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शौक को बनाया जुनून, घर को ऐसे बना डाला गार्डन

तरह-तरह के फूलों-पौधों से घिरा पुष्प प्रेमियों का घर। इनकी दिनचर्या का अहम हिस्सा है बागवानी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 02:42 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 02:42 PM (IST)
शौक को बनाया जुनून, घर को ऐसे बना डाला गार्डन
शौक को बनाया जुनून, घर को ऐसे बना डाला गार्डन

लखनऊ [दुर्गा शर्मा]। हर कोई प्रकृति के बीच रहना चाहता है। रंगबिरंगे फूल और हरियाली सभी को भाते हैं। इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी जुड़ा है। इसके लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं, घर पर ही नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं। बस थोड़ा समय और लगन चाहिए। शहर में कुछ ऐसे ही लोग हैं, जो फूलों के बीच रहते हैं। इनका घर तरह-तरह के फूलों और पौधों से घिरा है। 

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जिधर नजर डालो उधर ही फूल  

इंदिरा नगर निवासी सुनीता गुप्ता शिक्षिका हैं। उन्होंने घर पर करीब 600 गमलों में फूल और पौधे लगा रखे हैं। बोगेनविलिया और सूरजमुखी समेत तमाम रंग बिरंगे फूल घर को महकाते हैं। फूलों के साथ ही फल और सब्जियां भी लगा रखी हैं। सुनीता बताती हैं, पति राजीव कुमार को बागवानी का शौक था। मैंने भी उनके शौक को अपना लिया। अब तो बागवानी दिनचर्या का अहम हिस्सा है। 

30 साल से कर रहीं बागवानी 

राजाजीपुरम निवासी मृणालिनी गुप्ता 30 साल से बागवानी कर रही हैं। गार्डन के साथ ही पूरे घर को फूलों और पौधों से सजा रखा है। इनके घर पर गुलदाऊदी, पिटुनिया और डहेलिया आदि फूलों की तमाम किस्में हैं। मृणालिनी बताती हैं, शादी के बाद अपने बागवानी के शौक को विस्तार दिया। अध्ययन ने भी खूब लाभ दिया। मेरे पास 27 साल पुराना गुलाब (सफेद) का पौधा भी है। घर पर फूलों के बीच कभी अकेलापन नहीं महसूस होता है।

 

वो तितलियों का बैठना, गिलहरियों का भागना  

फरीदी नगर निवासी गुंजन वर्मा ने अपने दो मंजिला घर को फूलों और पौधों से सजा रखा है। करीब 500 गमले घर की शोभा बढ़ा रहे हैं। इन्होंने गुलाब, गेंदा, गुलदाऊदी, एस्टर पेंजी, बोगेनविलिया, कोचिया, क्रोटन और डेजी समेत तमाम फूल लगा रखे हैं। कहती हैं, मुझे बचपन से ही पेड़-पौधों के बीच रहना अच्छा लगता है। फूलों पर तितलियों का बैठना, लॉन में गिलहरियों का भागना दौडऩा रोमांचित करता है। मैं जहां भी रहती हूं, वहां मौसमी पुष्पों और पौधों को अपने आस-पास जरूर जगह देती हूं।  

 

हरियाली बढ़ाते अनुपयोगी सामान 

स्कूटर इंडिया से सेवानिवृत्त राजेंद्र नगर निवासी अजय माथुर में अनुपयोगी सामान से हरियाली बढ़ाने का हुनर खास है। जिन्हें हम बेकार समझ कर फेंक देते हैं, उनका प्रयोग ये फूलों और पौधों को लगाने में करते हैं। प्लास्टिक बॉक्स, खराब टायर और हैंगिंग पॉट आदि में फूल-पौधे लगाकर अजय माथुर ने अपने घर को सजा रखा है। इनके पास इन हाउस प्लांट की तमाम किस्में हैं। कैक्टस, बोगेनविलिया, फाइकस और कलर्ड पाइनएपल की ढेरों वैराइटी हैं। अजय बताते हैं, पिता को बागवानी का शौक रहा है। उनका यह शौक मुझे भी लुभाने लगा। कहीं भी कोई खास पेड़ दिखता है तो ले आते हैं। करीब 200 गमलों में पेड़-पौधे और फूल लगा रखे हैं। 

सर्दियों में लगाए जाने वाले फूल

लीलीयम, कैंडीटफ, ग्लैडिओलस,  बिगोनिया, हॉली हॉक, एन्टरहिनम, डेजी, आर्कटोटिस, एस्टर, कॉसमॉस, डहेलिया, कार्नेशन, जिप्सोफिया, पिटुनिया, गेंदा, रजनीगंधा, सालविया, पैंजी, सिनरेरिया आदि। 

ऐसे रोपें पौधे 

  • अगर गमले में पौधा लगाना है तो गमले के बॉटम में जहां पानी निकलने की जगह बनी होती है वहां पॉट के टूटे हुए टुकड़े या छोटे पत्थर रखें। ताकि पानी के साथ मिट्टी का पोषण बाहर न निकले। 
  • मिट्टी का खाद का मिश्रण गमले में भरें और पौधरोपण करें। 
  • गमले का एक तिहाई हिस्सा खाली रहना चाहिए ताकि पानी डालने पर इसमें ऊपर से मिट्टी और खाद बहकर न निकले। 
  • जब भी कोई बीज रोपें, इसके इसके आकार की दोगुना मोटी मिट्टी के नीचे तक ही भीतर डालें। ऐसा न करने पर इसका अंकुर फूटने में लंबा वक्त लगेगा। 

फूल-पौधों के बीच रहने के लाभ

  • फूल-पौधों के साथ वक्त गुजारना और बागवानी अपने आप में ही एक अच्छा व्यायाम है। 
  • मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन है। 
  • फूलों और हरियाली के बीच रहने से नींद न आने की समस्या भी दूर हो जाती है।
  • बागवानी से सृजनात्मक बनते हैं। 

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