किडनी व लिवर ट्रांसप्लांट अब केजीएमयू में भी
लखनऊ। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआइ) के सहयोग से अब किंग
लखनऊ। संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज (एसजीपीजीआइ) के सहयोग से अब किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में जल्द ही आर्गन ट्रांसप्लांट शुरु किया जाएगा। चिकित्सा विवि पहले किडनी और फिर लिवर ट्रांसप्लांट शुरू करने की तैयारी में है।
केजीएमयू के कुलपति प्रो.डीके गुप्ता ने पत्रकारों को बताया कि ट्रॉमा में ब्रेन डेड के मरीज आए दिन आते हैं। ऐसे में यदि परिवारीजन किडनी व लिवर दान कर दें तो कई लोगों को नया जीवन मिल सकता है। पीजीआइ में किडनी ट्रासंप्लांट के लिए लंबी प्रतीक्षा सूची है। लिवर ट्रांसप्लांट की सभी सुविधाएं भी वहां उपलब्ध है। यही वजह है कि केजीएमयू व पीजीआइ दोनों ही इस पर मिलजुल कर काम करेंगे। प्रो.गुप्ता ने बताया कि शासन से ट्रांसप्लांट डिपार्टमेंट स्थापित करने की अनुमति मिल चुकी है। इसके अलावा अंगदान के लिए भी शासन से अनुमति मिल चुकी है।
केजीएमयू की तरफ से यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. एसएन शंखवार और गैस्ट्रो सर्जरी में डॉ.अभिजीत चंद्रा किडनी व लिवर ट्रांसप्लांट से जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि पीजीआइ के प्रो.राकेश कपूर ने कहा जरूरत पड़ने पर वह चिकित्सा विवि आकर किडनी ट्रांसप्लांट करेंगे। यही नहीं पीजीआइ में डॉ. राजन सक्सेना लिवर ट्रांसप्लांट करेंगे जिसमें केजीएमयू की फैकल्टी भी साथ रहेगी। इससे उनका प्रशिक्षण भी हो सकेगा। टीम तैयार होते ही केजीएमयू में भी ट्रांसप्लांट शुरू कर दिया जाएगा। इससे जहां ट्रांसप्लांट के इच्छुक मरीजों का इंतजार कम होगा, वहीं कम खर्च में प्रदेश में ही सुविधा मयस्सर हो सकेगी।
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पुलिस से लेना होगा सहयोग
आर्गन ट्रांसप्लांट के लिए जरूरी है कि आर्गन जल्द से जल्द ट्रांसप्लांटेशन यूनिट के पास पहुंच जाए। इसके लिए जिस प्रकार प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के लिए फ्लीट जाने की व्यवस्था होती है ठीक उसी तरह केजीएमयू से पीजीआइ तक आर्गन ले जाने वाली गाड़ी का मूवमेंट होगा। उन्होंने बताया शताब्दी अस्पताल में ट्रांसप्लांट विभाग को स्थापित किया जाएगा। शताब्दी को केजीएमयू से जोड़ने का फैसला जनता के लिए बड़ी राहत है। शताब्दी फेज टू के निर्माण को भी गति दी जाएगी। कोशिश होगी कि इसका काम भी डेढ़ वर्ष के भीतर पूरा कर लिया जाए। इसके लिए केजीएमयू भी धन की व्यवस्था करेगा।
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क्रिसमस तक शुरू हो सकता है शताब्दी अस्पताल
कुलपति ने बताया कि 210 बेड वाले शताब्दी अस्पताल फेज वन को क्रिसमस तक शुरू करने की कोशिश है। इसमें 40 बेड का आइसीयू व 170 जनरल बेड मिलेंगे। शताब्दी में चूंकि 12 मॉड्यूलर ओटी हैं, इसलिए उन्हीं विभागों को यहां शिफ्ट किया जाएगा जो ओटी का पूरा इस्तेमाल कर सकें।
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