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लखनऊ में जमीन घोटाला मामले में डीएम की बड़ी कार्रवाई, सरोजनीनगर तहसील के सभी कर्मचारियों को हटाया

Land scam case in Lucknow लखनऊ के अहिमामऊ में जमीन घोटाले में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई न होने को लेकर दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित हुई थी। इसका संज्ञान लेकर डीएम ने सभी कर्मचारियों को हटा दिया। डीएम ने तहसीलदार सरोजनीनगर विजय सिंह का तबादला मलिहाबाद कर दिया है।

By Vikas MishraEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 01:31 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 01:31 PM (IST)
लखनऊ में जमीन घोटाला मामले में डीएम की बड़ी कार्रवाई, सरोजनीनगर तहसील के सभी कर्मचारियों को हटाया
डीएम के मुताबिक, जांच प्रभावित न हो, इसके लिए सभी तहसील कर्मचारियों को हटा दिया गया है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। राजस्व परिषद के चेयरमैन के पूर्व निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल के करीबी कर्मचारियों व अधिकारियों ने सरोजनीनगर तहसील में कराेड़ों की जमीन में जमकर फर्जीवाड़ा किया। दैनिक जागरण लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने मंगलवार को सरोजनीनगर तहसील के सभी कर्मचारियों का तबादला कर दिया। डीएम का कहना है कि कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए गए हैं। जांच प्रभावित न हो, इसके लिए सभी तहसील कर्मचारियों को हटा दिया गया है। 

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अहिमामऊ में जमीन घोटाले में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई न होने को लेकर दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित हुई थी। इसका संज्ञान लेकर डीएम ने यह कदम उठाया है। डीएम ने तहसीलदार सरोजनीनगर विजय सिंह का तबादला मलिहाबाद कर दिया है। इसके एक सप्ताह पहले एसडीएम सरोजनीनगर को भी हटाया गया था। वहीं, तहसीलदार मलिहाबाद मिनाक्षी द्विवेदी को सरोजनीनगर का प्रभार सौंपा गया है। इसके अलावा नायब तहसीलदार सरोजनीनगर अमित त्रिपाठी को उदर तहसील भेजा गया है।

इनके स्थान पर सदर तहसील के नायब तहसीलदार अवनीश रावत को तैनाती मिली है। वहीं, नायब तहसीलदार बीकेटी कीरत सेन को मोहनलालगंज का प्रभार मिला है। इसके अलावा पेशकार सरोजनीनगर दीपक तिवारी, पेशकार उपजिलाधिकारी सरोजनीनगर कौशल दीक्षित, आशु लिपिक देवेंद्र, लेखपाल हरस्वरूप, राजस्व निरीक्षक अशोक सिंह एवं नैंसी शुक्ला का भी स्थानांतरण किया गया है। 

11 शहरों में डोबरियाल की संपत्ति खंगाल रही पुलिसः विवेकानंद डोबरियाल की संपत्ति खंगाल रही पुलिस ने 11 शहरों की सूची बनाई है। सूत्रों का कहना है कि पुलिस को जानकारी मिली है कि डोबरियाल ने यूपी के बाहर भी करोड़ों की संपत्ति खरीदी थी। डीसीपी पश्चिम सोमेन बर्मा ने 11 शहरों में टीम भेजी है, जो आरोपित की संपत्ति खंगाल रही है। मलिहाबाद में भी कई अफसरों ने बाग खरीदे हैं, जिसकी पड़ताल के लिए टीम गठित की गई है। 

ये है मामलाः राजस्व परिषद के चेयरमैन के सेवानिवृत्त निजी सचिव विवेकानंद डोबरियाल पर कैसरबाग कोतवाली में भ्रष्टाचार और वसूली की एफआइआर दर्ज कराई गई है। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद डोबरियाल फरार हो गया था। डोबरियाल राजस्व कर्मचारियों पर दबाव बनाकर ट्रांसफर पोस्टिंग और जमीनों पर कब्जा आदि का खेल सालों से कर रहा था। शासन की सख्ती के बाद आरोपित पर कार्यवाही की गई है। कैसरबाग पुलिस ने विवेकानंद पर 50 हजार का इनाम भी घोषित किया है। एसटीएफ भी आरोपित की तलाश में छापामारी कर रही है। हालांकि, अभी तक उसका कुछ पता नहीं चल सका है। 

आखिर कब होगी डोबरियाल की गिरफ्तारीः 50 हजार के इनामी विवेकानंद डाेबरियाल को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पा रही है। दो मई को आराेपित के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। एसटीएफ को भी डोबरियाल को पकड़ने के लिए लगाया गया है। इसके बावजूद उसका सुराग नहीं लग रहा है। डोबरियाल के नहीं पकड़े जाने से पुलिस की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। जिस मामले को लेकर मुख्यमंत्री गंभीर है, उसमें पुलिस आरोपित को पकड़ नहीं पा रही है। डोबरियाल कहां है और उसकी लोकेशन क्या है, इसकी जानकारी भी पुलिस के पास नहीं है।


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