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इन वजहों से ग्रीन पार्क पर भारी पड़ा इकाना स्‍टेडियम

ग्रीन पार्क पर भारी पड़ने की वजह बना है नवनिर्मित इकाना जो विश्वस्तरीय सुविधाओं के मामले में ग्रीन पार्क से कई हाथ आगे है।

By Edited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 04:52 PM (IST)Updated: Thu, 06 Sep 2018 05:55 PM (IST)
इन वजहों से ग्रीन पार्क पर भारी पड़ा इकाना स्‍टेडियम
इन वजहों से ग्रीन पार्क पर भारी पड़ा इकाना स्‍टेडियम
लखनऊ, विकास मिश्र। क्रिकेट के नक्शे में राजधानी का इकाना अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम शानदार मौजूदगी दर्ज कराने को तैयार है। इसका सबसे बड़ा संकेत है वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट मुकाबले को कानपुर के ग्रीन पार्क से छीनकर लखनऊ के इकाना लाना। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के लिए लखनऊ और कानपुर में स्पर्धा पहले भी रही है, लेकिन तब ग्रीन पार्क के मुकाबले लखनऊ का इकलौता बाबू केडी सिंह स्टेडियम होता था। इस बार ग्रीन पार्क पर भारी पड़ने की वजह बना है नवनिर्मित इकाना जो विश्वस्तरीय सुविधाओं के मामले में ग्रीन पार्क से कई हाथ आगे है। इकाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम छह नवंबर को भले ही भारत और वेस्टइंडीज के टी-20 मुकाबले की पहली बार मेजबानी करने जा रहा है लेकिन इसी के साथ लखनऊ ही नहीं बल्कि खेल जगत में पूरे यूपी का रुतबा कायम हो जाएगा। लखनऊ स्पोर्ट्स हब बनने की राह पर है। लखनऊ क्रिकेट संघ लगभग 145 क्लबों का संचालन करता है। इनमें से कई ऐसे क्लब हैं जिसके पदाधिकारी यूपीसीए से जुड़े हैं। ये पदाधिकारी भी इकाना को मिली अंतरराष्ट्रीय मैच की मेजबानी से बहुत उत्साहित हैं। लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले रणजी के कई पूर्व खिलाड़ियों का मानना है कि जल्द ही यूपीसीए अपना मुख्यालय लखनऊ में बना सकता है। इससे यहा के खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। क्या कहना है स्डेडियम के मैनेजिंग डायरेक्टर का? इकाना स्पोर्ट्स स्डेडियम मैनेजिंग डायरेक्टर उदय सिन्हा का कहना है कि यह आयोजन हमारे लिए किसी त्योहार से कम नहीं है। मुझे लगता है कि इस दिन का इंतजार लखनऊ के अलावा पूरे प्रदेश के क्रिकेट प्रेमी बहुत बेसब्री से कर रहे थे। हम इसे सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इस मेजबानी के बाद भविष्य में लखनऊ के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच की राह खुल जाएगी। लखनऊ का इकाना बनाम कानपुर का ग्रीन पार्क : खूबी - इकाना - ग्रीन पार्क दर्शक संख्या - 50000 - 32000 ड्रेनेज सिस्टम - बारिश का पानी निकाला जा सकता है - जल्दी नहीं निकाला जा सकता एयरपोर्ट से दूरी - 12 किमी - 85 किमी फाइव स्टार होटल - लगभग आधा दर्जन - सिर्फ एक क्यों खास है यह स्टेडियम : - विश्वस्तरीय ड्रेनेज सिस्टम से बहुत कम समय में बारिश के पानी को ग्राउंड से बाहर निकल जाएगा - 40 वीआइपी बॉक्स और 8 कॉरपोरेट लॉन्ज हैं - लगभग 71 एकड़ में बना है इकाना स्टेडियम - मुंबई और कटक से मंगाई गई मिट्टी से बनी है स्टेडियम की नौ पिच - क्रिकेटरों और दर्शकों के बीच किसी तरह की कोई जाली नहीं बनाई गई है - स्टेडियम में लगभग 2600 गाड़ियों की पार्किग की व्यवस्था है - 1800 वर्ग फीट की दो बड़ी स्क्त्रीन लगी है। इससे मैदान के चारों तरफ से उठा सकेंगे मैच का लुत्फ। आइसीसी की टीम भी संतुष्ट : आइसीसी भी इस मैदान को लेकर खुश नजर आ रहा है। आइसीसी पैनल से पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ ने भारत-न्यूजीलैंड वनडे की मेजबानी के सिलसिले में इकाना का दौरा कर चुके हैं। वह स्टेडियम की सुविधाओं से लगभग संतुष्ट थे। हालाकि उस दौरान निर्माण कार्य पूरा न होने की वजह से लखनऊ को मेजबानी नहीं मिल पाई थी। लॉर्डस से तुलना: इकाना स्टेडियम जब से अस्तिव में आया है तब से इसकी तुलना इंग्लैंड के ऐतिहासिक मैदान लॉॅर्डस से की जा रही है। इकाना स्टेडियम की सुविधाएं विश्वस्तरीय हैं। बीसीसीआइ पहले ही दे चुका था हरी झडी: इसके पहले दलीप ट्रॉफी के दौरान बीसीसीआई का एक पैनल इकाना स्टेडियम का दौरा किया था। दौरे का बाद बीसीसीआई ने भी इकाना को मेजबानी के लिए हरी झडी दे दी थी। जिसके बाद लगभग यह तय माना जा रहा था कि वेस्टइंडीज के खिलाफ टी-20 मैच की मेजबानी लखनऊ को मिल सकती है।

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