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99 Years Of Lucknow Zoo: भालू को खीर, तो मैना को भाती है ब्रेड, जानिए जू के जानवरों को खाने में क्‍या है पसंद

चिडिय़ाघर के एक हजार वन्यजीवों के लिए भी नाश्ते और फिर भोजन के लिए तैयारी की जाती है। कहीं दूध गर्म होता है तो कहीं अंडे उबाले जाते हैं। गाजर और फल को साफ करने के साथ ही पालक और अन्य साग धुले जाते हैं।

By Rafiya NazEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 08:48 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 08:48 AM (IST)
99 Years Of Lucknow Zoo: भालू को खीर, तो मैना को भाती है ब्रेड, जानिए जू के जानवरों को खाने में क्‍या है पसंद
लखनऊ जू में हर दिन 130 किलो को गोश्त खा लेते हैं टाइगर, शेर और तेंदुए।

लखनऊ [अजय श्रीवास्तव]। भालू के खाने का अंदाज ही अलग है। सुबह 10 बजे तक नाश्ते में वह गुड़, दूध और चावल से बनी खीर का मजा लेता है। दोपहर का भोजन भी लाजवाब होता है। उसे आधा-आधा किलोग्राम आटे की रोटी के साथ गर्म दूध परोसा जाता है। जैसे हम आप सुबह से नाश्ते और भोजन का प्रबंध करते हैं, वैसे ही चिडिय़ाघर के एक हजार वन्यजीवों के लिए भी नाश्ते और फिर भोजन के लिए तैयारी की जाती है। कहीं दूध गर्म होता है तो कहीं अंडे उबाले जाते हैं। गाजर और फल को साफ करने के साथ ही पालक और अन्य साग धुले जाते हैं। हिरनों के लिए चारे की कटाई करने के साथ ही भीगे चने को साफ किया जाता है।  

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चिडिय़ाघर में मांसाहारी वन्यजीवों के लिए हर दिन 130 किलोग्राम गोश्त खरीदा जाता है। अगर शेर व टाइगर की तबीयत खराब होती है तो बकरे या मुर्गे का गोश्त या फिर इनका सूप दिया जाता है। मैना को फल के साथ ही ब्रेड पसंद है तो अनार चिम्पांजी का पसंदीदा फल है। सर्दी में चिम्पांजी और बंदर को उबले अंडे भी दिए जा रहे हैं। उबले अंडे मिलते ही बंदर और चिम्पांजी फल को छोड़ देते हैं। इसी तरह एमू, शुतुरमुर्ग और मकाऊ को भी अंडा दिया जाता है।

कौन क्या खाता है

  • हिरन के अलावा ब्लैक बक, चीतल, बारहसिंघा, पांडा और कांकड़ चना चोकर, हरा चारा, पाकड़, पीपल, बरगद की पत्तियां व पत्ता गोभी खाते हैं।
  • चिम्पांजी पांच से छह किलोग्राम फल खाता है। इनमें खासकर केला, संतरा, गाजर, सिंघाड़ा के अलावा भुट्टा भी दिया जाता है।
  • बंदर को अलग-अलग किस्म के फल और जाड़े में एक-एक अंडा दिया जाता है।
  • भालू को चावल, गुड़ व दूध की खीर, आटे की रोटी और एक लीटर दूध दिया जाता है।
  • बब्बर शेर, बाघ को 12-13 किलोग्राम और भेडिय़ा, सियार, बिल्ली व तेंदुए को आधा किलो से दो किलोग्राम तक गोश्त दिया जाता है।
  • जिराफ को 15 से 17 किलोग्राम फल व सब्जी के साथ हरी पत्ती 15 से 20 किलो दिया जाता है। साथ में चोकर, चना, जई और मक्का भी खिलाया जाता है।
  • फीजेंट (मुर्गा प्रजाति) को लहसुन, मिर्च, बेसन, प्याज, मूंग, मसूर और उड़द की दाल को पीस कर बनाया गया दाना दिया जाता है। ये दाना हर दिन तैयार होता है।
  • तोता को मूंगफली, फल, हवासील और लोहा सारस को मछली
  • मैना ब्रेड व फल खिलाया जाता है।

अब डिनर करते हैं शेर व टाइगर

आपको शायद ही पता हो, अब शेर, टाइगर, भेडिय़ा और तेंदुए को दिन में भोजन नहीं दिया जाता है। शाम के बाद डिनर में उनके बाड़े में गोश्त पहुंचाया जाता है। हेड कीपर नंदन सिंह बताते हैं कि दोपहर में गोश्त देने से एक घंटा इन वन्यजीवों को बंद करना पड़ता था और दर्शक उन्हें देख नहीं पाते थे। खाने के बाद वन्यजीव सुस्त भी हो जाते थे, लिहाजा अब शाम के बाद ही उन्हें गोश्त दिया जाता है तो यह वन्यजीव दर्शकों के सामने ही रहते हैं।

चिडिय़ाघर के उप निदेशक डा. उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि सभी के भोजन का समय तय है। सुबह से वन्यजीवों के हिसाब से भोजन तैयार होने लगता है। हर बाड़े का कीपर ले जाता है।


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