लविवि: तीन और चेकों से पहले भी निकले थे खातों से लाखों रुपये Lucknow News
पत्रकार वार्ता में लविवि प्रशासन ने तीन अन्य चेकों से गलत भुगतान के मामले का छिपाया। लविवि प्रशासन द्वारा अभी तक तय नहीं की गई जिम्मेदारी।
लखनऊ, जेएनएन। लखनऊ विश्वविद्यालय से तीन और चेकों से गलत ढंग से पहले भी भुगतान हासिल करने का मामला सामने आया है। सुनकर आप भी हैरान होंगे कि आखिर यह हो क्या रहा है। मगर सच है। हसनगंज पुलिस की तफ्तीश की कड़ी में सामने आए इस मामले ने लविवि से जुड़े हर किसी के रौंगटे खड़े कर दिए। अब तक समाने आई 11 चेकों के भुगतान से पूर्व इन चेकों से भुगतान निकाल लिया गया था।
पहली चेक दिसंबर 2017 में, दूसरी चेक जनवरी 2018 और तीसरी चेक मार्च 2018 में लगाकर भुगतान हासिल कर लिया गया। उस वक्त भी लविवि प्रशासन द्वारा मामला पकड़ा नहीं जा सका। ऐसे में यह कहना बेजा न होगा कि क्या पता और लविवि को न जाने कितने दिनों से कितने करोड़ का चूना लगाया जाता रहा। इंस्पेक्टर हसनगंज डीपी कुशवाहा के मुताबिक तीन चेकों से पहले ही भुगतान हो चुका था, जिसकी जानकारी विवि को बाद में हुई। तीनों चेक के के कंस्ट्रक्शन के नाम से थी और हर चेक पर करीब पौने दस लाख रुपये का था।
क्या कहते हैं लविवि प्रवक्ता ?
लविवि प्रवक्ता प्रो एनके पाण्डेय के मुताबिक, पूर्व में चेकों से हुए भुगतान का मामला छिपाया नहीं गया है। यह मामला अभी सामने आया है। इसे भी एफआइआर में शामिल किया गया है।
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और भी संस्थानों से धनराशि उड़ाने की आशंका
फरार दोनों मुख्य जालसाजों के और भी कई संस्थानों से रकम हड़पने की आशंका जताई जा रही है। मास्टरमाइंड मुख्य अभियुक्त बिहार निवासी मानस व दिल्ली निवासी पंकज जैन की तलाश में पुलिस टीमें लगी हैं। मानस की आखिरी लोकेशन बिहार और पंकज की दिल्ली में मिली है। इसके बाद दोनों ने अपने नंबर और फोन बदल दिए। उनकी कॉल डिटेल निकलवाई गई, जिससे दर्जनभर से अधिक संदिग्ध नंबर ट्रेस किए गए हैं। इसे इस्तेमाल करने वालों से जल्द पूछताछ होगी। पुलिस ने मामले में अभी तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया, लेकिन उनसे एक भी रुपया बरामद नहीं हो सका। जालसाजी में पकड़े गए रोनित गुप्ता की पत्नी भावना का नाम भी प्रकाश में आया है, वह अभी फरार है।
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बैंक और लविवि के स्टाफ से पूछताछ की तैयारी
इंस्पेक्टर हसनगंज डीपी कुशवाहा ने बताया कि जिन बैंक खातों से पैसा निकला है, उनके कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है। बैंक के साथ लविवि के स्टाफ से भी पुलिस जल्द ही पूछताछ करेगी। जिन खातों से पैसे निकले हैं, वे दिल्ली और पटना स्थित पंजाब बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक के हैं। गिरोह के तार उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त बिहार, दिल्ली, हरियाणा व मध्यप्रदेश समेत अन्य प्रदेशों से भी जुड़े हैं।
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