Move to Jagran APP

साढ़े सात हजार फ्लैटों के लिए 1.40 लाख दावेदार, ऐसे तो 2038 में ही मिल सकेंगे प्रधानमंत्री आवास

2022 तक सबको आवास देने की नीति पर पलीता लगा रही कम आवास संख्या। इस साल आवास विकास बनाएगा 4500 घर, एलडीए तीन हजार।

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Apr 2018 03:36 PM (IST)Updated: Fri, 13 Apr 2018 03:36 PM (IST)
साढ़े सात हजार फ्लैटों के लिए 1.40 लाख दावेदार, ऐसे तो 2038 में ही मिल सकेंगे प्रधानमंत्री आवास
साढ़े सात हजार फ्लैटों के लिए 1.40 लाख दावेदार, ऐसे तो 2038 में ही मिल सकेंगे प्रधानमंत्री आवास

लखनऊ[ऋषि मिश्र]। राजधानी में सूडा ने केवल नगर क्षेत्र में 1.40 लाख लोगों की प्रधानमंत्री आवास के लिए पात्रता तय कर दी है। जिसकी सूची सूडा की वेबसाइट पर डाल भी दी गई है। जबकि एलडीए और आवास विकास परिषद के पास केवल 7500 फ्लैटों के लिए ही भूमि उपलब्ध है। मतलब हर 15वें आवेदक को ही प्रधानमंत्री आवास मिल सकेगा। 2022 तक हर गरीब के सिर पर छत का लक्ष्य यदि इसी रफ्तार से चला तो 2038 से पहले पूरा नहीं हो सकेगा। पीएम आवास के लिए जैसे ही आवास विकास परिषद ने आवेदन लेने शुरू किए तो जबरदस्त भीड़ उमड़ी। धक्का-मुक्की और हंगामा तक हुआ। जिसके चलते परिषद को ये तारीख पाच मई तक बढ़ानी पड़ी। दरअसल इस भीड़ की वजह से भी स्पष्ट है। प्रधानमंत्री आवासों के लिए पंजीकरण के लिए जिम्मेदार सूडा ने जो अंतिम पात्रता सूची राजधानी के लिए जारी की है, उसमें कुल संख्या 1.40 लाख है। जिसमें पात्र की विस्तृत जानकारी दी गई है। मगर उसके सापेक्ष इस वर्ष एलडीए और आवास विकास परिषद के फ्लैटों की निर्माण गति न के बराबर है। दोनों एजेंसिया मिल कर साढ़े सात हजार से अधिक पीएम आवास बनाने की स्थिति में नहीं हैं। इस तरह से केवल इस साल के आवेदकों को अगले चार साल में आवास दे पाना असंभव हो गया है।

loksabha election banner

बिल्डरों के साथ आज बैठक करेंगे डीएम

राजधानी में बिल्डरों और आवंटियों के बीच कब्जे नहीं देने के चल रहे आरोप-प्रत्यारोप को लेकर अब प्रशासन सक्रिय हुआ है। शुक्रवार को डीएम ने कलेक्ट्रेट में बैठक बुलाई है। जिसमें बिल्डरों के साथ चर्चा कर उनकी भी समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा। दरअसल, राजधानी में बिल्डरों के कई अहम प्रोजेक्ट लटके पड़े हैं। जिनमें लोगों ने फ्लैट बुक करा रखा है। बीते दिनों रोहतास बिल्डर को लेकर शहर में कानून-व्यवस्था की समस्या तक खड़ी हो गई। आवंटी लगातार धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी तरह दूसरे बिल्डरों का भी हाल है। वहीं बिल्डरों की अपनी समस्या है। रेरा के बाद से बिल्डरों की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। बीते तीन साल से सर्किल रेट भी नहीं बढ़ा है। वह भी बैठक में चर्चा का विषय होगा। जुलाई बाद लागू होगा नया सर्किल रेट

सर्किल रेट लागू करने को लेकर अब तक प्रशासन में असमंजस है। प्रशासन जहा पुरानी बात पर कायम है, वहीं निबंधन अधिकारी इसे जुलाई के बाद लागू करने की बात कर रहे हैं। फैसला डीएम को करना है। दरअसल, राजधानी में बीते तीन साल से सर्किल रेट का रिवीजन नहीं किया गया है। हर साल देने होंगे 35 हजार फ्लैट

केवल राजधानी के नगर क्षेत्र में जब प्रत्येक वर्ष 35 हजार आवास दिये जाएंगे तब जाकर 2022 तक सभी को आवास देने का सपना पूरा होगा। 35 हजार प्रति वर्ष के आधार पर 1.40 लाख पीएम आवास 2022 तक बन पाएंगे। मगर साढ़े सात हजार की संख्या के आधार पर इतने आवास बनने में करीब 20 साल लग जाएंगे। जिससे साल 2038 में वर्तमान आवेदकों को पीएम आवास मिल सकेंगे। क्या कहना है अधिकारी का?

सूडा के सहायक परियोजना अधिकारी योगेश आदित्य का कहना है कि हमने पात्रता सूची आवास विकास परिषद के लिए जारी कर दी है। इसमें जितने भी लोग हैं, उनके लिए 2022 तक आवास बनाने हैं। निर्माण का काम आवास विभाग के जिम्मे है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.