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उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की जमीन तैयार, अंतिम फैसला अभी नहीं

विपक्षी एकता की संभावना को भाजपा भले ही नकारे लेकिन सपा, बसपा, कांगे्रस व रालोद ने भीतर-ही भीतर इस दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 10:23 PM (IST)Updated: Wed, 01 Aug 2018 07:26 AM (IST)
उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की जमीन तैयार, अंतिम फैसला अभी नहीं
उत्तर प्रदेश में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की जमीन तैयार, अंतिम फैसला अभी नहीं

लखनऊ (जेएनएन)। विपक्षी एकता की संभावना को भाजपा भले ही नकारे लेकिन सपा, बसपा, कांगे्रस व रालोद ने भीतर-ही भीतर इस दिशा में कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर अंतिम सहमति नहीं बनी है लेकिन, महागठबंधन की जमीन तैयार हो गई है। भाजपा के खिलाफ चारों दलों का एक मंच पर आना लगभग तय माना जा रहा है। बसपा प्रमुख मायावती ने भी गठजोड़ की नीति पर चलने की बात कहकर इसे लगभग पुख्ता कर दिया है। 

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मायावती पर टिका दारोमदार 

वस्तुत: गठबंधन का पूरा दारोमदार मायावती पर टिका है, कुछ दिन पहले पार्टी नेताओं की बैठक में उनका रुख भी नरम दिखा है। अपने नेताओं को गठबंधन पर खामोशी बरतने की हिदायत देकर उन्होंने यह स्पष्ट संकेत दे दिया है कि वह सपा के प्रस्तावों को गंभीरता से ले रही हैैं। इसके पीछे बीते उप चुनावों के परिणाम भी एक प्रमुख कारण हैैं, जिसमें बसपा ने उम्मीदवार नहीं उतारे थे लेकिन उसके सहयोग से फूलपुर, गोरखपुर और कैराना संसदीय क्षेत्र और नूरपुर विधानसभा में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। उप चुनावों में मायावती ने कई प्रयोग भी किए थे। फूलपुर और गोरखपुर में जहां उन्होंने प्रत्यक्ष समर्थन दिया था, वहीं कैराना और नूरपुर में परदे के पीछे से एकता को मजबूती दी थी। फिर भी आगे चलकर कुछ पेच फंस सकते हैैं।

सीट बंटवारे पर टकराव संभव

सूत्रों के अनुसार सीट बंटवारे पर बात अटक सकती है। माना जा रहा है कि बसपा को 40 सीटें, सपा को 30 और कांग्रेस को आठ सीटें दिए जाने की बात है। रालोद को सपा के खाते में डाला जा सकता है लेकिन, बसपा इस पर भी सहमत होने से पहले मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस से राजनीतिक सौदेबाजी को भी वरीयता देना चाहेगी। इस दिशा में कांग्रेस से चल रही बात कुछ आगे बढ़ी है। सूत्र बताते हैं कि मध्यप्रदेश में बसपा की मांग 50 सीटों की है लेकिन, कांग्रेस की मंशा महज 25 सीटें देने की ही है।

भाजपा के खिलाफ को तैयार अखिलेश

सीटों पर एक राय नहीं बनी तो इसका असर उत्तर प्रदेश में भी होगा। जहां तक सपा का सवाल है तो अखिलेश ने पहले ही यह कह दिया है कि भाजपा के खिलाफ गठजोड़ में यदि उन्हें कुछ नुकसान उठाना पड़ता है, तो वह इसके लिए तैयार हैैं। हाल ही में सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने उनको किसी भी दल से गठजोड़ का अधिकार भी दे दिया है। ऐसे में अखिलेश पर ही कांग्रेस, रालोद व अन्य छोटे दलों को संतुष्ट करने की जिम्मेदारी होगी।


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