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UP Civic Election: निकायों में पिछड़ों को आरक्षण के लिए बदला कानून, आज ही जारी हो सकता है अनंतिम आरक्षण आदेश

UP Civic Election यूपी में नगरीय निकाय अधिनियमों में संशोधन के अध्यादेश को राज्यपाल ने देर रात मंजूरी दे दी है। अब मेयर व अध्यक्ष पद का नए सिरे से आरक्षण होगा। आरक्षण अनंतिम का आदेश आज ही जारी हो सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Prabhapunj MishraPublished: Fri, 31 Mar 2023 11:12 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:12 AM (IST)
UP Civic Election: निकायों में पिछड़ों को आरक्षण के लिए बदला कानून, आज ही जारी हो सकता है अनंतिम आरक्षण आदेश
UP Civic Election: निकायों में पिछड़ों को आरक्षण के लिए बदला कानून

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए कानून में संशोधन कर दिया है। अब राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की संस्तुतियों के आधार पर ओबीसी को आरक्षण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में सामान्य नगरीय निकाय निर्वाचन-2023 उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम-1916 एवं उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 में जरूरी संशोधन किए जाने संबंधी अध्यादेश के प्रारूप को स्वीकृति दे दी है।

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इसे देर रात राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसके साथ ही गुरुवार को सरकार मेयर व अध्यक्ष की सीटों अनंतिम आरक्षण जारी कर सकती है। अधिनियम में संशोधन के बाद मेयर व अध्यक्षों की सीटों के आरक्षण में बड़ा उलटफेर होने की संभावना है। इससे पहले बुधवार शाम को कैबिनेट बैठक के बाद नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि नगरीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का समुचित लाभ दिया जाना है।

हाई कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए 31 मार्च तक रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे। आयोग ने समय से पहले नौ मार्च को ही अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भी रखी गई थी, कोर्ट ने इस रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण करते हुए चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने बताया कि पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट के मद्देनजर नगर पालिका परिषद और नगर निगम अधिनियम में संशोधन करने की जरूरत थी।

इसलिए कैबिनेट से अनुमति मांगी गई थी जो मिल गई। अब इस अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। अधिनियम में क्या संशोधन किया जाना है इस सवाल पर मंत्री ने कहा कि गुरुवार को इसके बारे में जानकारी दी जाएगी। मंत्री ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने दो दिन में अधिसूचना को लेकर कार्यवाही शुरू करने को कहा था राज्य सरकार ने कैबिनेट स्वीकृति देकर उसे शुरू कर दिया है।मंत्री ने बताया कि राज्यपाल से स्वीकृति के बाद मेयर और अध्यक्ष की सीटों का अनंतिम आरक्षण जारी किया जाएगा।

नगरीय निकाय चुनाव की अधिसूचना कब तक जारी होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह काम राज्य निर्वाचन आयोग का है। आयोग ही अधिसूचना जारी करेगा।वहीं, अध्यादेश के प्रारूप को कैबिनेट की स्वीकृति के बाद उसे बुधवार रात राज्यपाल की स्वीकृति के लिए राजभवन भेज दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत चुनावी आवश्यकताओं को देखते हुए बुधवार देर रात ही राज्यपाल ने कुछ ही घंटों के अंदर इस अध्यादेश को हरी झंडी प्रदान कर फाइल वापस भेज दी है। अब गुरुवार को इसके तुरंत बाद नगर निगम मेयर, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटों का अनंतिम आरक्षण जारी कर सती है।


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