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अनदेखा लखनऊ: यहां की छोटी काशी में हैं 30 शिवालय, जल अर्पित करने से मिलता है 108 शिवलिंग का पुण्य

पुराने लखनऊ के रानीकटरा (चौक) इलाके में यह सौभाग्य मिलता है। इस पूरे क्षेत्र में छोटे बड़े मिलाकर कुल 30 शिवालय हैं।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 01:59 PM (IST)Updated: Sat, 07 Dec 2019 08:45 AM (IST)
अनदेखा लखनऊ: यहां की छोटी काशी में हैं 30 शिवालय, जल अर्पित करने से मिलता है 108 शिवलिंग का पुण्य
अनदेखा लखनऊ: यहां की छोटी काशी में हैं 30 शिवालय, जल अर्पित करने से मिलता है 108 शिवलिंग का पुण्य

लखनऊ [पवन तिवारी]। नवाबी शहर में छोटी अयोध्या के बारे में आप पढ़ चुके हैं। इस बार आपको ले चलते हैं छोटी काशी। वाराणसी नहीं, अपने लखनऊ में ही है यह काशी। एक ही इलाके की परिक्रमा करें और आपको दिव्य शिवलिंग के 30 स्वरूपों के दर्शन मिल जाएं। है ना सौभाग्य की बात। पुराने शहर के रानीकटरा (चौक) इलाके में यह सौभाग्य मिलता है। इस पूरे क्षेत्र में छोटे बड़े मिलाकर कुल 30 शिवालय हैं। इनमें से तीन तो बिलकुल आसपास हैं-बड़ा शिवाला, मंझला शिवाला और छोटा शिवाला।

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छोटा शिवाला

रानी कटरा में खीरभवानी माता मंदिर के ठीक सामने एक संकरी गली से होकर छोटा शिवाला का रास्ता जाता है। यहां आकर अद्भुत शांति मिलती है। विशेषता यह है कि इस शिवलिंग का अरघा पश्चिम-पूर्व की ओर है। ऐसे शिवलिंग का दर्शन दुर्लभ है। शिवलिंग का अरघा प्राय: उत्तर-दक्षिण दिशा की ओर पाया जाता है। शिव उपासक विष्णु त्रिपाठी लंकेश कहते हैं कि छोटा शिवाला को तांत्रिक शिवलिंग भी कहते हैं। यहां लोग तंत्र साधना के लिए 40 दिन का अनुष्ठान करते हैं। कहते हैं कि यहां दूध चढ़ाने के बजाए उसे संग्रहीत कर खीर बनाकर वितरित करने से मनोकामना पूर्ण होती है।

 

मंझला शिवाला

छोटा शिवाला के पास ही मंझला शिवाला के भी दर्शन होते हैं। मान्यता है कि एक परिवार में तीन भाइयों की तरह ही यह तीनों शिवालय हैं । मंझला शिवाला के दर्शन के बाद ही शिव के इन तीनों स्वरूपों (छोटे, मंझले और बड़े शिवाले) का दर्शन पूर्ण माना जाता है।

 

बड़ा शिवाला

खीर भवानी (संकटा माता) मंदिर के प्रांगण में बड़ा शिवाला का भव्य स्वरूप है। अपने नाम के ही अनुरूप बड़ा शिवाला विशाल आकार में है। बताते हैं कि शिव यहां रौद्र रूप यानी क्रोध की मुद्रा में हैं। यहां केवल शिव और नंदी के दर्शन होते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि शिवलिंग के अरघे में सूक्ष्म रूप में कुल 108 शिवलिंग बने हैं। इससे एक बार जल अर्पित करने से 108 शिवलिंग के दर्शन का पुण्य फल प्राप्त होता है।

कैसे पहुंचें 

चारबाग से चौक चौराहा। चौपटिया। बड़ी काली माता मंदिर होते हुए रानी कटरा पहुंचें। संकटा माता मंदिर से इन तीनों शिवालयों के दर्शन का क्रम शुरू करें।


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