्ताक्षर धोखे से कराए गए
एसआइटी ने बीती 17 जनवरी को पूर्व मंत्री आजम खां के बयान दर्ज किए थे। पूर्व नगर विकास सचिव एसपी सिंह व एमडी पीके आसूदानी सहित अन्य अधिकारियों के भी बयान दर्ज किए गए थे। आजम खां ने पत्रावलियों पर उन्हें धोखे में रखकर हस्ताक्षर कराए जाने की बात एसआइटी से कही थी।