नौकरी का झासा देकर युवती से ठगे 13 लाख, पीड़िता ने दर्ज कराई एफआइआर
एनबीआरआइ में रिसर्च एसोसिएट के पद पर नौकरी का दिया था झासा, अलीगंज थाने में पीड़िता ने दर्ज कराई एफआइआर।
लखनऊ[जागरण संवाददाता]। एनबीआरआइ में नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवती से 13 लाख रुपये ठगी का मामला सामने आया है। पीड़िता ने अलीगंज थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है। मूलरूप से लखीमपुर खीरी के भीरा रामेश्वरा पुर निवासी अमरदीप सिंह की बेटी मोना कौर अपनी मा सर्वजीत और भाई जगजीत के साथ अलीगंज स्थित दयाल फोर्ड में रहती है। मोना के मुताबिक, जगजीत के दोस्त एलडीए कालोनी निवासी आयुष राज श्रीवास्तव के परिवारीजनों का उनके घर में आना जाना है। आरोप है कि आयुष के पिता अशोक राज श्रीवास्तव मोना की नौकरी के संबंध में उसके घर पर बात की थी। एनबीआरआइ में अच्छी पहुंच होन का झासा देकर उसने रिसर्च एसोसिएट ग्रेड-2 के पद पर नौकरी दिलाने की बात कही। इसके एवज में उसने 15 लाख रुपए मागे और एनबीआरआइ में ले जाकर फार्म भी भरवाया। इसके बाद कई बार में कुल 13 लाख रुपये ले लिए और पोस्टिंग की फर्जी सूची भी घरवालों को दिखा दी। रुपये लेने के बाद आरोपित ने मोना से कहा कि उसकी नौकरी पक्की हो गई है। हालाकि कुछ दिन बाद से ही आरोपित ने मोना का फोन उठाना बंद कर दिया। शक होने पर मोना मा संग एनबीआरआइ के दफ्तर पहुंची और अधिकारियों से मुलाकात की, जिसके बाद ठगी की जानकारी हुई। पुलिस के मुताबिक रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन की जा रही है। लखनऊ[जागरण संवाददाता]। एनबीआरआइ में नौकरी दिलाने के नाम पर एक युवती से 13 लाख रुपये ठगी का मामला सामने आया है। पीड़िता ने अलीगंज थाने में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराई है। मूलरूप से लखीमपुर खीरी के भीरा रामेश्वरा पुर निवासी अमरदीप सिंह की बेटी मोना कौर अपनी मा सर्वजीत और भाई जगजीत के साथ अलीगंज स्थित दयाल फोर्ड में रहती है। मोना के मुताबिक, जगजीत के दोस्त एलडीए कालोनी निवासी आयुष राज श्रीवास्तव के परिवारीजनों का उनके घर में आना जाना है। आरोप है कि आयुष के पिता अशोक राज श्रीवास्तव मोना की नौकरी के संबंध में उसके घर पर बात की थी। एनबीआरआइ में अच्छी पहुंच होन का झासा देकर उसने रिसर्च एसोसिएट ग्रेड-2 के पद पर नौकरी दिलाने की बात कही। इसके एवज में उसने 15 लाख रुपए मागे और एनबीआरआइ में ले जाकर फार्म भी भरवाया। इसके बाद कई बार में कुल 13 लाख रुपये ले लिए और पोस्टिंग की फर्जी सूची भी घरवालों को दिखा दी। रुपये लेने के बाद आरोपित ने मोना से कहा कि उसकी नौकरी पक्की हो गई है। हालाकि कुछ दिन बाद से ही आरोपित ने मोना का फोन उठाना बंद कर दिया। शक होने पर मोना मा संग एनबीआरआइ के दफ्तर पहुंची और अधिकारियों से मुलाकात की, जिसके बाद ठगी की जानकारी हुई। पुलिस के मुताबिक रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन की जा रही है।