गांव बंदः किसानों ने सड़क पर आलू-टमाटर और लौकियां फेंकी, दूध की सप्लाई बंद की
किसानों का गांव बंद आंदोलन चल रहा है। इस दौरान धरना, ज्ञापन, जुलूस नारेबाजी, कहीं सब्जी बिखेर कर, कहीं दूध फैलाकर किसानों ने प्रदर्शन किया।
लखनऊ (जेएनएन)। किसानों का गांव बंद आंदोलन चल रहा है। इस दौरान धरना, ज्ञापन, जुलूस नारेबाजी, कहीं सब्जी बिखेर कर, कहीं दूध फैलाकर किसानों ने प्रदर्शन किया। सुलतानपुर में सब्जियों की सही कीमत न मिलने नाराज किसानों का गुस्सा फूटा। सुल्तानपुर में दूध की सप्लाई बंद कर दी गई और हरदोई में ब्याजमुक्त कर्ज की मांग की गई। इस सबसे इतर सबकी मांग स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने की रही।उल्लेखनीयहै कि यह आंदोलन दस जून तक चलेगा।
सुलतानपुर कलेक्ट्रेट के सामने सब्जियां फेंकीं
संयुक्त किसान संगठन मोर्चा के बैनर तले एकजुट हुए किसानों ने जोरदार प्रदर्शन किया और सुलतानपुर कलेक्ट्रेट के सामने आलू-टमाटर-लौकी आदि सब्जियां फेंककर गुस्से का इजहार किया और फिर किसानों से हो रहे अभद्र व्यवहार से क्षुब्ध होकर कोतवाली भी घेर लिया। अफसरों के समझाने-बुझाने पर वे माने और राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के प्रतिनिधि को सौंपकर कार्यवाही की मांग की। संयुक्त किसान संगठन मोर्चा के बैनर तले किसानों का सुबह कलेक्ट्रेट के सामने जमावड़ा हुआ। जिला संयोजक रमाशंकर चौधरी की अगुआई में किसानों में स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू न किए जाने व सब्जियों का बाजार मूल्य सही मिल पाने को लेकर रोष दिखाई दिया। सभा के दौरान रुपेश शुक्ल व रामकृपाल सिंह आदि ने किसानों के सभी कर्ज माफ किए जाने और मासिक पेंशन दिए जाने की मांग की। प्रमुख मार्गों पर जुलूस निकाला और नारेबाजी करते हुए मांगों के निस्तारण के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार से सार्थक कोशिश करने की गुहार की। इसी दौरान अफसरशाही में व्याप्त भ्रष्टाचार व किसान नेताओं के साथ अभद्र व्यवहार का मुद्दा भी उछला। जिससे आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने नगर कोतवाली का रुख कर दिया। कोतवाली का घेराव कर रहे प्रदर्शनकारियों को शहर कोतवाल श्यामसुंदर पांडेय ने समझाया-बुझाया। उनसे वार्ता की और आश्वासन दिया कि ठोस कार्रवाई की जाएगी। इस पर प्रदर्शनकारियों का गुस्सा ठंडा पड़ा। संदीप श्रीवास्तव ने कड़े लहजे में कहाकि यदि मांगों को नजरंदा किया गया तो संगठन पुन:आंदोलन को बाध्य होगा।
लखीमपुर में पुलिस ने खदेड़ा
लखीमपुर के पलिया से सटे गांवों के दूधियों को कई दिनों से रोके रखकर नगर में दूध की सप्लाई बाधित करने के मामले में आखिरकार जिम्मेदारों को होश आया। दूध की किल्लत के मद्देनजर पुलिस ने दूधियों को रोकने वाले एक संगठन के लोगों को खदेड़ दिया और कार्रवाई की चेतावनी दी। जिसके बाद दूधिए पुन: दूध सप्लाई की चेन से जुड़ गए हैं। एक मई से गुपचुप तरीके से कुछ लोगोंं ने नगर की सम्पूर्णानगर रोड पर नौरंगपुर के पास, निघासन रोड पर टेहरा के पास व भीरा रोड पर अतरिया क्रासिंग के पास खड़े होकर नगर में दूध लाने वाले कारोबारियों को रोककर उन्हें नगर में दूध लेकर न आने की अपील की थी। आन्दोलन के नाम पर किये जा रहे दूधियों के उत्पीडऩ से डरे दूधियों ने शहर में दूध लाना बंद कर दिया। लगातार जब तीन दिनों तक में दूध नही पहुंचा तो दूध की किल्लत पैदा हो गई। आज पुलिस ने इस तरह की हरकत न करने की चेतावनी दी। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद दूधियों में खुशी दिखी और उन्होंने सप्लाई शुरू कर दी है।
किसानों को ब्याजमुक्त ऋण दे सरकार
भारतीय किसान यूनियन (राष्ट्रवादी) की ओर से हरदोई कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया गया। पदाधिकारियों ने सरकार से सभी किसानों का कर्जा माफ कर ब्याज मुक्त ऋण दिलाने की मांग की। मंडल अध्यक्ष रावेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि किसानों के गन्ने का भुगतान चीनी मिलों द्वारा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने ब्याज सहित किसानों का गन्ने का बकाया भुगतान दिलाने, जर्जर विद्युत तार बदलवाने, नलकूपों को बिजली मुफ्त देने, किसानों को जंगली जानवरों को मारने की छूट देने, वृद्धावस्था, विकलांग, विधवा पेंशन पात्रों को दिए जाने, संपर्क मार्गों की नाप कराकर मनरेगा से मिट्टी डलवाने आदि मांगे की। भारतीय किसान मजदूर यूनियन के जिलाप्रभारी रामपाल ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन देकर आवारा पशुओं के आतंक से मुक्ति दिलाने आदि की मांग की। इस मौके पर पदाधिकारी मौजूद रहे।