जिंक की डोज से बढ़ाएं बच्चों की आंतों की ताकत, सर्दी-जुकाम में इन बातों का रखें ध्यान
केजीएमयू के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ कुंवर ने सर्दी से बच्चों के बचाव के उपाय बताए।
लखनऊ, जेएनएन। ठंड में बच्चे बार-बार सर्दी-जुकाम, बुखार, डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में जहां जिंक की डोज देकर उनकी आंतों की क्षमता में इजाफा करें। वहीं, जुकाम में गर्म पेय पदार्थ देकर शरीर को राहत पहुंचाएं। बेवजह एंटीबायोटिक दवा देने से परहेज करें। गुरुवार को केजीएमयू के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सिद्धार्थ कुंवर ने सर्दी से बच्चों के बचाव के उपाय बताए।
सर्दी में ये हो रहीं बीमारियां
ओपीडी में कॉमन कोल्ड यानी कि वायरल राइनाइटस, कोल्ड डायरिया, अस्थमा, निमोनिया, एलर्जिक राइनाइटस, ब्रांकियोलाइटस आदि समस्या के बच्चे अधिक आ रहे हैं। वहीं, सर्दी-जुकाम, बुखार, खांसी की समस्या तो आम है।
छह माह तक सिर्फ कराएं स्तनपान
बच्चों की आंत की क्षमता वैसे भी कम होती है। इनमें लूज मोशन का खतरा हरदम बना रहता है। वहीं शहद, घुट्टी व बोतल के दूध के सेवन से बच्चों की आंत में संक्रमण का खतरा और बढ़ जाता है। इस मौसम में अत्यधिक लूज मोशन की शिकायत बच्चों को विंटर डायरिया की चपेट में ला सकता है। लिहाजा छह माह तक बच्चों को सिर्फ स्तनपान ही कराना उचित है। वहीं इससे अधिक उम्र के बच्चों को पौष्टिक आहार दें।
नहलाने के बजाय गुनगुने पानी से साफ करें बदन
नवजात को ठंड में अधिक नहलाने से बचें। गुनगुने पानी से उसके बदन को रोजाना साफ कर दें। साथ ही उसके सिर को अधिक देर तक न भिगोएं, क्योंकि बच्चों में सर्दी सिर व कान के जरिये ही लगती है।
बच्चे को छाती से लगाएं
मां छोटे बच्चों को अपने छाती से लगाएं रखें। इससे बच्चे के शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। इसे कंगारू केयर कहते हैं। यह प्रक्रिया बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद होती है। इससे बच्चा हाईपोथेरिमिया का शिकार नहीं होता है।
बच्चों को दें जिंक की डोज
आंतों के ऊपर सेल्स की लाइनिंग होती है। वहीं, इंफेक्शन होने पर आंतों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में दस्त होने पर बच्चों को जिंक की डोज दें। छह माह तक के बच्चों को रोजाना 10 एमजी जिंक व इससे ऊपर के बच्चों को 20 एमजी जिंक की डोज दें। जिंक रोजाना 14 दिन तक दें। इससे आंतों की क्षमता बढ़ जाती है।
सवाल : पांच वर्ष का बेटा है। जुकाम के साथ-साथ बार-बार दस्त आ रहा है। क्या करें।- महादेव तिवारी, गोंडा
जवाब : उसे जिंक की डोज दें। इससे आंतों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। साथ ही खानपान में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
सवाल : डेढ़ वर्ष का बच्चा है। खांसी आ रही है। इंजेक्शन लगवाने पर शरीर ढीला हो गया।- ओमप्रकाश, अयोध्या
जवाब : वर्तमान में बच्चों को जो खांसी हो रही है, इसमें इंजेक्शन देने की कोई जरूरत नहीं है। एक बार बच्चे को बालरोग विशेषज्ञ को दिखा लें।
सवाल : सर्दी में मुझे सांस फूलने की दिक्कत बढ़ जाती है। दवा से राहत नहीं मिल रही है। - जय हिंंद, महमूदाबाद
जवाब : आपको बार-बार यह दिक्कत हो रही है। बीड़ी-सिगरेट की लत रही है। ऐसे में सीओपीडी का खतरा है। एक बार चेस्ट विशेषज्ञ को दिखा लें।
सवाल : सुबह-सुबह खांसी आती है। गले में खरास हर वक्त बनी रहती है।- अमीरुद्दीन, बलरामपुर
जवाब : बार-आर यह दिक्कत हो रही है तो संक्रमण नहीं होगा। आपको एलर्जी की दिक्कत हो सकती है। जांच कराकर इलाज शुरू कराएं, जल्द राहत मिल जाएगी।
सवाल : छह माह का बच्चा है। सर्दी-जुकाम हुआ है। ठीक नहीं हो पा रहा है।- मुशीर, मडिय़ांव
जवाब : जुकाम ठीक होने में सामान्यत : सात दिन लग जाते हैं। बच्चे की पसली नहीं चल रही तो घबराने की जरूरत नहीं है। छह माह का हो गया है तो अब उसे ऊपरी खाना भी दें।
सवाल : इस मौसम में सर्दी से बचाव कैसे करें। - पवन कुमार, हरदोई
जवाब : गर्म कपड़े कई लेयर में पहनें। ब्लोअर में रहने पर अचानक ठंड में न निकलें। ठंड पेय पदार्थों के सेवन से बचें।
सवाल : डेढ़ माह का बच्चा है। एक आंख से लगातार आंसू निकलते रहते हैं।- शुभम, बालामऊ
जवाब : नाक लगातार बंद होना, जुकाम बने रहने से आंख से आंसू आते हैं। इससे घबराएं नहीं, एक बार आंख के डॉक्टर को भी दिखा लें।
सवाल : 17 माह की बेटी है। वह जुकाम से काफी परेशान है।- प्रदीप, काकोरी
जवाब : गुनगुने पानी से उसकी साफ-सफाई करें। नेजोक्लियर ड्रॉप डालें। अन्य कोई इलाज की जरूरत नहीं है। खुद ठीक हो जाएगा।
सवाल : एक वर्ष की बच्ची है। तीन-चार दिन से सर्दी लगी है। जुकाम है, ठीक नहीं हो रहा है।- उपदेश तिवारी, हरदोई
जवाब : सात दिन में जुकाम ठीक हो जाएगा। उसको सर्दी से बचाव के उपाय रखें। बेवजह एंटीबायोटिक देने की जरूरत नहीं है।
सवाल : 15 वर्ष का बेटा है। कुछ दिन पहले जुकाम आया। अब उसे सुनने में भी दिक्कत हो रही है।- वंदना सिंह, लखनऊ
जवाब : कान की यूजटेकियन नली में संक्रमण की संभावना है। एक बार ईएनटी चिकित्सक को दिखा लें। दवा से ठीक हो जाएगा।
सवाल : पत्नी के जननांगों से सफेद फ्ल्यूड आ रहा है। क्या करें।- राजकुमार, बाराबंकी
जवाब : संक्रमण की संभावना है। उन्हें स्त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। जांच के बाद इलाज शुरू होगा।
सवाल : बच्चे को बुखार व जकडऩ है। सात दिन हो गया, राहत नहीं मिली।- संदीप तिवारी, लखनऊ
जवाब : सप्ताह भर में ठीक नहीं हुआ तो बाल रोग विशेषज्ञ को दिखा लें। उसे गर्म पेय पदार्थ दें। खासकर सूप का सेवन कराएं।
सवाल : छोटे-बेटे को अक्सर सूखी खांसी बनी रहती है, क्या करूं।- अर्चना, बाराबंकी
जवाब : यदि एलर्जिक कारण नहीं है, तो यह समस्या बच्चे का पूरा टीकाकरण न होने से भी हो सकती है। बचे हुए टीके अवश्य लगवाएं, साथ ही बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाकर दवा लें।
सवाल : बच्चे को रोजाना तीन-चार दस्त आते हैं व खांसी-जुकाम बना रहता है।- रामपाल, सीतापुर
जवाब : तीन-चार दस्त छोटे बच्चों को आना सामान्य बात है। यदि बच्चे को खांसी-जुकाम है तो यह मौसम के बदलाव का असर है। ठंढ से बचाव करें।
सवाल : बच्चे को नेबुलाइजेशन कराते हैं, फिर भी सर्दी दूर नहीं हो रही है।- अंकित, हरदोई
जवाब : यदि बच्चे में दूध पीते वक्त हफनी या पसली चलने जैसे लक्षण हों, तो हार्ट में दिक्कत, निमोनिया, अस्थमा आदि की समस्या हो सकती है, मगर इससे घबराने की जरूरत नहीं है। संबंधित समस्याओं की जांच कर बीमारी का मुख्य कारण पता कर इलाज कराएं।
सवाल : बच्चे में एलर्जी की समस्या है, कैसे निजात मिलेगी।- माधवन, लखीमपुर
जवाब : एलर्जी का कोई माकूल इलाज नहीं है, बल्कि उसे कारकों से बचाव करना ही मुख्य उपाय है। धूल, धुआं, सुगंध जिससे एलर्जी हो उसे पहचाने और फिर बचाव करें। अधिक दिक्कत होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
रखें ध्यान
- बच्चों को सभी टीके लगवाएं
- पानी को उबाल कर दें
- एक-दो मोटे कपड़े पहनाने के बजाय चार-पांच लेयर में गर्म कपड़े पहनाएं
- गीले कपड़े होने पर तुरंत बदल दें
- रात में बच्चों को डायपर पहनाएं ताकि कपड़े गीले होने से बचें
- डायपर को पांच-छह घंटे में अवश्य बदल दें
- अधिक नहलाने से बचें
- खुली जगह में न नहलाएं
- डायरिया होने पर जिंक और ओआरएस का घोल दें
- बड़े बच्चों को पौष्टिक आहार दें, इसमें मौसमी फल, हरी सब्जियां, दाल में बथुआ, मेथी, सोया, पालक पका कर खिलाएं।
ये हैं डेंजर साइन
- सांस का तेज चलना यानी कि शून्य से दो माह के बच्चे में 60 से ज्यादा, दो माह से एक वर्ष में 50 से ज्यादा, एक से पांच वर्ष में 40 से ज्यादा, पांच वर्ष से अधिक में 30 से ज्यादा प्रति सेकेंड सांस का चलना बीमारी का लक्षण है।
- पसली चलना
- नाक, होंठ, जीभ, पैर-हाथ का नीला पड़ाना
- बच्चे का कराहना
- बच्चे का शरीर ठंडा पडऩा
- दूध पीना छोड़ देना
- पैर के तलवे व हथेली का पीला होना
- शरीर पर दस से ज्यादा दाने या फोड़ा निकलना
- मवाद या रक्तस्राव होना
- बच्चे का सुस्त होना
- उल्टी-दस्त आना
- बच्चे को झटके आना
- तेज बुखार आना।