यूपी बोर्ड के टॉपरों से जानिए सफलता की कहानी, उन्हीं की जुबानी
बच्चों का कहना है कि नियमित पढ़ाई के साथ रिवीजन और स्कूल और घर के बेहतर पढ़ाई के माहौल ने उन्हें टॉपर बनाया है।
लखनऊ (जेएनएन) यूपी बोर्ड की टॉपर लिस्ट में जिन बच्चों ने सफलता के झंडे गाडे हैं उन बच्चों से दैनिक जागरण की टीम ने सफलता के राज जानने की कोशिश की। जिसमें से ज्यादातर छात्र कड़ी मेहनत के साथ निरंतरता को सफलता को मूलमंत्र बताया। बच्चों का कहना है कि नियमित पढ़ाई के साथ रिवीजन और स्कूल और घर के बेहतर पढ़ाई के माहौल ने उन्हें टॉपर बनाया है।
1-इंटरमीडिएट के संयुक्त टॉपर आकाश मौर्य ने साबित कर दिया कि प्रतिभा महलों में ही नहीं झोपडी में भी हो सकती। आकाश के पिता कुलदीप ऑटो चालक हैं। शहर की मलिन बस्ती में किराये पर रहकर और ऑटो चलाकर अपने बेटे को पढ़ा रहे हैं। आकाश ने टॉप कर पिता की मेहनत का अनमोल तोहफा दे दिया है। पिता और मां फूलकेशरी की ख़ुशी देखते बन रही है। पिता के ख़ुशी के आंसू बहने लगे। कहा आकाश ने तो हमारे दुःख दूर कर दिए। बच्चो की पढाई के लिए शहर आया और यहां दिनरात ड्राइवर के तौर पर काम किया। आज आकाश ने जो सम्मान दिलाया उससे मेरी मेहनत का अनमोल खजाना मानो मिल गया है।
1-रजनीश शुक्ला ने संयुक्त रूप से इण्टरमीडिएट परीक्षा में पहला स्थान पाया है। सीमित संसाधन व सुविधाओं के बाद भी बोर्ड की परीक्षा में यूपी टॉप किया है। संक्षिप्त बातचीत में रजनीश ने कहा कि देश में पनपे भयंकर भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार समाज के लिए सबसे घातक है, इसकों समाप्त करने के लिए युवा पीढ़ी को सजग करने की जरूरत है। रजनीश ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियां देश हित में ठीक है, लेकिन सीमा पर आए दिन होने वाली गोलीबारी व आतंकी गतिविधियों पर भी लगाम लगाने को कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
2-गाजीपुर की अनन्या राय ने इंटरमीडिएट की टॉपर लिस्ट में दूसरी पोजीशन हासिल करके जिले का नाम रौशन किया है. अनन्या ने बताया कि कड़ी मेहनत और स्कूल के टीचरों के मार्ग दर्शन में उसने ये मुकाम हासिल किया है. वे अपनी इस उपलब्धि के पीछे सारा श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को देती है. लूथर्स कान्वेंट बालिका इंटर काॅलेज में पढ़ने वाली अनन्या कहती है कि जब उसने टीवी पर नतीजा देखा उसके खुशी का ठिकाना नहीं था. वहीं नतीजे आने के बाद कालेज में जश्न का माहौल हैं।
बुलंदशहर के रहने वाले प्रतीक चौधरी ने प्रदेश की उत्कृष्टता सूची में चौथा स्थान प्राप्त किया है। प्रतीक का सपना आइएएस बनकर देश की सेवा करना है। इसके लिए वे दिन रात मेहनत कर रहे हैं। आएएएस बनना चाहतीं हैं हाईस्कूल की टॉपर दिव्या
सहारनपुर स्टार पेपर मिल्स सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की हाईस्कूल की छात्रा दिव्या ने यूपी में छठा स्थान हासिल किया है। दिव्या आइएएस बनना चाहती है। दिव्या के पिता प्राइवेट सर्विस करते हैं जबकि माता ग्रहणी है। पढ़ाई ही दिव्या की हॉबी है। गणित पसंदीदा विषय है। दिव्या ने गणित में 98 अंक हासिल किए हैं। दिव्या ने बताया कि वह नियमित रूप से 5 घटे पढ़ाई करती थी। आज के दौर में स्मार्टफोन से दूर रहने वाली दिव्या परिजनों के सपनों को साकार करने के लिए संकल्पित हैं। वह आइएएस बनना चाहती हैं। बड़े भाई सुगंध ने इंटर की परीक्षा में 80 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। चिकित्सक बनकर समाज सेवा ही गरिमा का मकसद
प्रदेश में सातवा स्थान हासिल करने वाली शामली की गरिमा गोयल का सपना चिकित्सक बनने का है। शामली के सरस्वती विद्या मंदिर की छात्रा गरिमा ने परिजनों के साथ जनपद का भी नाम रोशन किया है। यूपी बोर्ड परीक्षा में 93.5 फीसद अंक हासिल करने वाली हाईस्कूल की छात्रा गरिमा के परिवार में परीक्षा परिणाम घोषित होते ही खुशी का माहौल छा गया। गरिमा के पिता संजीव कुमार सरस्वती मेडिकल स्टोर के संचालक है। पिता संजीव कुमार के मुताबिक, गरिमा बचपन से ही पढ़ने लिखने में अव्वल रही है। बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में अकेले ही जुटी रहा करती थी। उन्होंने बताया की दो बेटी व एक बेटा है। इनमें सबसे बड़ी साक्षी, मझली गरिमा व छोटा बेटा राघव है। गरिमा परीक्षा के दौरान एकात में रहकर ही पढ़ना पसंद करती थी। टॉपर गरिमा गोयल ने बताया कि शामली क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं का बड़ा ही अभाव है।