KGMU में होगी रोबोटिक सर्जरी, मरीज काे मिलेगा सटीक इलाज
30 करोड़ की लागत से मंगवाए गए रोबोट। ट्रांसप्लांट यूनिट के चार ऑपरेशन थियेटरों में से रोबोट लगाया जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में नए साल में मरीजों को कई गिफ्ट दिए जाएंगे। यहां रोबोटिक सर्जरी शुरू होगी। इसमें रोबोट की मदद से मरीज का सटीक आपरेशन व इलाज किया जाएगा। शासन को इसका प्रस्ताव भेज दिया गया है। यह जानकारी केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने सोमवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने साल की प्राथमिकताएं गिनाई और पुराने वर्ष में हुए कार्यो का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया।
प्रो. भट्ट ने बताया कि 30 करोड़ की लागत से रोबोट मंगवाया जा रहा है। शताब्दी फेज एक में ट्रांसप्लांट यूनिट में चार आपरेशन थियेटर हैं। इसमें एक ऑपरेशन थियेटर में रोबोट लगाया जाएगा। इसमें कई तरह की बीमारियों का आपरेशन संभव होगा। उन्होंने बताया कि न्यूरो सर्जरी, गैस्ट्रो सर्जरी, ईएनटी और कार्डियो वैस्कुलर थौरेसिक सर्जरी आदि विभागों के मरीजों का आपरेशन होगा। वहीं, ब्लड बैंक में स्टेम सेल बैंक स्थापित किया जाएगा। इससे स्टेम सेल थेरेपी से गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों का इलाज होगा। यहां क्वीन मेरी अस्पताल में जन्म लेने वाले शिशु के नॉल स्टेम सेल यूनिट में भेजा जाएगा। इसमें परिवार के सदस्यों की अनुमति भी ली जाएगी। करीब पांच साल तक नाल से स्टेम सेल निकाला जाएगा, जिसे लिक्विड नाइट्रोजन में सहेजकर रखा जाएगा।
शताब्दी अस्पताल के फेज दो में प्रथम तल पर यूनिट निर्माण का काम चालू हो गया है। छह से सात महीने में मरीजों को इसका फायदा मिलने की उम्मीद है। उधर डॉक्टरों के खाली 200 पदों को भरा जाएगा और जल्द ही कर्मचारियों के 383 पदों पर भर्ती होगी। प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद क्वीन मेरी अस्पताल की डॉ. माला कुमार ने बताया कि प्रदेश का पहला ह्यमन मिल्क बैंक बनेगा। क्वीनमेरी में भर्ती प्रसूताओं की काउंसिलिंग के बाद दूध लिया जाएगा। फिर उसकी जांच के बाद यहां डीप फ्रीजर में वैज्ञानिक ढंग से सुरक्षित रखा जाएगा।
मातृ एवं शिशु रेफरल सेंटर में शुरू होगी मैटरनल आइसीयू
लोहिया संस्थान के स्त्री एवं प्रसूति विभाग और मातृ एवं शिशु रेफरल सेंटर में शीघ्र ही मैटरनल आइसीयू की शुरुआत होने जा रही है। अभी तक राजधानी में गर्भवती और प्रसूताओं के लिए अलग से मैटरनल आइसीयू की व्यवस्था नहीं है जिसकी वजह से इन्हें ट्रॉमा सेंटर के भरोसे ही रहना पड़ता है। मैटरनल आइसीयू बनने के बाद मातृ एवं शिशु मृत्युदर में कमी आने की उम्मीद है। गोमतीनगर एक्सटेंशन स्थित 200 बेड के मातृ एवं शिशु रेफरल सेंटर को शुरू हुए एक साल का समय हो गया है। अब अस्पताल में 14 बेड के मैटरनल आइसीयू की शुरुआत की जा रही है जिसमें आठ वेंटिलेटर होंगे।
आइसीयू के लिए जगह भी निर्धारित हो चुकी है। वहीं संस्थान में प्रशिक्षित चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ भी संस्थान में मौजूद हैं। डॉ.राम मनोहर लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ.दीपक मालवीय ने बताया कि वेंटिलेटर और आवश्यक उपकरणों की खरीद प्रक्रिया चल रही है। हमारे यहां प्रशिक्षित चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ मौजूद हैं। जनवरी माह के अंत तक मैटरनल आइसीयू के शुरू होने की उम्मीद है।