दारोगा को टॉमा सेंटर में रात भर इलाज न मिलने पर मानव अधिकार आयोग खफा
human rights commission says Chancellor of KGMU investigate that sub-inspector was not treated at trauma center
लखनऊ, जेएनएन। हनुमान सेतु के पास सड़क हादसे में दारोगा के घायल होने के बाद रात भर टॉमा सेंटर में इलाज न मिलने की घटना का स्वतः संज्ञान लेकर उप्र मानवाधिकार आयोग ने केजीएमयू के कुलपति को निर्देश दिया है कि वे इस घटना की सत्यता की पूरी जांच कर के आयोग चार सप्ताह के भीतर पूरी जानकारी से अवगत कराएं।
ये हादसा विगत शनिवार की दोपहर हुआ। हनुमान सेतु के सामने नदवा मोड़ पर तेज रफ्तार कार ने बेरीकेडिंग तोड़ कर चैकी इंचार्ज लविवि अभय सिंह को घायल कर दिया था। उसने मोड़ पर गाड़ी की रफ्तार कम नहीं की थी, जिसकी वजह सीधे आकर बेरीकेडिंग से टकरा गया, जिससे उसके पीछे खड़े हुए अभय सिंह और उनके साथ महिला सिपाही किरन भी घायल हो गई थी। हादसे में दारोगा अभय सिंह के दाहिने पैर की हड्डी टूट गई थी। आरोप है कि वे जब अस्पताल ले गए तो उनको ये कह कर इलाज शुरू नहीं किया गया कि जब तक कोरोना रिपोर्ट नहीं आएगी तब तक इलाज नहीं किया जा सकता। आरोप है कि वे रात भर तड़पते रहे। इस हादसे को लेकर लापरवाही पर उप्र मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति केपी सिंह और सदस्य ओपी दीक्षित ने स्वतः संज्ञान लिया है।