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13 मार्च से लगने वाला है खरमास, भगवान विष्णु की करें आराधना-न करें यह काम

लखनऊ 14 अप्रैल तक खरमास में शादी विवाह जैसे शुभ कार्य बंद हो जाएंगे। इस बार खरमास में शुरू होगी नवरात्रि।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 11 Mar 2020 01:48 PM (IST)Updated: Wed, 11 Mar 2020 04:58 PM (IST)
13 मार्च से लगने वाला है खरमास, भगवान विष्णु की करें आराधना-न करें यह काम
13 मार्च से लगने वाला है खरमास, भगवान विष्णु की करें आराधना-न करें यह काम

लखनऊ, जेएनएन। होली पर्व के समापन के बाद अब 13 मार्च से खरमास शुरू हो जाएगा। 14 अप्रैल तक खरमास में शादी विवाह जैसे शुभ कार्य बंद हो जाएंगे। इन दिनों में भगवान विष्णु की आराधना करने से विशेष पुण्य मिलता है। सूर्य बृहस्पति की राशि धनु व मीन राशि में प्रवेश करता है तो यह अवधि खरमास के नाम से जानी जाती है। हर साल करीब एक महीना खरमास का होता है। इसे पौष मास भी कहा जाता है।

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भगवान सूर्यदेव के सात घोड़े से जुड़ा है कथानक

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्यदेव सात घोड़ों के रथ पर सवार होकर पूरे ब्रह्मांड की परिक्रमा करते हैं। आचार्य अनुज पांडेय ने बताया कि उनकी परिक्रमा रुकेगी तो सृष्टि का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा। लगातार चलते रहने से घोड़े भूख प्यास से थक जाते हैं। एक बार भगवान सूर्यदेव को दया आ गई। सूर्यदेव घोड़ों को एक तालाब के किनारे ले गए, लेकिन उन्हें जब एहसास हुआ रुके तो सृष्टि रुक जाएगी। उन्होंने तालाब के किनारे मौजूद दो खरों (गधे) को पांच घोड़ों के साथ शामिल कर लिया और दो को विश्राम के लिए छोड़ दिया। गधों की वजह से एक महीने तक घोड़ों को विश्राम मिल गया। हर सौर वर्ष में आने वाले इस महीने को ही खरमास कहा जाता है। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि इस एक महीने की अवधि में श्रद्धालुओं पर भगवान की विशेष कृपा रहती है। एकादशी का व्रत रखकर भगवान को विष्णु को तुलसी के पत्तों के साथ खीर खिलाना भी श्रेयस्कर होता है।

न करें ये काम 

खरमास में किसी भी तरह का कोई मांगलिक कार्य न करें, जैसे शादी, सगाई, वधू प्रवेश, द्विरागमन, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ आदि। मांगलिक कार्यों के सिद्ध होने के लिए गुरु का प्रबल होना बहुत जरूरी है। बृहस्पति जीवन के वैवाहिक सुख और संतान देने वाला होता है।

खरमास में शुरू होगी नवरात्रि

खरमास के महीने में ही मां दुर्गा की आराधना भी शुरू होगी। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि 25 मार्च को कलश स्थापना के साथ ही मां का गुणगान शुरू होगा। चैत्र नवरात्रि की नवमी दो अप्रैल को पड़ेगी। वहीं ऐशबाग के रामलीला मैदान में चैती महोत्सव भी नवरात्र के साथ शुरू हो जाएगा।


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